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Showing posts with the label India-China tension||भारत - चीन तनाव||

*ध्यान दें,* *देश में क्या चल रहा है,* *शायद हम अभीतक सो रहे हैं..?* 👇 सिर्फ पेट्रोल-डीजल ही महंगा नही हुआ ..? 2014 के पहले सरसो तेल 65 रुपये प्रति लीटर था। *अब 210 रुपए प्रति लीटर*

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 *ध्यान दें,* *देश में क्या चल रहा है,* *शायद हम अभीतक सो रहे हैं..?* 👇 सिर्फ पेट्रोल-डीजल ही महंगा नही हुआ ..? 2014 के पहले सरसो तेल 65 रुपये प्रति लीटर था। *अब 210 रुपए प्रति लीटर* चीनी 25 रुपये प्रति किलो थी। *अब 42 रुपए प्रति किलो* *पुरे देश में सबसे महंगी बिजली उत्तर प्रदेश में मिल रही है* सीमेंट की कीमत 195 रुपये होगी। *अब 410 रुपए* स्टील की कीमत 3600 रुपये होगी, *अब 6500 रुपए* रेत थी 1500 रुपए की ट्राली, *आज 6000 रुपए की ट्रॉली* मोटरसाइकिल की कीमत 50,000 रुपये थी। *अब 90,000 रु.* मेडिक्लेम बीमा 1049 रुपये प्रति 1 लाख था, *अब रु.4100* डिश रीचार्ज 110 रुपए था, *अब 450 रुपए* 350 रुपये का था गैस सिलेंडर, *अब 880 रु* गैस सब्सिडी 250 रुपये थी, *अब 0 जीरो* यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए अधिकतम 100 रुपये, *अब रु.10000* *60 साल में अकेले देश का था 55000 करोड़ का कर्ज,* अब 1 लाख 8000 करोड़ है *ड्राईविंग लाईसेन्स 250 मे बनता था* अब 5500 मे बनता है। *घरेलू असलहा का रिन्यूल 1000 में होता था* अब 6000 में होता है *27 करोड़ परिवार गरीबी रेखा से ऊपर थे,* अब 35 करोड़ परिवार गरीबी रेखा के नीचे

भारत-चीन सीमा विवादः क्या ‘एलएसी’ बन गया है ‘एलओसी’?

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  सलमान रावी बीबीसी संवाददाता इमेज स्रोत, GETTY IMAGES भारत और चीन की सेना बीच पिछले साल गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से एलएसी यानी लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव पसरा हुआ है. इस तनाव के चलते ही कुछ सामरिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को चीन से लगी अपनी सीमा के पास बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना बढ़ाने की दिशा में उतनी ही तेज़ी से काम करना चाहिए जितनी तेज़ी से चीन ने किया है. वैसे कुछ विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि भारत से लगी सीमा पर चीन ने सब कुछ अचानक नहीं किया है, बल्कि बीते दो दशक के दौरान उसने वहां धीरे-धीरे आधारभूत ढांचे तैयार किए हैं. हाल ही में  ब्लूमबर्ग  में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने चीन से लगी सीमा पर सैनिकों की तादाद काफ़ी बढ़ा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक़, "भारत ने चीन से लगी 'लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल' यानी 'एलएसी' पर पचास हज़ार अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है.'' ब्लूमबर्ग ने उत्तर क्षेत्र के पूर्व लेफ़्टिनेंट जनरल डी एस हुडा के हवाले से कहा है कि दोनों तरफ़ से फ़ौजों की इतनी बड़ी तैनाती ही चिंताजनक है. उन्होंन

भारत और चीन के बीच आखिर चल क्या रहा ?

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चीन ने एस जयशंकर की टिप्पणी पर कठोरता से दिया जवाब

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  24 जून 2021, 13:10 IST अपडेटेड 24 जून 2021, 13:15 IST इमेज स्रोत, GETTY IMAGES भारत और चीन के बीच सरहद पर जारी तनाव ख़त्म होता नहीं दिख रहा है. मंगलवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव में दो सबसे अहम मुद्दे हैं. पहला सीमा पर सेना की लगातार आमने-सामने तैनाती और दूसरा चीन बड़ी संख्या में सेना की तैनाती नहीं करने के लिखित वादे पर कायम रहेगा या नहीं. भारतीय विदेश मंत्री क़तर इकनॉमिक फोरम में बोल रहे थे. वहीं उनसे चीन के साथ सीमा पर तनाव को लेकर सवाल पूछा गया था. एस जयशंकर की इसी टिप्पणी पर चीन के विदेश मंत्रालय से बुधवार को सवाल पूछा गया तो चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बहुत कठोरता से जवाब दिया. विज्ञापन गलवान का एक साल: कैसे बिगड़े थे हालात, अब क्या है सीमा पर हाल? छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें गलवान का एक साल: कैसे बिगड़े थे हालात, अब क्या है सीमा पर हाल? चीन भारत सीमा विवाद: एक साल बाद क्या है गलवान घाटी की स्थिति भारत-चीन सीमा विवादः लद्दाख में अब भी कई जगह आमने-सामने हैं सेनाएँ भारत-चीन सीमा विवाद: साल भर