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दलित युवकों को पीटकर गुप्तांगों में पेट्रोल डाला गया , दलितों की हालत बद से बदतर ।

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राजस्थान के नागौर में दो दलित युवकों को पीटकर, गुप्तांगों में पेट्रोल डाला गया नारायण बारेठ जयपुर (राजस्थान) से, बीबीसी हिन्दी के लिए इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट SM VIRAL GRAB राजस्थान में नागौर ज़िले के करणू गाँव में दो दलित युवकों को महज़ संदेह के आधार पर बड़ी बेरहमी से पीटा गया, उनके गुप्तांगों में पेट्रोल डाला गया, उन्हें यातनाएं दी गईं और इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया गया जिसमें कुछ अभियुक्तों को मुस्कुराते हुए देखा जा सकता है. चार दिन पुरानी इस घटना का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो सनसनी फैल गई, पुलिस हरकत में आई और गुरुवार को इस घटना के विरोध में दलित समाज के लोगों ने नागौर में बड़ा प्रदर्शन किया. पुलिस के अनुसार इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है और पीड़ित विसाराम और उनके चचेरे भाई पन्ना राम की मेडिकल जाँच करवा ली गई है. दोनों पीड़ित युवक नायक बिरादरी से हैं. नायक समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश नायक ने मीडिया

हिंदू राष्ट्रवाद को चुनौती देना चाहते हैं ये दलित ब्रैंड्स

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चिंकी सिन्हा बीबीसी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए दलित ब्रैंडः 'हमने गाली को ब्रैंड में बदल दिया' दक्षिण मुंबई में एक महंगे रीटेल स्टोर में जिस समय शहर के संपन्न लोग दलित उद्धार और 'बहिष्कृत लोगों' व फ़ैशन की दुनिया के मेल पर बात कर रहे थे, 32 साल के सचिन भीमा सखारे बाहर एक कोने में खड़े थे. ये सब हो रहा था बीते पाँच दिसंबर को. सचिन भीमा सखारे बताते हैं कि स्टोर में हुए इवेंट में 'चमार फ़ाउंडेशन' के सदस्यों द्वारा बनाए गए रबर के 66 बैग बिके. भीमा सखारे जानवरों की खाल से जुड़े काम करने वाले अनुसूचित जाति से उन 10 सदस्यों में से एक हैं जो सब्यसाची, राहुल मिश्रा और गौरव गुप्ता जैसे डिज़ाइनर्स के साथ एक प्रोजेक्ट के लिए जुड़े हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत ही ये चुनिंदा ख़ास बैग तैयार किए गए थे. Image caption एक ख़ास प्रोजेक्ट के तहत लॉन्च किए गए ये प्रोडक्ट इनकी बिक्री से मिलने वाला पैसा हाल ही में शुरू किए गए चमार फ़ाउंडेशन को जा