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सुचना अधिकार का कमाल भारस्ताचार पे लगाया लगाम.

रति के द्वारा सिक्चक नियोजन २००८ में हो रही गर्बरी पर लगा लगाम. बिहार में चल रहे सिक्चक भारती घोटाला पर लगाम लगाने में एक रति अप्प्लिकतिओन ने बार हे काम किया है, जब आवेदक मद कुसहर नदीम ने रति आव्न्दन दिनक २०.१२.२००८ भेजकर कर विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पुचा का एक तरफ विभाग ने १४.अगस्त २०१० के बाद होने वाली बहाली को अवैध घोसित करचुकी है,वहीँ दूसरी तरफ अख़बारों में इसतरह की लगातार खबरें आराही है ,जिससे पता चलरह है के मुखिया गी लोग लगातार बेक डोर से बहाली कर रहे हें आखिर विभाग इस्स्गार्बरी को पक्रेगी कैसे, और ये भी पुचा गया के विभाग हे बताये की इस्परकर की हुई गर्बरीको वह पक्रेगी कैसे, और इस्तातः के ८ परस्नो को जनाब नदीम ने सिक्चा विभाग से पुच डाला , बताया जाता है के नियोजन के बस कुछ दिनों पहले विभाग ने आनन् फानन में आदेश निकला के ,सिर्फ उन्ही लोगों की बहाली होगी गिनके सर्तिफिकाते की जाँच सम्बंधित उनिवेर्सित्य,बोर्ड ,कोल्लेगेस से विभाग ने कराये हैं, बताया जरह है के ७०००० हजार सीट्स के खेलाफ़ सिर्फ ३५००० हजार हे बहाली होने ये रति आवेदन बहुत बार कारन बनकर सा

एक अधिकारी के कारण बढ़ रही सैनकरों गरीबों की परेशानी

सुशासन बाबू के एक अधिकारी की कहानी आर टी आई की जुबानी जब पुरबी चंपारण के जिला के कल्यानपुर पर्खंड के बी डी ओ को उनके प्रखंड से जुरे छेत्रो में चल रहे विकास कार्यों के परताल और shikchak भर्ती सहित अनेक कार्यो का जाएजा लेने हेतु आर टी आई का सहारा लिया गया तो कई चौकाने वाले तथ्यों को छुपाने की खातिर सम्बंधित पदाधिकारी यानी बी डी ओ ने कई भ्रामक बाते लिखकर कर भेज डाले, आशंका ये जताई जारही है के बारे घोटालों को दबाने केलिए ऐसा कारनामा किया ,८० पेज के बदले १ पेज लिखकर भेजा गयाऔर आयोग को ये बताया के साडी सुचना भेजदिया गया है ,आखिर जब घोटाला नहीं हुआ तो फिर इतना पैंतरा देने की जरुरत क्यों पर्रही .