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Gunjan patel&uske dosto ko chode jane par hangama keyon hai?

Gunjan patel&uske dosto ko chode jane par hangama keyon hai?Dunia wishwas par tiki hai,samaj ka smamaj aur qanun par se wishwash se khatm hona achchi bat nahi,mahabodhi mandir mandir me huye dhamake ki janch desh ki sabse wishwashniye agency kar rahi,agency ne abtak ki puch-tach se saticefied hone k bad he choda hoga,aisi halat me,ek wishesh political party k jariye mudda banate huye wirodh kiya jana kitna uchit tha,kisi ko aropy,kisi ghatna me mahaj kisi party & samudaye wishesh se sambadh rahne k karan nahi banaya jana chahiye.aisa dharm aur qanun dono lehaj se galat hai.  www.biharbroadcasting.com
DM & SP motihari ke pas,Arun Raut(vill.ibrahimpur parsauni,p.s. fenhara,dist.motihari) ne gair qanuni dhang se sudi karobar karne wale dabang k jariye taqat ke balpar jamin qabja kiye jane ki shikayat dt. 27.6.13 ko ki thi,suchna k mutabik,victim ko insaf dene hetu koi karwai nahi ki gai ha.

ए टी एस और सी बी आई के खेलाफ़ जाँच की संभावना , पूर्व ए टी एस प्रमुख के पी रघुवंसी , राज वर्धन और सुबोध जैसवाल के रोल की जांच हो सकती है , सी बी आई के ए डी जी कुमार को भी जवाब देना पर सकता है .

ए टी एस और सी बी आई के खेलाफ़ जाँच की संभावना , पूर्व  ए टी एस प्रमुख के पी रघुवंसी , राज वर्धन और सुबोध जैसवाल के रोल की जांच हो सकती है  , सी  बी आई के ए डी जी कुमार को भी जवाब देना पर सकता है . न्यू दिल्ली ,2 5  मई 2013(एजेंसी ): माले  गाँव 2006 के बम ब्लास्ट में बेकसूर मुस्लिम नौजवानों को फंसाने वाले महाराष्ट्र  ए टी एस के अफसरानों और उनकी जांच को सही मानते हुए उन्ही दृष्टिकोण से मामले को आगे बढ़ाने वाले सी बी आई के अफसरों को अब अपनी इस हरकत (प्रथम दृष्टि  में भेदभावपूर्ण सोंच को साबीत करती है )पर जवाब देना पर सकता है , के  जानकारों में मुताबिक़ केंद्र ने इस इल्जाम को गंभीरता से लिया है के 9 बेकसूर मुसलमानों को बुरे नियत और बैमानी के तेहत फसाया गया था ..दिल्चश्प बात ये है के केंद्रीय सरकार की जानिब से ए टी एस और सी बी आई के खेलाफ जाँच के इशारे ऐसे वक़्त में मिल रहे , जब एक खोजी पत्रकार  आशीष  खेतान ने मुस्लिम नौजवानों के दहशतगर्दी के झूटे इल्जाम में फंसाए जाने से संबंधित हाई कोर्ट में लैटर पेटिसन  दाखिल किया है , केयाश लगाया जा रहा है के उपरोक्त petition पर अदालत के जरिये किस

सिस्टम की खराबी की वजह से इन्साफ मिलने में हो रही देर (सलमान खुर्शीद)

सिस्टम की खराबी की वजह से इन्साफ मिलने में हो रही देर  (सलमान खुर्शीद)  नै दिल्ली ,कांग्रेस के सिनिअर लीडर 2 3 मई 2013 (यू एन आई) कांग्रेस के सिनिअर नेता और केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज स्वीकार किया है के सिस्टम में ऐसी  खराबी  मौजूद है जिसके कारण आतंकी वारदातों  को अंजाम देने के नाम पर जेलों में बंद बेगुनाहों को इन्साफ मिलने में दिक्क़त हो रही ,ताहम उन्होंने दावा  किया है के उनकी सरकार हर आदमी को इन्साफ दिलाने के ओने अहद पर कायम है और इसके लिए हर मुमकिन कोशिश भी कर रही है . जनाब खुर्शीद पुलिस की हेरासत में खालिद मुजाहिद की मौत और उससे पूर्व के दुसरे मामलों के हवाले स्व पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे  , उन्होंने कहा के   एन आई ए  की स्थापना इसी मकसद के तेहत किया गया है ताके बेगुनाहों को इन्साफ मिल सके ,उन्होंने दवा किया है के इसके अच्छे रिजल्ट भी सामने आने भी लगे हैं . जिनका इससे पहले नोकसान हो चुका उनपर अब वह सिर्फ अफ़सोस ही कर   सकते  हैं  . खालिद के  के हवाले से जनाब खुर्शीद ने कहा के इस मामले को मुसलामानों के नजरिये से नहीं बलके मानवाधिकार के हवाले से उठाने की जरुरत है .उ

भेद भाव के कारण मुसलमानों में बढ़ रही असुरक्षा की भावना (काटजू) मुसलामानों को बदनाम करनेवालों क्व खेलाफ जस्टिस काटजू ने की बेबाक आलोचना सहारनपुर 1 7 मई (एजेंसी प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन मारकंडे काटजू ने गुजिस्ता दिनों एक सिम्पोजियम को खेताब करते हुए खुले तौर पर इस बात और इस सच्चाई को स्वीकार किया था के मुसलामानों के खेलाफ इम्तेयाजी सलूक अथवा भेदभावपूर्ण रवैया के कारण मुसलामानों में असुरक्षा की भावना बढ़ा है और इसी के साथ उनहोंने मीडिया को लताड़ा भी था के वह मुस्लिम कम्युनिटी के खेलाफ बेहूदा रिपोर्टिंग करके उनके किरदार अथवा छवी को संदेहास्पद बना रहा और वह अपनी गैर जिम्मेदाराना से पूर्ण पत्रकारिता के जरिये उनके हौसले को पस्त भी कर रहा है . जनाब जस्टिस काटजू ने कहा है के ये एक ऐसी हरकत है के जिसके खेलाफ आवाज उठाने की असल जरुरत है .

भेद भाव  के कारण मुसलमानों में बढ़ रही असुरक्षा की भावना (काटजू) मुसलामानों को बदनाम करनेवालों क्व खेलाफ जस्टिस काटजू ने की बेबाक आलोचना सहारनपुर 1 7  मई (एजेंसी प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन मारकंडे काटजू ने गुजिस्ता दिनों एक सिम्पोजियम को खेताब करते हुए खुले तौर पर इस बात और इस सच्चाई को स्वीकार किया था के मुसलामानों के खेलाफ इम्तेयाजी सलूक अथवा भेदभावपूर्ण रवैया के कारण मुसलामानों में असुरक्षा की भावना बढ़ा है और इसी के साथ उनहोंने मीडिया को लताड़ा भी था के वह मुस्लिम कम्युनिटी के खेलाफ बेहूदा रिपोर्टिंग करके उनके किरदार अथवा छवी को संदेहास्पद बना रहा और वह अपनी गैर जिम्मेदाराना से पूर्ण पत्रकारिता के जरिये उनके हौसले को पस्त भी कर रहा है . जनाब जस्टिस काटजू ने कहा है के  ये एक ऐसी हरकत है के जिसके खेलाफ आवाज उठाने की असल जरुरत है .                  इससे पूर्व जस्टिस काटजू ने अपने बेबाक बयानात में हर उस हिन्दुस्तानी फिरका की हेमायत में प्रेस की जमकर मुखालेफत की है के जिनको प्रेस अपने मुफाद के लिए और अपनी चटपटी सुर्ख़ियों के लिए इस्तेमाल कर रहा है , उन्होंने कहा के जब क

www.biharbroadcasting.com: Afroz Alam Sahilमैं सोच रहा हूं कि सरकार को एक ऐस...

www.biharbroadcasting.com: Afroz Alam Sahilमैं सोच रहा हूं कि सरकार को एक ऐस... : Afroz Alam Sahil मैं सोच रहा हूं कि सरकार को एक ऐसा कानून बना देना चाहिए कि जो भी मुसलमान आतंकवादी घटनाओं के नाम पर गिरफ्तार हो, उसे ...
Afroz Alam Sahil मैं सोच रहा हूं कि सरकार को एक ऐसा कानून बना देना चाहिए कि जो भी मुसलमान आतंकवादी घटनाओं के नाम पर गिरफ्तार हो, उसे तुरंत फांसी दे दी जाए... आखिर इतने सालों तक किसी को जेल में रखने से फायदा क्या... कोर्ट का महत्वपूर्ण समय भी बर्बाद होता है... और ज़्यादातर मामलों में कोर्ट इन्हें बेगुनाह ही साबित कर देती है... बेचारे हमारे पुलिस वालों को कुछ ज़्यादा ही मेहनत करनी पड़ जाती है... अब किसी को होशियारी के साथ जान से मारना भी तो मेहनत का काम है ना... कितना दिमाग लगाना पड़ता होगा... इन पुलिस वालों को तो अवार्ड दिया जाना चाहिए कि कहीं तो यह अपना दिमाग लगाते हैं... I am thinking that the Government should make a law that Muslims were arrested in the name of terrorist events, gave him instant executions. ... After all these years in prison up to benefit from ... The Court is also significant time waste ... And in most cases the Court gives them guiltless who misuses the same proven ... Poor have only our policemen more hard work is need ... Now anyone with a life even har