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www.biharbroadcasting.com: बिहार ब्राडकास्टिंग डॉट कॉम के जरिये मामला उठाये ज... : बिहार ब्राडकास्टिंग डॉट कॉम के जरिये मामला उठाये जाने के बाद शुरू हुई कार्रवाई , मामला पूर्बी चंपारण के फेन्हारा थाना के इब्राहिमपुर परसौनी...

बिहार ब्राडकास्टिंग डॉट कॉम के जरिये मामला उठाये जाने के बाद शुरू हुई कार्रवाई

बिहार ब्राडकास्टिंग डॉट कॉम के जरिये मामला उठाये जाने के बाद शुरू हुई कार्रवाई , मामला पूर्बी चंपारण के फेन्हारा थाना के इब्राहिमपुर परसौनी गाँव से जुदा हुआ. उपरोक्त गाँव का एक दबंग अपने पड़ोसी  अरुण राउत के जमीन बल पूर्वक कब्ज़ा करलिया था , मना करने पर दबंग ने पिटाई भी की थी , बेचारा अरुण जब थाना में इस बात की शिकायत की तो ऊँची पहुँच रखने वाला दबंग ने थाने को ही मैनेज कर लिया , अरुण को बाद में किसी ने मेरे बारे में बताया , उसके बाद उसने मुझसे संपर्क किया , उसके बाद मेरे सलाह पे  एस पी पूर्वी चंपारण से संपर्क किया , लिखित शिकायत , एक साथ , एस पी , जिलाधिकारी पुरबी चंपारण के साथ शिकायत पत्र की चाय प्रति मुख्यमंत्री नितीश कुमार को भेजी गई, लेकिन ऊँची पहुँच रखने वाले दबंग ने फिर मामले को मैनेज कर लिया, 16 /06 /20013  को लिखे गए पत्र  को बुनियाद बनाकर जब www.biharbroadcasting.com ने अभियान चलाया उसके बाद प्रशाशन के कान खरे हुए , लम्बे उन्तेजार के बाद दिनांक 1 /10 /2013 को फेन्हारा थाना ने अब जाकर जांच शुरू की है।  ऐसे होता है बिहार में इन्साफ , बहर हाल biharbroadcasting.com का अभियान का फ

पूर्बी चंपारण के झोला छाप चिकित्सकों के खेलाफ चलेगा विशेष अभियान?

पूर्बी चंपारण के झोला छाप चिकित्सकों के खेलाफ चलेगा विशेष अभियान , आज इस बात की जानकारी जिले की महिला  सिविल सर्जन श्री मती सरोज सिंह ने ,आज विशेष बात चीत में कही हैं , ऐसे बताते चलें के श्रीमती सरोज सिंह के आने से जिले में चिकित्सा विभाग में कई तरह के गलत कामों पर लगाम लगा है , उमीद की जा रही है के , श्रीमती सरोज गरीबों की जिंदगी से खेलवाड़ करने वाले फर्जी चिकत्सकों से निजात दिलाने में कामयाब हो जायेंगी।

दिल्ली पुलिस ! दहशतगर्द बनाने का कारखाना ?

                    उर्दू दैनिक फारुकी तंजीम के सम्पद्किये दिनांक (23. 8 . 1 3) से जम्मू  कश्मीर सरकार ने एक पोलिसी का एलान किया था , के दहशतगर्दी में शामिल लोग सीधे रास्ते पर आना चाहें इन रिहैबिलिटेशन प्रदेश सरकार करेगी , इस पोलिसी के घोसना के तेहत पकिस्तान और गुलाम कश्मीर में रह रहे बहुत सारे दहशतगर्दों आत्मसमर्पण की थी , सरकार की पोलिसी का फायेदा उठाकर नै जिंदगी शुरू की , २० मार्च 2013 को ऐसा हे एक दहशतगर्द सैयद लियाक़त अली वाया नेपाल भारत में दाखिल हुआ , उसके साथ उसकी बीवी और बच्चे भी थे उसका मकसद जम्मू कश्मीर सरकार की पोलिसी के तेहत आत्मसमर्पण करने के बाद , नई और शांत जिदगी की शुरुआत करना था , उसने अपने आमद और मकसद से कश्मीर सरकार को आगाह भी कर दिया था , ये इत्तेला देहली पुलिस को भी हाथ लग गई और इसने नेपाल , भारत सीमा पर सैयद लियाक़त अली और उसकी बीवी और बच्चों को गरफ्तार कर लिया , लियाक़त अली कहता रहा के वह दहशतगर्द था , लेकिन अब कश्मीर सरकार की नई घोषणा के मुताबिक़ REHABILITATION  प्रोग्राम के तेहत गुलाम कश्मीर से आया है ,लेकिन डेल्ही पुलिस ने इस एक नहीं सुनी और इसे गिरफ्ता

इन्साफ करने वाले लोगों के कारनामे देखिये

इन्साफ करने वाले लोगों के कारनामे देखिये ! अरुण राउत , ग्राम इब्राहिमपुर परसौनी , थाना  फेन्हारा , जिला पुरबी चंपारण ने अपने जिलाधिकारी और एस पी के साथ बिहार के मुख्यमंत्री जनाब नीतीश कुमार के पास 16 /06 /2013  को पत्र  लिख कर सूचना दी के हमारे जमीन  को दबंगों ने बल पूर्वक  कब्ज़ा कर  लिया है , मगर आज तक इन अधिकारीयों ने इस मामले की ओर धेयान नहीं दिया , जरा सोंचिये इस आज़ाद हिन्दुस्तान के अधिकारी क्या करते हैं ? किस बात का पैसा खाते हैं , जब कोई बड़ी घटना घाट जाती है तो बड़े बड़े डायलाग  मारने से बाज भी नहीं आते , अगर अरुण राउत के साथ कुछ हो जाता है , या अरुण राउत जैसे लोग कानून अपने हाथों में लेलें तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा?

संसद हमले पर आज तक कोई रिपोर्ट नहीं

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संसद हमले पर आज तक कोई रिपोर्ट नहीं Posted on: 15-July-2013 Posted by: Afzal Hussain khan  email: afzalhussain05@gmail.com Posted by: admin July 15, 2013 in Exclusive, Latest News, Lead Leave a comment Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines 13 दिसम्बर, 2001 को संसद और 26 नवम्बर, 2008 को मुम्बई में हुए ‘आतंकी हमला’ पर आरंभ से ही सवालिया निशान लगते रहे हैं. ये दोनों ही घटनाएं शुरु से ही संदिग्ध रही हैं. यही नहीं, देश के तमाम मानवाधिकार संगठनों, प्रतिष्ठत पत्रकारों और यहां तक की कई सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों तक ने भी इन दोनों घटनाओं की सत्यता पर सवाल उठाए हैं. लेकिन अब गृह मंत्रालय के पूर्व अवर सचिव आरवीएस मणी के इस बयान ने कि ‘दोनों आतंकी हमले की साजिश तत्कालीन सरकारों ने रची थी और इसका मकसद था आतंकवाद के खिलाफ कानून को मज़बूत करना…’ ने भारतीय राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है. वहीं वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया को पिछले दिनों आरटीआई से मिले जानकारी और भी गंभीर सवाल खड़े करते हैं. No any reports on parliament attackवेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. क़ासिम रसू
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exposed Posted on: 15-July-2013 लखनऊ : जिस तरह से गृह मंत्रालय के पूर्व अधिकारी आरवीएस मनी ने इशरत जहां मामले की जांच कर रहे सीबीआई और एसआईटी टीम का हिस्सा रहे आईपीएस अधिकारी सतीश वर्मा से हुई बातचीत कर खुलासा करते हुए कहा कि सतीश वर्मा ने उन्हें बताया था कि संसद पर हुआ आतंकी हमला और 26/11 को मुबंई पर हुए हमले दोनों ही आतंकी हमले सरकारों ने आतंकवाद से लड़ने के नाम पर सख्त कानूनों को बनाने के लिए करवाए थे, को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा तत्तकाल संज्ञान में लेते हुए इन दोनों घटनाओं की जांच कराने की मांग करते हुए रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने कहा कि ये दोनों ही घटनाएं शुरु से ही संदिग्ध रही हैं और तमाम मानवाधिकार संगठनों, प्रतिष्ठत पत्रकारों और यहां तक की कई सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों तक ने भी इन दोनों घटनाओं की सत्यता पर सवाल उठाए हैं. SC must take cognizense of new revelations regarding Govts role in Parliament attack and 26/11 & order probeमोहम्मद शुऐब ने कहा की यह बात सामने आ रही है कि देश में काले कानूनों को बनाने के लिए देश में आईबी आतंकी वारदातों को अंजाम देत