Posts

जामिया में सीएए के विरोध मार्च में एक शख़्स ने चलाई गोली, एक छात्र घायल

Image
इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट REUTERS दिल्ली के जामिया इलाक़े में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ निकाले गए एक मार्च में एक व्यक्ति ने फ़ायरिंग की. पुलिस में फ़ायरिंग करने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है. छोड़िए फ़ेसबुक पोस्ट BBC News हिन्दी पोस्ट फ़ेसबुक समाप्त BBC News हिन्दी समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, एक युवक को गोली लगी है जिसे जामिया का छात्र बताया जा रहा है. घायल छात्र को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इमेज कॉपीरइट REUTERS एएनआई के अनुसार गोली चलाने वाले व्यक्ति से पुलिस पूछताछ कर रही है. एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में इलाक़े के डीसीपी चिनमय बिस्वाल ने इस बात की पुष्टि की है कि पिस्तौल लहराते हुए एक व्यक्ति ने फ़ायरिंग की जिसमें एक युवक को गोली लगी है. null और ये भी पढ़ें जामिया प्रदर्शन में दिल्ली पुलिस ने चलाई गोली? जामिया मामले पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार जामिया हिंसा में तीन लोगों को लगी

कन्हैया कुमार को जन-गण-मन यात्रा से पहले पुलिस ने हिरासत में लिया

Image
इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट TWITTER वामपंथी नेता और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को बिहार के चंपारण में पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. ट्विटर पर कन्हैया कुमार ने यह जानकारी साझा की है. उन्होंने लिखा है, "आज बापू-धाम (चंपारण) में गांधीजी को नमन करके ग़रीब-विरोधी CAA-NRC-NPR के विरोध में एक महीने की जन-गण-मन यात्रा की शुरूआत होनी थी. समाज के सभी तबक़ों के लोग इस यात्रा में शामिल होने के लिए मौजूद थे, लेकिन प्रशासन ने कुछ देर पहले सबको हिरासत में ले लिया है." इमेज कॉपीरइट NIRAJ PRIYADARSHI बुधवार को कन्हैया कुमार ने बताया था कि 'वे एक महीने लंबी जन-गण-मन यात्रा करने वाले हैं जो बिहार के लगभग सभी प्रमुख शहरों से गुज़रेगी और इस दौरान क़रीब 50 सभाएँ होंगी'. कन्हैया कुमार ने नारा दिया था, "सुनलो ओ जुमला सरकार, देश की जनता करे पुकार, नहीं चलेगा CAA-NRC-NPR, हमें चाहिए शिक्षा-रोजगार". छोड़िए ट्विटर पोस्ट @kanhaiyakumar

महात्मा गांधी की हत्या की छह कोशिशों की कहानी

Image
मधुकर उपाध्याय बीबीसी हिंदी के लिए इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट UNIVERSAL HISTORY ARCHIVE/GETTY IMAGES महात्मा गांधी की ज़िंदगी एक खुली किताब की तरह थी. बहुत सारी चीज़ें उसमें होती रहती थीं और बहुत सारी चीज़ें लोगों की नज़र में रहती थीं. इसलिए उनसे कोई काम छिपाकर करना या खुद गांधी जी का कोई काम छिपकर करना, बिना किसी को इत्तीला किए करना, ये मुमकिन था ही नहीं. ये गांधी जी की जो नीति थी, उसके हिसाब से बिलकुल ठीक था. उनके ऊपर छह बार जानलेना हमले हुए. पहला हमला 1934 में पुणे में हुआ था. जब एक समारोह में उनको जाना था, दो गाड़ियां आईं, लगभग एक जैसी दिखने वाली. एक में आयोजक थे और दूसरे में कस्तूरबा और महात्मा गांधी यात्रा करने वाले थे. जो आयोजक थे, जो लेने आए थे, उनकी कार निकल गई और बीच में रेलवे फाटक पड़ता था. महात्मा गांधी की कार वहां रुक गई. null और ये भी पढ़ें गणतंत्र दिवस परेड में जब बमवर्षक विमानों ने दी थी पहली सलामी कहानी महारानी विक्टोरि