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ब्लैक फंगस कोरोना की तरह नहीं फैलता: डॉ. रणदीप गुलेरिया
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2 मिनट पहले कोरोना महामारी के साथ ब्लैक फंगस को लेकर लोगों में डर बढ़ रहा है. दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को इस बीमारी को लेकर अहम जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस कम्यूनिकेबल डिज़ीज़ नहीं है. यानी यह कोरोना की तरह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता. डॉ. गुलेरिया ने यह भी कहा कि फंगल इनफ़ेक्शन को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैली हैं. (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक , ट्विटर , इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
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फ़लस्तीनी महिला लैला ख़ालिद, जिसने हाइजैक किया था इसराइली विमान
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रेहान फज़ल बीबीसी संवाददाता 22 मई 2021 इमेज स्रोत, GETTY IMAGES 29 अगस्त 1969 का दिन. रोम हवाई अड्डे पर सफ़ेद सूट और सनहैट पहने और बड़ा धूप का चश्मा लगाए एक 25 वर्षीय युवती फ़्लाइट TWA 840 का इंतज़ार कर रही थी. अंदर से वो बहुत नर्वस थी. हॉलिवुड अभिनेत्री ऑडरी हेपबर्न की तरह दिखने वाली ये युवती एयरपोर्ट सिक्यॉरिटी को झाँसा देकर एक पिस्टल और दो हैंड ग्रेनेड अंदर लाने में सफल हो गई थी. वो ये दिखाने की कोशिश कर रही थी कि वेटिंग लाउंज में बैठे एक और शख़्स सलीम इसावी को वो नहीं पहचानती है. ये शख़्स पॉपुलर फ़्रंट फॉर लिबरेशन ऑफ़ फ़लस्टाइन की चे ग्वारा कमाँडो यूनिट का एक महत्वपूर्ण सदस्य था और उस युवती का नाम था लैला ख़ालिद. लैला ख़ालिद बेरूत से अकेले उड़ कर रोम पहुंची थीं. लैला और उसके साथी इसावी ने जानबूझकर फ़र्स्ट क्लास में अपनी सीटें बुक की थीं ताकि उन्हें विमान के कॉकपिट तक पहुंचने में आसानी हो. लैला ख़ालिद 1973 में प्रकाशित अपनी आत्मकथा 'माई पीपल शैल लिव' में लिखती हैं, 'चूँकि मैं और इसावी अलग-अलग बैठे थे इसलिए शिकागो में रहने वाला एक ग्रीक अमेरिकन मुझमें कुछ ज़्यादा ही रुच