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एक महिला ने एक साथ 10 बच्चों को जन्म दिया

  11 जून 2021 दक्षिण अफ्रीका की राजधानी प्रिटोरिया में एक महिला ने एक साथ दस बच्चों को जन्म दिया है. मेडिकल साइंस में इस घटना को एक नए विश्व रिकॉर्ड की तरह देखा जा रहा है. गोसियाम थमारे सिटहोले के पति टेबोहो त्सोतेत्सी ने बताया कि दस बच्चे देखकर वे अचंभित रह गए. डॉक्टरों ने उन्हें अल्ट्रासाउंड के जरिये गर्भ में केवल आठ बच्चों के होने की बात बताई थी. बच्चों के जन्म के बाद टेबोहो त्सोतेत्सी ने प्रिटोरिया न्यूज़ को बताया, "सात लड़के हैं और तीन लड़कियां. मैं बहुत खुश हूं. भावुक हो रहा हूं. ज्यादा बात नहीं कर सकता." दक्षिण अफ्रीका के एक अधिकारी ने बीबीसी से दस बच्चों के जन्म की पुष्टि की है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अभी तक बच्चों को देखा नहीं है. बच्चों का जन्म सोमवार को हुआ था. स्टोरी: टीम बीबीसी आवाज़: पायल भुयन वीडियो एडिटिंग: रुबाइयत बिस्वास ( बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप  यहां क्लिक  कर सकते हैं. आप हमें  फ़ेसबुक ,  ट्विटर ,  इंस्टाग्राम  और  यूट्यूब  पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

दलित युवकों की हुई पिटाई , वजह जान कर हो जाएंगे हैरान ।।

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  यहां ऊंची जाति के लोगों का बाल कटता है' कह कर बाल कटाने पहुंचे दलित युवकों की पिटाई इमरान क़ुरैशी बेंगलुरु से, बीबीसी हिंदी के लिए 11 जून 2021 इमेज स्रोत, HANUMANTHA इमेज कैप्शन, हनुमंता "उन्होंने हमसे कहा कि तुम चाहे जहां हो हम तुम्हें ज़िंदा जला देंगे. हम चाहे जहां रहें, हम चाहे जो करें, हम पर लगातार ख़तरा मंडराता रहता है. इसलिए हमने ख़ुदकुशी का फ़ैसला किया." बीते सोमवार को कर्नाटक के एक गांव में अपनी जान देने की कोशिश करने वाले हनुमंता बता रहे थे कि आखिर उन्होंने ख़ुदकुशी के बारे मे क्यों सोचा. 27 बरस के हनुमंता के साथ उनके 22 साल के भतीजे बसवा राजू ने भी आत्महत्या का प्रयास किया लेकिन दोनों की जान बच गई. पुलिस के मुताबिक जिस विवाद को लेकर उन्होंने जान देने की कोशिश की, उसकी शुरुआत बाल कटवाने को लेकर हुई थी. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है. यह घटना कर्नाटक के कोप्पल ज़िले के होसाहल्ली गांव की है. उस दिन रविवार था. सबसे पहले बाल काटने वाले व्यक्ति ने उन्हें पूछा, "तुम यहां क्यों आए हो? हम सिर्फ़ लिंगायात (ऊंची और दबंग माने जाने वाली जाति) के

ब्लैक फंगस के बाद अब नये संक्रमण ने बढ़ाई बिहार की मुश्किलें, सिटी स्कैन में भी पकड़ पाना आसान नहीं, सामने आए मामले

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  पटना By Prabhat khabar Digital  Updated Date  Fri, Jun 11, 2021, 6:50 AM IST सांकेतिक फोटो  pti बिहार में कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस लोगों के लिए आफत बनकर सामने आई है. वहीं अभी स्वास्थ्य विभाग ने इस नये संक्रमण के लिए अपनी तैयारी शुरू ही की तबतक दूसरे संक्रमण ने भी प्रदेश में दस्तक दे दी है.एस्परगिलोसिस फंगस एक नया संक्रमण अब सामने आ चुका है जिसने बिहार में अब दस्तक दे दिया है. पटना के अस्पतालों में इसके कुछ मामले सामने आए हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस के मामले पाए जा रहे हैं. वहीं एस्परगिलोसिस का ठीक इसी तरह मिलता-जुलता संक्रमण ही है. लेकिन इसकी पहचान डॉक्टरों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिटी स्कैन में भी इसे आसानी से पकड़ पाना मुश्किल है. डॉक्टरों के लिए यह एक नयी चुनौती बन चुका है क्योंकि उन्हें इलाज के पहले कंफर्म होना पड़ता है कि मरीज ब्लैक फंगस का है या फिर एस्परगिलोसिस का. उसके बाद ही वो इलाज की प्रक्रिया शुरु कर सकते हैं. Also Read Black Fungus: टेबलेट खरीदने में मरीजों के छूट रहे पसीने, अस्पतालों को ब्लैक फंगस

बर्थडे स्पेशल: जब लोगों ने देखा लालू की पीठ पर थे लाठियों के गहरे निशान! जानें पूरी कहानी

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  Lalu Birthday: लालू यादव से जुड़े हुए कई दिलचस्प किस्से मशहूर हैं. इनमें से आपातकाल के दौर का एक वाकया काफी चर्चित है. देश में तब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने इमरजेंसी लगा दिया था. मीडिया से लेकर तमाम तरह की अभिव्यक्ति पर पाबंदी थी. लालू प्रसाद यादव की पुरानी तस्वीर NEWS18HINDI LAST UPDATED:  JUNE 11, 2021, 10:31 AM IST पटना.  राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव शुक्रवार को 74 साल के हो गए. 11 जून 1947 को गोपालगंज में जन्मे लालू प्रसाद यादव ने उम्र का लम्बा पड़ाव देखा है. इस दौरान उन्होंने राजनीति के उस मुक़ाम को हासिल किया जो किसी भी नेता का सपना होता है. लालू प्रसाद यादव ने अपनी राजनीतिक यात्रा जेपी आंदोलन से शुरू की थी. उन्होंने एक छात्र नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई. बाद में वह 1977 में तब के सबसे कम उम्र के सांसद चुने गए, फिर 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद फिर केंद्रीय मंत्री भी बने. लालू यादव से जुड़े कई दिलचस्प किस्से मशहूर हैं. इनमें से आपातकाल के दौर का एक किस्सा काफी चर्चित है. देश में तब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने इमरजेंस