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जम्मू-कश्मीर: नौकरी से बर्ख़ास्त किए गए कर्मचारियों का क्या कहना है?

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  माजिद जहांगीर बीबीसी हिंदी के लिए, कश्मीर से 2 घंटे पहले इमेज स्रोत, MAJID JAHANGIR/BBC इमेज कैप्शन, इदरीस जान मीर नौकरी से बर्ख़ास्त किए जाने के बाद 39 साल के इदरीस जान मीर के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि अब घर कैसे चलेगा? बीते ढाई माह से इदरीस रोज़गार की तलाश में हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. छोटा-मोटा व्यापार शुरू करना भी आसान नहीं, क्योंकि उनके मुताबिक़, "उसके लिए भी क़र्ज़ लेना पड़ेगा और क्या किया जाए ये भी एक बड़ा सवाल है." इदरीस जान मीर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की हाल में आई एक रिपोर्ट के बाद बर्ख़ास्त किए जाने वाले पहले सरकारी मुलाज़िम हैं. उन पर अलगाववादी विचारधारा रखने, पत्थरबाज़ी करने और अपने इलाक़े में हिंसा भड़काने का इलज़ाम है. कहा गया है कि उनके हिंसा भड़काने की वजह से सरकारी और सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुँचा. पिछले तीन-साढ़े तीन महीने के भीतर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 18 सरकारी कर्मचारियों को बर्ख़ास्त किया जा चुका है. इन लोगों को नौकरी से निकाले जाने का कारण 'राज्य के सुरक्षा हित' में उठाया गया कदम बताया गया है. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे ब

कितने बच्चे पैदा हों ये कौन तय करे, सरकार या औरत?

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  दिव्या आर्य संवाददाता 17 जुलाई 2021 इमेज स्रोत, ARINDAM DEY देश की ज़्यादा आबादी को कम करने के लिए जब सरकार फ़ैसले लेना चाहती है, तब उससे मची उथल-पुथल में बच्चे पैदा करनेवाली और गर्भनिरोध के तरीके अपनानेवाली औरतें सबसे ज़्यादा प्रभावित होती है. ये पहली बार नहीं है कि जनसंख्या के नियंत्रण के लिए भारत में प्रलोभन और दंड की नीति अपनाई गई हो. यानी परिवार छोटा रखने पर सरकार इनाम दे और ज़्यादा बच्चे पैदा करने पर सरकारी नीतियों और मदद से वंचित करे. पहले 1970 के दशक में देश में लगी इमरजेंसी के दौरान नसबंदी के कार्यक्रम से और फिर 1990 के दशक में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए कई राज्यों में बाध्यकारी की गई 'टू-चाइल्ड' पॉलिसी के ज़रिए ऐसा किया जा चुका है. कुछ सबक़ 'वन-चाइल्ड' और 'टू-चाइल्ड' पॉलिसी लागू करनेवाले पड़ोसी देश चीन से भी लिए जा सकते हैं और कुछ जापान और दक्षिण कोरिया से. विज्ञापन अब असम और उत्तर प्रदेश की सरकारें ऐसी ही नीति अपनाना चाहती हैं. ऐसे में ये समझना ज़रूरी है कि इनसे पहले चलाई गई ऐसी मुहिम का भारत की आबादी पर और औरतों की ज़िंदगी पर कैसा असर पड़ा था? छोड़क