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यह फौज किस लिए है?

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Mohtashim Musa shared Pandit Rajeev's post. Pandit Rajeev यह फौज किस लिए है? इसको सीमा पर तैनात करो और हमले के लिए पाकिस्तान भेजो - - हथियार चलाने की ट्रेनिंग क्या केवल देश के अंदर दंगा भड़काने के लिए लेते हैं - राष्ट्रवादी देशभक्त हो तो साबित करो [Comments] is good,have a look at it! https :// m.facebook.com / story.php ? story_fbid =750091435131055& id =100003906163096& bacr =1474433021%3A1474433021%3A48%3A4844601828520788901%3A1474432737%3A0& refid =28&_ft_= qid .6332643018793460200%3Amf_story_key.-7232169228274893698# footer_action_list --------------------------------

जाकिर नाईक के ट्रस्ट के खिलाफ कोई सबूत नही

[जाकिर नाईक के ट्रस्ट के खिलाफ कोई सबूत नही - The Siasat Daily] is good,have a look at it! September 10, 2016 India, Islami Duniya, Khaas Khabar 0 Comments अंग्रेजी अखबार दा हिन्दू के मुताबिक जाकिर नाईक और उनके ट्रस्ट इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के खिलाफ कोई आरोप साबित नही हो पा रहा है अखबार के मुताबिक राजीव गाँधी चैरिटेबल ट्रस्ट ने जाकिर नाईक के एनजीओं से जो दान प्राप्त किया है वो नियम के अंतर्गत किसी तरह गलत नही है Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये कांग्रेस ने इसी का हवाला देकर मोदी सरकार पे जोरदार हमला किया है राजीव गाँधी चैरिटेबल ट्रस्ट FCRA के अतर्गत पंजीकृत है वही इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन FRA के तहत पंजीकृत है कांग्रेस ने मोदी सरकार पे हमला करते हुए कहा कि एक केन्द्रीय मंत्री ने संविधान की उस शपत का भी उल्लंघन किया है जिसमे उसने गोपिनियता के भंग ना होने की शपत ली थी कांग्रेस का हमला रवि शंकर प्रसाद पर था कांग्रेस ने केन्द्रीय मंत्री पे झूठ बोल के देश को गुमराह करने का इल्जाम लगाया .उधर नाईक के ट्रस्ट के स्पोक पर्सन आरिफ मालिक ने मीडिया को बताया है कांग्रेस

बक्सर ,सीवान , पूर्वी चंपारण समेत कई जिलों में खुलेंगे नए बीएड कॉलेज ।।

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राशि भी हो गई इन संस्थानों को आवंटित

इस आसन को प्रशासन कहते हैं

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देखिये प्रशासन का रूप ।

जब हमारी रोजमर्रा की ज़िन्दगी में मिलने वाले लोग "हिन्दू" या "मुसलमान" नहीं होते तो फिर क्या वजह है कि "चुनाव" आते ही हम "हिन्दू" या "मुसलमान" हो जाते हैं ?

Farhad Khan एक आम आदमी सुबह जागने के बाद सबसे पहले टॉयलेट जाता है, बाहर आ कर साबुन से हाथ धोता है, दाँत ब्रश करता है, नहाता है, कपड़े पहनकर तैयार होता है, अखबार पढता है, नाश्ता करता है, घर से काम के लिए निकल जाता है, बाहर निकल कर रिक्शा करता है, फिर लोकल बस या ट्रेन में या अपनी सवारी से ऑफिस पहुँचता है, वहाँ पूरा दिन काम करता है, साथियों के साथ चाय पीता है, शाम को वापिस घर के लिए निकलता है, घर के रास्ते में एक सिगरेट फूँकता है, बच्चों के लिए टॉफी, बीवी के लिए मिठाई वगैरह लेता है, मोबाइल में रिचार्ज करवाता है, और अनेक छोटे मोटे काम निपटाते हुए घर पहुँचता है, अब आप बताइये कि उसे दिन भर में कहीं कोई "हिन्दू" या "मुसलमान" मिला ? क्या उसने दिन भर में किसी "हिन्दू" या "मुसलमान" पर कोई अत्याचार किया ? उसको जो दिन भर में मिले वो थे.. अख़बार वाले भैया, दूध वाले भैया, रिक्शा वाले भैया, बस कंडक्टर, ऑफिस के मित्र, आंगतुक, पान वाले भैया, चाय वाले भैया, टॉफी की दुकान वाले भैया, मिठाई की दूकान वाले भैया.. जब ये सब लोग भैया और मित्र हैं तो

अगर स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता लाना है तो सबसे पहले शिक्षा विभाग के अधिकारियों -कर्मचारियों से ले कर शिक्षा मंत्री का वेतन-भत्ता छः महीने के लिए बिलकुल बन्द कर दिया जाय तो फिर देखें ना सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में कैसे गुणात्मक सुधार होता ह

Deepak Jaiswal बिहार तेज़ी से सड़ रहा है... बिहार के सरकारी विद्यालयोंं के नियोजित शिक्षकों का वेतन पिछले छः-छः महीनों तक से नहीं मिला है और ऐसे में सरकार और आम जनता बिहार के सरकारी स्कूलों से शिक्षा में गुणवत्ता की उम्मीद करती है... किसी भी विद्यालय में जरूरत के मुताबिक 40% से ज्यादा शिक्षक हैं ही नहीं..... और गणित-विज्ञान- अंग्रेजी में तो बरसों से नहीं... सरकार शिक्षक नियोजन के नाम पर तमाम नौटंकीबाज़ी कर रही है... पिछले तीन साल से एक भी शिक्षक की बहाली नहीं हुई है... जबकि हर महीने हजारों शिक्षक रिटायर हो रहे हैं.... अब अगर सही तरीके से बोर्ड-इंटर परीक्षा लेने पे सरकारी विद्यालयों के 48% बच्चे फेल कर रहे हैं और राज्य में कोचिंग माफिया का प्रचार-प्रसार हो रहा है तो दोष किसका??? अरे अगर स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता लाना है तो सबसे पहले शिक्षा विभाग के अधिकारियों -कर्मचारियों से ले कर शिक्षा मंत्री का वेतन-भत्ता छः महीने के लिए बिलकुल बन्द कर दिया जाय तो फिर देखें ना सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में कैसे गुणात्मक सुधार होता है... https://mobile.facebook.com/story.php?story_fbid=1

1857 जंगे आजादी और उल्मा ए अहले सुन्नत का किरदार जिन्होने अपने खून से हिन्दुस्तान को सींचा और लोगो को गुलामी के जंजीरो से आजाद होने का जज्बा पैदा किया. सुल्तान टीपु ये हिन्दुस्तान के पहले मुजाहीद है जिन्होने अंग्रेजो के खीलाफ अलमे जिहाद को बुलंद किया और सबसे पहले तसव्वरे आजादी का का जेहन दिया.

1857 जंगे आजादी और उल्मा ए अहले सुन्नत का किरदार जिन्होने अपने खून से हिन्दुस्तान को सींचा और लोगो को गुलामी के जंजीरो से आजाद होने का जज्बा पैदा किया. सुल्तान टीपु ये हिन्दुस्तान के पहले मुजाहीद है जिन्होने अंग्रेजो के खीलाफ अलमे जिहाद को बुलंद किया और सबसे पहले तसव्वरे आजादी का का जेहन दिया. 1857 मे जो जंगे आजादी के सबसे बडे हिरो थे इसमे  उल्मा ए किराम की एक बडी तवील फेहरिस्त है खुसुसन इस तहरीक के बानी और इस तहरीक को शूरू करने वाले सबसे पहले जिस शख्शियत का नाम आता है वो हजरते अल्लामा फजले हक खैराबादी का आता है. उसके बाद हजरत सैयद किफायत अली काफी मुरादाबादी रहम. हैं ये अपने वक्त के बहोत बडे जंगे आजादी के मुजाहिद है. मुफ्ती सदरूद्दीन आजरदह देहलवी ये 1857 के जंगे आजादी के वो उल्मा हैं जिन्होने लोगो मे आजादी का जजबा पैदा किया और एक नई रूह फूंकी. इन्ही मे अल्लामा अहमादुल्लाह शाह मडरासी जो एक बहोत बडे वलिये कामिल और एक मजजूब बुजुर्ग थे जब अल्लामा फजले हक खैराबीदी ने अंग्रेजो के खिलाफ अल्मे जिहाद का फतवा दिया तो उस फतवे पर इस बुजुर्ग के भी दस्तखत थे इस बुजुर्ग ने

इसलिए अपनाया था सुनीता ने इस्लाम

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Accused is not entitled to acquittal on the mere ground that the investigation of the matter had been carried out by the very police officer who had also registered the crime.

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 India 2047 team under Empower India Foundation (EIF) formally launched the website india100years.com. In an event at Calicut on 1st Feb 2016, Founder/ chairman of Rehab India Foundation, Mr. E Abubacker dedicated the site to public. Chairman E M Abdul Rahiman presided over the function.  Accused is not entitled to acquittal on the mere ground that the investigation of the matter had been carried out by the very police officer who had also registered the crime. Mr justice  V. Gopala Gowda and Mr.Justice Uday Umesh   [Surender @ Kala v. State of Haryana, decided on 19.01.2016] CRIMINAL APPEAL NO. 50 of 2016. (Arising from the SLP(Crl.) No. 2082 of 2015 ). M.Mohamed Riyaz