कन्हैया ने सिर्फ एक ही नारा खतरनाक लगा दिया था ‘संघवाद से आज़ादी’ ब्यूरो । भाजपा कुछ भी सफाई दे लेकिन जिस वीडियो को आधार बनाकर जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया को निशाना बनाया गया है वह देशद्रोह का आरोप सिद्ध करने के लिए नाकाफी मालूम होता है । जेएनयू प्रकरण में भाजपा ने खुद ही अपनी किरकिरी करा ली । यह मामला इतना पेचीदा नही था जितना इसे पेचीदा बनाकर पेश किया गया ।
कन्हैया ने सिर्फ एक ही नारा खतरनाक लगा दिया था ‘संघवाद से आज़ादी’ ब्यूरो । भाजपा कुछ भी सफाई दे लेकिन जिस वीडियो को आधार बनाकर जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया को निशाना बनाया गया है वह देशद्रोह का आरोप सिद्ध करने के लिए नाकाफी मालूम होता है । जेएनयू प्रकरण में भाजपा ने खुद ही अपनी किरकिरी करा ली । यह मामला इतना पेचीदा नही था जितना इसे पेचीदा बनाकर पेश किया गया । कन्हैया द्वारा लगाए गए नारो में एक नारा संघवाद से आज़ादी भी था जो न तो विधार्थी परिषद के गले से उतर सकता है और न ही भाजपा के गले उतरा होगा । रही सही कसर भाजपा और सरकार के चापलूस कुछ मीडिया चैनलों ने पूरी कर दी । एक चैनल से वीडियो के पूरे अंश भी नहीं दिखाए और फैसला भी दे दिया कि ये सीधा सीधा देशद्रोह का मामला है । इस चैनल का एंकर चटकारे ले लेकर जेएनयू की खबर को मनगढ़ंत तरीके से गलत दिशा में धकेल दिया । इतना ही नही चैनल ने ऐसे फैसला सुना दिया जैसे देश की सबसे बड़ी कोर्ट इसी चैनल पर लगती हो और ये एंकर उस कोर्ट के सबसे बड़े जज हैं । ऐसे चैनलों ने इस मामले में न सिर्फ जेएनयू की साख को बट्टा लगाया बल्कि देश में अराजकता का माहौल पैदा कर