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फ़र्रुख़ाबाद: सभी 23 बच्चे छुड़ाए गए, मुठभेड़ में अपहर्ता और पत्नी की मौत

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समीरात्मज मिश्र लखनऊ से बीबीसी हिंदी के लिए इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट NAVNEET JAISWAL Image caption अभियुक्त सुभाष बाथम, जिसने बच्चों को क़ैद कर रखा था उत्तर प्रदेश के फ़र्रुख़ाबाद ज़िले के मोहम्मदाबाद क़स्बे में 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले शख़्स सुभाष बाथम की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई है. सभी बच्चे सुरक्षित हैं. कानपुर परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बीबीसी को बताया कि अपहर्ता सुभाष की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई है और सभी बच्चों को बचा लिया गया है. आईजी ने ये भी बताया कि इस दौरान अपहर्ता की पत्नी की भी मौत हो गई है. विज्ञापन उन्होंने बताया कि अपहर्ता प्रति बच्चा एक करोड़ रुपए की मांग कर रहा था. इसके साथ ही वो अपने ऊपर चल रहे हत्या के मुक़दमे को भी वापस लिए जाने की मांग कर रहा था. इससे पूर्व देर रात अपहर्ता ने एक बच्चे को रिहा भी कर दिया था. null और ये भी पढ़ें बलात्कार पीड़ितों के लिए इंसाफ़ की लड़ाई लंबी क्यों?

जामिया: फ़ायरिंग करने वाला 'रामभक्त गोपाल' कौन?

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30 जनवरी 2020 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट REUTERS Image caption रामभक्त गोपाल दिल्ली के जामिया इलाक़े में फ़ायरिंग करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही तस्वीरों में ये शख्स हवा में पिस्तौल लहराता नज़र आ रहा है. पुलिस जब इस शख्स को ले जा रही थी, तब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि आपका नाम क्या है. जवाब में गोली चलाने के अभियुक्त ने जवाब दिया- रामभक्त गोपाल. हमने फेसबुक पर जब इस नाम से शख्स को खोजा तो फायरिंग से पहले की कुछ जानकारियां मिलीं. हालांकि ये अकाउंट वैरिफाइड नहीं है लेकिन इस अकाउंट से शेयर की गई तस्वीरों और वीडियो से पता चलता है कि ये शख़्स जामिया में गोली चलाने वाले ही हैं. उनके अकाउंट से फ़ायरिंग से कुछ देर पहले की सारी जानकारियां घटनास्थल से पोस्ट की जा रही थीं. फेसुबक फीड की कई पोस्ट में ये शख़्स ख़ुद को हिंदुत्व समर्थक बताता रहा है. इस प्रोफाइल में पहले शेयर की कुछ तस्वीरों में वो बंदूक और लंबी कट