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بدترین قتلِ عام: جس میں مرنے والوں کی تدفین پچیس سال سے جاری (srebrenica muslim genocide)۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
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*اس واقعے میں ہمارے لئے بڑا سبق ہے، اپنے تحفظ کے لیے اغیار پر بھروسہ نہ کرو* -----------------------------------------------------------------حکم ہوا تمام مردوں کو ایک جگہ اکٹھا کیا جائے۔ فوجی شہر کے کونے کونے میں پھیل گئے۔ ماؤں کی گود سے دودھ پیتے بچے چھین لیے گئے۔ بسوں پر سوار شہر چھوڑ کر جانے والے مردوں اور لڑکوں کو زبردستی نیچے اتار لیا گیا۔ لاٹھی ہانکتے کھانستے بزرگوں کو بھی نہ چھوڑا گیا۔ سب کے سب مردوں کو اکٹھا کر کے شہر سے باہر ایک میدان کی جانب ہانکا جانے لگا۔ ہزاروں کی تعداد میں لوگ تھے۔ عورتیں چلا رہی تھیں۔ گڑگڑا رہی تھیں۔ اِدھر اعلانات ہو رہے تھے۔ "گھبرائیں نہیں کسی کو کچھ نہیں کہا جائے گا جو شہر سے باہر جانا چاہے گا اسے بحفاظت جانے دیا جائے گا۔" زاروقطار روتی خواتین اقوامِ متحدہ کے اُن فوجیوں کی طرف التجائیہ نظروں سے دیکھ رہی تھیں۔ جن کی جانب سے دعویٰ کیا گیا تھا کہ شہر محفوظ ہاتھوں میں ہے۔ لیکن وہ سب بے بس تماشائی بنے کھڑے تھے۔ شہر سے باہر ایک وسیع و عریض میدان میں ہر طرف انسانوں کے سر نظر آتے تھے۔ گھٹنوں کے بل سر جھکائے زمین پر ہاتھ ٹکائے انسان۔۔۔۔۔ ج
राजा मान सिंह जिन्होंने कांग्रेस के मंच और सीएम के हेलिकॉप्टर से भिड़ा दी थी जीप
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नारायण बारेठ बीबीसी हिन्दी के लिए इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger इस पोस्ट को शेयर करें Twitter साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट FACEBOOK/JAT KSHATRIYA CULTURE यह लम्हों की ख़ता थी. मगर इसे फ़ैसले के मकाम तक पहुंचने में 35 साल लग गए. यह 21 फरवरी ,1985 की घटना है. राजस्थान के भरतपुर ज़िले के डीग में चुनाव के दौरान उपजे एक विवाद के बाद पुलिस ने पूर्व रियासत के सदस्य मान सिंह को गोली चला कर मार डाला. मान सिंह पर आरोप था कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान अपनी जीप से पहले कांग्रेस की सभा का मंच धराशाई कर दिया और फिर तत्कालीन मुख्य मंत्री शिव चरण माथुर के हेलीकाप्टर को जीप से टक्कर मार कर क्षतिग्रस्त कर दिया. मथुरा की एक अदालत ने अब इस मामले में 11 पुलिस कर्मचारियों को दोषी क़रार दिया है. अदालत के इस फैसले पर मान सिंह की पुत्री और पूर्व मंत्री कृषेन्द्र कौर दीपा ने संतोष व्यक्त किया है. दीपा ने बीबीसी से कहा, "हमे इंसाफ के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी है. इस घटना के बाद पूर्वी राजस्थान और उससे लगते
कर्नाटक: दलित युवक के साथ उत्पीड़न का पूरा मामला क्या है?
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इमरान कुरैशी बीबीसी हिंदी के लिए इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger इस पोस्ट को शेयर करें Twitter साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट VIRAL VIDEO GRAB कर्नाटक पुलिस ने राज्य के विजयपुरा ज़िले में एक अनुसूचित जाति के शख़्स के उत्पीड़न के 12 अभियुक्तों में तीन को गिरफ़्तार कर लिया है. वहीं दूसरी 32 साल के उत्पीड़त शख़्स के ख़िलाफ़ एक महिला के साथ छेड़छाड़ का मामला भी दर्ज किया गया है. विजयापुर ज़िले के तालीकोटे के नज़दीक मीनाजगी गांव के एक अनुसूचित जाति के युवक काशीनाथ तलवार के साथ शनिवार को हुई मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया साइट्स पर वायरल हो गया है. वायरल वीडियो के मुताबिक तलवाब को चप्पल और डंडों से पीटा जा रहा है, वहीं कुछ लोग उसे पेंट पकड़ कर खींच भी रहे हैं. तलवार के पिता ने बाद में पुलिस को शिकायत दर्ज कराई कि काशीनाथ को इसलिए पीटा गया क्योंकि उसने कथित तौर सवर्ण समुदाय के एक शख़्स की मोटरसाइकिल से सट गया था. null और ये भी पढ़ें इंटरनेट के ‘शैतान’ जो लड़कियों की ज़िंदगियां तबाह करते हैं