Posts

गैंग रेप पर इतना बवाल क्यों मचा है दोस्तों ?

Gang rape par  aajkal bawaal macha hua hai.kuch logo ko darama baji karne ka achcha bahana mil geya hai.aakhir mai puchta hoon ke desh me badhti rape ki ghatnao ke liye keya rape karne wale purush he sirf jimmedar hain,keya way larkiyan a ur mahilayen kisi had tak jimme dar nahi jinke sath nirmamta aur barbarta purwak samuhik balatkar hoti hain ya shikar banti hain.? keya aaj ki ladkiyo ke rahan sahan ko dekh kar kabhi aapne keya gaur karne ki koshish nahi ki ke ye adhnangi larkiyan aur is tarah ki life style wali besharm mahilaye mard samaj se kis baat ki khahis rakhti hain? paiso ki khatir jism bechne wali mahilayen keya rape ke khelaf protest karengi,aisi mahilaon ko hak kisne de diya? gang rape ke khelaf bolne wali mahilayen pahle khud ka rahan sahan aur bhartiye bane,bhartiye sanskirti ko apnaye tab road par aakar protest karen tab sobha bhi dega,warna unki ye mukhalfat ,wirodh aur protest ko dikhawda aur majak ka naam diya jaye to galat na hoga.jo dardnaak ghatna hui uski mai t

अधिवक्ता पटना हाई कोर्ट बिहार एवं पूर्व अध्यक्ष 15 सूत्री कार्यक्रम कमिटी बिहार . भारतीय सविंधान ने देश के हर एक नागरिक को समानता का अधिकार दिया .इसमें हिन्दू ,मुसलमान ,मर्द औरत ,अनुसूचित जाति ,जनजाति के दरमयान किसी प्रकार का भेद भाव नहीं किया गया ,लेकिन क्या हमारे मुल्क में सभो को बराबरी का हक सभो को मिल सका है .जब हम अमली ( व्योहारिक) तौर पर देखते हैं तो मालूम होता है के यहाँ पुरानी संस्कृति व रिवाज आज भी कायेम है ,जो कभी जात पात की बुनियाद पर हुआ करती थी .देश में ब्राह्मणवाद सबसे ऊँची चोटी पर बैठा हुआ है ,मुल्क के कानून बनाने और उसको व्योहारिक (अमली )रूप देने में ब्राहमणों का पूरी तरह दखल है .इस तरह हम कह सकते है के सारे देश में ब्रह्मणवाद पूरी तरह हावी है .चाहे मोगल दौरे हुकूमत हो या अंग्रेजो का ,हर दौर में ब्राह्मण हमेशा ऊँचे ओहदे पर कायेम रहे और हिन्दुओं के अनुसूचित जाती , जनजातियों पर अपनी शासन चलते रहे ,आजादी मिलने के बाद ब्राहमणों (badhamano )ने मुसलमानों पर अपनी शासन करने के लिए कोशिशें शुरू कर दी,जब मुसलमान झुकने के लिए तैयार नहीं हुए तो दंगा कराना शुरू किया ,इसका नतीजा ये हुआ के मुसलमान आर्थिक ,शिक्षा ,राजनितिक ,और सामजिक एतबार से बद से बद तर होते चले गए ,हिन्दुस्तान में ब्राह्मणवाद पूरी तरह हर क्षेत्र में पूरी तरह हावी हो चूका है .देश का प्रधान मंत्री हो या राष्ट्र पति सभी ब्राह्मणों के आगे सर झुकाने को मजबूर है।देश के पहले राष्ट्र पति जनाब राजेंदर प्रसाद जब देश के राष्ट्रपति बने तो पहली फुर्सत में वह बनारस गए और वहां एक हजार ब्राहमणों का अपने हाथों पैर धोया .पैर के धोवन का कुछ पानी पिया और कुछ अपने जिस्म पर मला तब जाकर उनको सकून व इत्मिनान हासिल हुई .,ब्राह्मणों के इशारे पर ही जनाब राजेंदर प्रसाद ने मुसलामान और और ईसाईयों को अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाया ,जिसका खामयाजा मुस्लिम और इसाई भुगत रहे हैं .क्या मुल्क के ऐसे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से देश का मुसलामान कुछ उमीद रख सकता है .जहां का पूरा सिस्टम ही ब्राह्मणों के हाथों में गिरवी रख्खा हुआ हो .ब्राहमणों ने मुल्क पर पकड़ बनाये रखने के लिए एक तंजीम (संगठन )बनाई जो आरएसएस के नाम से मशहूर है .इस से संबध 34 जेली जुडी हुई हैं ,जो हर क्षेत्र पर अपनी पाकर बनाये हुए है .उन्ही में एक भारतीय जनता पार्टी भी है ,जो एक सियासी संगठन है .इसके जेरे निगरानी यानि देख रेख में कई और संगठन काम करते हैं ,और ब्राह्मणवाद के नजरिये को बढ़ावा देते हैं .जब मूल में भारतीय जनता पार्टी की शासन कायेम हुई ,और एल के आडवाणी होम मिनिस्टर बनाये गए उस वक़्त आर एस एस ने खुलकर अपने छुपे हुए एजेंडे को लागू करना शुरू किया .अपने ख़ास आदमियों और अफसरों को देश की IB और इंटेलिजेंस और अन्य दूसरे जांच एजेंसियों में पूरी तरह भर दिया,आई ए एस बनाने का choaching सेंटर शुरू किया,और बहाली में हर तरह की मदद पहुंचाई ,इसी शासन के दौरान मुस्लिम आतंकवाद का शोशा बड़े ही शातिराना अंदाज में छोड़ा गया और हजाड़ो educated बे कसूर और मासूम मुस्लिम नौजवानों को बगैर कोई ख़ास कारण के जेल की सलाखों में बंद कर दिया गया और ऐसे ऐसे धारे लगा दिए गए कि उसमे न कोई अपील और न कोई दलील काम आ सके।आर एस एस के की इस हरकत ने मुसलमानों तालीमी ,और समाजी हालात को बिल्कुल ही कमजोर करके रख दिया और गिरफ्तार नौजवानों के रिश्तेदार इस हालत में पहुँच गए के उनके अपने बेगाने ने भी सलाम व कलाम से कतराने लगे ,इसी बीच गुजरात में मुसलामानों के खेलाफ बड़े पैमाने पर दंगा कराकर दिखा दिया गया के मुसलामानों का कोई भी पुरसाने हाल अथवा हमदर्द नहीं है और हिंदूवादी संगठने जो चाहेंगी करेंगी और उनका कोई भी कुछ नहीं बिगार सकता। इसी बीच महाराष्ट्र ATS प्रमुख स्वर्गिय हेमंत करकरे ने कुछ ऐसे रहस्यों पर से पर्दा उठाने का काम किये के सारा देश हक्का बक्का हो गेया ---इसने माले गाँव ,समझौता एक्सप्रेस और अन्य दूसरे बम ब्लास्टों की कर बताया के इन सारे बम ब्लास्टों में मुस्लिम संगठन नहीं बल्के हिदुत्ववादी संगठने शामिल हैं जो देश में सवैंधानिक पदों पर कब्जा जमाये लोंगों के खेलाफ बगावत कर तख्ता पलट करने की शाजिश कर रहे हैं ताके देश में पूरी तरह बरहमनवादी हिन्दू राष्ट्र कायेम किया जा सके .इस सिलसिले में कई कट्टरवादी हिन्दू आतंकवादिओं की गिरफ्तारियां हुई .......जिनसे मालूम हुआ के भारतीय फ़ौज में भी मुल्क के गद्दार अथवा देश द्रोही शामिल हो चुके हैं ,जो देश में बगावत करने के लिए इसराइल और नेपाल इत्यादि देशों के भी सम्पर्क बनाये हुए थे ....उनके तार मुल्क में भी बरहमनवादी संगठनों से जुरे हुए थे ,जिनके इशारों पर ये सारे दहशतगर्द देश का तख्ता पलटना चाहते थे ....लेकिन हिन्दू दहशतगर्दों को ये कैसे बर्दाशत हो सकता था के कोई भी सख्श उनकी तरफ ऊँगली उठा दे .....इसका नतीजा सामने आया और मुल्क के गद्दारों और बागियों ने हेमत करकरे और अन्य जांबाजों को बड़ी चालाकी से रास्ते से हटा दिया और आनन फानन में ATS chief के ओहदे पर अपने खास चहेते रघुवंसी को बैठा दिया ,जिसने हिन्दू दहशतगर्दों को बचाने की हर मुम्किन प्रयास की . अपने आकाओं पर जाँच न हो इसलिए जाँच जी दिशा ही बदल दी और मुंबई हमलावर हेमंत करकरे ,सालसकर और अन्य दूसरे जाँबाजों की शहादत का ठीकरा पाकिस्तातानी आतंकवादियों के सर डाल दिया .लेकिन आई बी के जरिये बनाई गई मनगढ़ंत कहानी अभी भी किसी को हजम नहीं हो पा रहा है , हमारे देश की सरकार न जाने क्यों मुंबई हमले में मारे गए शहीदों की जाँच कराने से कतरा रही है? हेमंत करकरे ने अपनी जान की बाजी लगा कर जो पर्दाफाश किया है ,हिन्दू दहशतगर्दों का जो खुलासा किया है इस बेना पर केंद्रीय सरकार को हिन्दुस्तानी फ़ौज की कार्किर्दगी (काम काज )अभिनव भारत ,राम सेना ,आर एस एस ,बजरंग दल ,विश्व हिन्दू परिषद ,और दुर्गा वाहिनी जैसे संगठनों पर फ़ौरन पाबन्दी लगाकर आतंकी हरकतों की जाँच करनी चाहिए ,तभी बेक़सूर मुस्लिम नौजवानों की जान बचेगी . मुस्लिम दहशतगर्दी की भूत तो दरअसल बरहमनवादी सोंच और IB ने खड़ा किया किया है ताके इसकी आड़ में वास्तविक बर्हम्नी दहशतगर्दी को छुपाया जा सके ,जो मुल्क भर में कई जगह और कई अस्तर की जा रही हैं .उपरोक्त बातें निम्नलिखित रिपोर्टों से साफ़ (clear )हो जाती है . आर एस एस ,वि एच पी और बजरंग दल की दहशतगर्दाना( आतंकी ) सर्गार्मियाँ : 1. मार्च 2000 बजरंग दल ने अपने कार्यकर्ताओं का एक तरतीबी( ट्रेनिंग) कैंप पूना में लगाया ,जिसमे दूसरी चीजों के अलावा जिलेटिन स्टैटिक्स (gelatin statics )से बम बनाने और उसे धमाका कने का तरीका भी सिखाया गया .इस कैंप में प्रदेश अस्तर के चालीस से पच्चास नामवर बजरंग दल कैडर ने हिस्सा लिया ,इनका ग्रुप लीडर नानडेड (nander )का हिमांसु पांसे था ,जो चार बाद 2006 में बम बनाते हुए मारा गया .....इस कैंप का इन ए काद बजरंग दल के कुल हिन्द के सोबये बराए जिस्मानी (physical education wing )के चीफ मुलंद पराडे( muland parade )ने किया था। ( ये पर्दाफाश nander बम धमाका-2006 की जाँच के दौरान हुआ ) 2. 2001 आर एस एस और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का एक चालीस रोजा ट्रेनिंग कैंप भोंसाला मिलिट्री स्कूल नागपूर में लगाया गया ,जिसमे देश भर से 115 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया ,इसमें महाराष्ट्र के 54 कार्यकर्ता शामिल थे ,इन लोगों को हथियार चलाने ,बम बनाने ,और इनको धमाका करने की ट्रेनिंग दी गई ट्रेनिंग देने वालों में आई बी और फ़ौज के रिटायर्ड सीनियर ऑफिसर के अलावा कुछ ऐसे फौजी भी थे ,जो अभी रिटायर्ड नहीं हुए थे ...(.इन सच्चाइयों का खुलासा nander बम धमाका 2006 और माले गाँव बम धमाका -2008 की जांच के दौरान हुआ ) 3.2003 पुन के नजदीक सिंगाड़ रोड पर स्थित आकांक्षा (aakanksha )रिसोर्ट में एक ट्रेनिंग कैंप का इन ए काद किया गया ,जिसमे बम बनाने और धमाका करने की ट्रेनिंग दी गई ,इसमें तक़रीबन 50 नौजवानों ने हिस्सा लिया इस कैंप का असल सरबराह मिथुन चक्रवर्ती नाम का एक सख्श था जिसने न सिर्फ ये के इन लड़कों को बम बनाने और उनको इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी ,बलके आखरी दिन इस सभों को बड़ी मिकदार (मात्रा )में विस्फोटक पदार्थ देकर रुखसत किया गया ....ट्रेनिंग देने वालों में बरसरे मुलाजिमत और रिटायर्ड फौजी अफसरान के अलावा हथियारों का एक्सपर्ट पुणा का निवासी राकेश धवारे ,चेमेस्ट्री के दो प्रोफसर जिनके नाम शर्द कुंशे और डॉक्टर देवता बताये गए हैं शामिल थे .(ये पर्दा फाश भी nander और माले गाँव बम धमाका की तफ्तीश के दौरान हुआ ) 4. 15 मई 2002 "संघ परिवार के 15 से 45 साल की उम्र के 153 एक्टिव कार्यकर्ता ने पुन शहर में 21 रोजा कैंप में शिर्कित की .खाकी निकर,सफ़ेद कमीज में मलबूस इन कार्यकर्ताओं को लिजम ,लाठी ,योगा ,खोखो ,कबड्डी के साथ साथ संसकृत बोलने की मश्क कराइ गई .और डिटेल के साथ हिन्दू राष्ट्र का नजरयाती सबक पढाया गया .सरमाई तालीमात के दौरान ये कैंप ताला बंद अहाता में मुन अ कीद हुआ ,वहां न किसी को बाहर क़दम निकालने की इजाजत थी और न कोई अचानक अन्दर आ सकता था . इसी मुद्दत के दौरान मुल्क के दुसरे स्थानों पर भी ऐसे ही 71 कैंप लगाये गए ,लातूर (महाराष्ट्र )में 45 से 60 साल की पुख्ता उम्र वालों ने एक ख़ास कैंप लगाया गया( पूना न्यूज़ लाइन ,इंडियन एक्सप्रेस .15मई 2002) 5. 31 मई 2002 बजरंग दल कार्यकर्ताओं का एक हफ्ता का ट्रेनिंग कैंप भोपाल (मध्य प्रदेश )में लगाया गया ,जिसमे 150 एक्टिव कार्यकर्ताओं ने ने हथियार चलाने की ट्रेनिंग हासिल की ...कहा गया के ये कैंप नौजवानों को जंग के गुर सिखाने के लिए लगाया गया था ,ताके पकिस्तान से हमले की सूरत में वह जंग में हिस्सा ले सके . 6.18 मई 2003 विश्व हिन्दू परिषद् की महिला कार्यकर्ताओं के लिए मुंबई में 17 मई 2003 से हर्बी तरबियत कैंप (हथियार चलाने का गुण )जिसमे नौजवान लड़कियों को जुडो कड़ाटा के साथ चाकुओं और तलवारों से जंगी मश्क कराइ गई .सन्डे टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,18 मई 2003 ) 7. 31 मई 2003 महिलाओं को हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग देने के तेहत कुल हिन्द प्रोग्राम के तेहत कानपूर में 25 मई से एक ट्रेनिंग कैंप लगाया गया ,जिसमे तक़रीबन 70 लड़कियों ने हिस्सा लिया और फ़ौज के रिटायर्ड अधिकारिओ ने उनको बंदूक लोड करने ,निशाना लगाने ,और गोली चलाने की ट्रेनिंग दी गई ,जबके जुड़ों के शिक्षकों ने उनको मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग दी ,प्रदेश के कई दूसरों शहरों में कैंप लगाये गए (सन्डे एस्प्रेस पुन 1 जून 2003)......... 8.18 मई 2001 औरंगाबाद के नागेश्वर वाड़ी गणेश मंदिर के पास पाइप बम धमाके हुए (लोकमत ,औरंगाबाद 24 मई 2006) 9. 17 नवम्बर 2002 औरंगाबाद में गढ़ गेशवर मंदिर और निराल बाग़ इलाके में VHP के दफ्तर के पास पाइप बम धमाके हुए (लोक सत्ता वेबसाइट .24 मई 2006 और लोक मत औरंगाबाद 17 नवम्बर 2002) (6 अप्रैल 2006 को nander में आर एस एस और बजरंग दल के दो एक्टिव कार्यकर्ता बम बनाते हुए धमाका होने से मारे गए .पुलिस को मौकाये वारदात से ठीक वैसे ही पाइप बम मिले जिसे औरंगाबाद में इस्तेमाल किये गए थे लोकमत 24 मई 2006) 10.एक जून 2006 नागपुर में आर एस एस के सदर दफ्तर क नजदीक कथित एनकाउंटर में एक पाकिस्तानी दहशत गर्द गिरोह के तीन आतंकी मारे गए ,जो रिपोर्ट के मुताबिक दफ्तर पर हमला करने के इरादे से आये थे। (सच्चाई पता करने के गरज से हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज मिस्टर B G kolse patil की सरबराही (नेतृत्त्व ) में एक फैक्ट फाइंडिंग टीम बनाई गई जो छान बीन के बाद इस नतीजे पर पहुंची के एनकाउंटर की कहानी फर्जी है .....इस committee ने सारे मामले को जुडिसियल इन्क्वारी की सिफारिश की ......बजाहीर एनकाउंटर की ये करवाई आर एस एस के इमां पर आई बी ने अंजाम दी थी ).......... 11.21 नवम्बर 2003 परभनी के मोहम्मदया मस्जिद पर उस वक़्त वैसी सनाखत के बम फेके गए ,जब नमाजी जुमा की नमाज अदा करके निकल रहे थे ,तीन हमलावर मोटर साइकिल पर सवार होकर आये थे और बम फेंक कर फरार हो गए .(पीटीआई .21 नवम्बर शाम 5:11मिनट .....) 12. 27 अगस्त 2004 मस्जिद मेराजुल ओलुम पूना (परभणी )पर बम हमला हुआ ...... 13. 27 अगस्त 2004 कादरिया मस्जिद जालना पर हमला हुआ .. 14.6 अप्रैल 2006 रात के डेढ़ बजे नांदेड़ में एक रिटायर्ड इंजिनियर और आर एस एस के कार्यकर्ता "लक्छ्मन राज कोंडआवर "के घर पर एक जबरदस्त धमाका हुआ ,जिसमे उसके 29 साला बेटे नरेश और बज्रंग्दाली हिमांशु पांसे हालाक हुए और बाकी तीन साथी जख्मी हुए ,जबके राहुल पांडे बच गया ,जिसको बाद मे पुलिस ने पकड़ा ,ये धमाका उस वक़्त हुआ जबके ये लोग घर पर बम बना रहे थे . 15.10 फरवरी 2007 एक पुरएसरार (रहश्यमय )बम धमाके में nander में 28 वर्षीय पांडुरंग भगवान उमल कन्थुवान मारा गया और उसका साथी दानेश्वर मानक राव गोनिवार उम्र 40 साल बुरी तरह जख्मी हो गया .दोनों का सम्बन्ध बजरंग दल से समझा जाता है .(टाइम्स ऑफ़ इंडिया पूना 11 फरवरी 2007) 16. सितेम्बर 2007 राम पुर उत्तर प्रदेश में तीन लड़के जो खुदको" जिहादे इस्लामी " ग्रुप का कार्यकर्ता बताकर लोगों को धमकी भरे खत भेजते थे ,गिरफ्तार कर लिए गए ,ये तीनों गैर मुस्लिम यानी हिदू निकले और उनके नाम राज पाल शर्मा ,दौरी लाल ,और धर्म पाल हैं (मिल्ली गजट 1-15 अक्टूबर 2007) 17.26 दिसंबर 2007 क्रिकेट खिलाड़ियों की आमद से पहले पुलिस ने 6 बमों के साथ दो नौजवानों राजीव गोविन्द सिंह ,और सुमित्रा बादल राय को गिरफ्तार किया ,ये देसी किस्म के बम भीड़ में कम से कम आधा दर्जन लोगों को हालाक कर सकते थे .,ये गिरफ्तारियाँ वर्ल्ड कप में फातेह क्रिकेट टीम (विजेता टीम )के इस्तकबालिया जुलुस (विजय जुलूस )से ठीक पहले हुई .(टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,पूना 27 सितम्बर 2007) (ये सोंच कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं के अगर ये गिरफ्तारियाँ न होंतीं और साजसी तौर पर जुलूस के दौरान बम धमाके करने में कामयाब हो जाते तो किस कद्र भयानक नतीजे सामने आते और अगर कहीं इन दोनों का संबंध मुसलमान से होते तो पुलिस और मीडिया और भारतीय जनता की प्रतिक्रया कितना जोरदार होता?) 18. 12 दिसंबर 2006 : को नासिक पुलिस ने शहर के पास एक गाड़ी से 50 detonator ,जेलाटीन स्टैटिक्स के 11 बॉक्स और पांच टन अमोनिअम नाइट्रेट जब्त किये ,इनका ताल्लूक (संबंध )बजरंगदल से समझा जा रहा है (मदाठी वीकली सुधान मुंबई 4 -10 जुलाई 2008 )........ 19. 2006 जिला अहमद नगर के एक गाँव मव एक शख्स शंकर सेल्के के घर से 15 किलो आर डी एक्स जब्त किया ,शंकर बाद में रहस्यमय हालत में मरा हुआ पाया गया।(मराठी वीकली शुधान मुंबई 4-10 जुलाई 2008 ) 20. 2006 पुलिस ने पथारी जिला अहमद नगर के एक चीनी कारखाने से बड़ी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ जब्त किये थे।(मराठी वीकली सुधान मुंबई ,4-10 जुलाई 2008) 21. 14 अक्टूबर 2006 पुलिस ने जिला के औरंगबाद के चकाल थाना के गाँव के सरपंच के घर से साढ़े चार किलो ग्राम अमोनियम नाइट्रेट , 18 छड़ें जिलेटिन की बरामद की (मराठी वीकली सुधान मुंबई 4 - 10 जुलाई 2008) 22. 2006 औरंगाबाद ....मुंबई हाई वे पर एक क्लब में पुलिस ने एक शख्स लक्ष्मण जीवंत के कब्जे से 20 किलो ग्राम अमोनियम नाइट्रेट और 18 छड़ी जिलेटिन बरामद की (मराठी वीकली सुधान मुंबई 4-10 जुलाई 2008) 23. 11 अक्तूबर 2007 : एक ताक़तवर बम धमाके में जिला युत महल के क गाँव में आर एस एस का संदिग्ध कार्यकर्ता डॉक्टर बाफ्ता माड़ा गया (वीकली शुधान मुंबई ,4-10 जुलाई 2008) 24. 2007 लातूर जिला में पुलिस ने सात नौजवानों के कब्जे से 14 लाख 72 हजार के आस पास कीमत का अमोनियम नाइट्रेट और जिलेटिन छड़ी बरामद की ......उनके नाम विकाश मवाड, कैलास ,विनोद , धनन जय , नितीश , महेश और गणेश हैं . वीकली सुधान मुंबई ,4 - 10 जुलाई 2008) 25. 15 अक्टूबर 2007 : वार्धान में दिवाली के मौका पर कुछ लोगों को गिफ्ट के पैकटों में बम भेजे गए ,इस सिलसिले में पुलिस चार वैक्ति को गिरफ्तार किया .उनके नाम चिंटू उर्फ़ महेश थाडवाणी, जितेश प्रधान , प्रकाश बावले ,और अजय जेव तोडे हैं . उनका सरगना baandu tel (बंडू तेल )गोटे उर्फ़ लादन अभी तक फरार है , (दैनिक भास्कर 3 नवम्बर 2007) 26. 20 फरवरी 2008 : मुंबई से तक़रीबन 50 मीटर के दूर क़स्बा पनुवेल के साईन राज सिनेमा हॉल में फिल्म जोधा अकबर की नुमाइश के दौरान एक बम फिट किया गया .(.कोमुनिलिज्म कॉम्बैट मुंबई :जुलाई -अगस्त 2008) 27. 31 अक्टूबर 2008 पुलिस के बम तलाश करने और नाकारा करने वाले दस्ते ने नवी मुंबई के वाशी ऑडिटोरियम में एक बम का पता चलाकर नकारा किया ,बाद में मालुम हुआ के बम एक बर्हम्नी संगठन ने नस्ब (फिट) किया था (कोमुनिलिज्म कॉम्बैट ,जुलाई -अगस्त 2008) 28. 4जून 2008 : ठाणे के गदकारी रंग्याथन थिएटर में 4 जून एक बम धमाका हुआ ,जिसमे मराठी ड्रामा "आम्ही पाँच पोते "दिखाया जाने वाला था ,इसमें सात वैक्ति जख्मी हुए थे ,पुलिस को पता चला के इस साजिश में हिन्दू barhamni संगठनों के गोरु कृपा partistha ,संस्था समिति का हाथ था .उन्हों ने हे साइन राज सिनेमा हॉल और वाशी ऑडिटोरियम में बम रखवाए थे। ATS ने उपरोक्त संगठनों के 6 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके अहम् जानकारी ली ,जिनकी बुनियाद पर सितारह में एक नौजवान मंगेश निगम के घर से और पीन में दरयाये बाल गंगा के नजदीक छुपाया हुआ बहुत सा गोला बारूद बरामद किया।(इंडियन एक्सप्रेस की तहकीक से पता चलता है के महाराष्ट्र और गोवा के इन दहशत गार्डों के सम्बन्ध आस्ट्रेलिया ,अमेरिका ,और कूछ अन्य देशों तक फैले हुए हैं . बहवाला :(कोमुनालिज्म कॉम्बैट ,मुंबई ,जुलाई - अगस्त 2008) 29. 24 जनवरी 2008: तमिल नाडू के क़स्बा तिन्कासी जिला तर्विनल रेड्डी में स्थित आर एस एस के दफ्तर में एक जबरदस्त धमाका हुआ ....गहराई से जाँच परताल के बाद तमिल नाडू पुलिस ने संघ परिवार की विभिन्व संगठनों से सम्बन्ध आठ आदमी को गिरफ्तार किया गया .पुलिस ने बताया के आरोपी ने 14 पाइप बम बना लिए थे और वह इस साजिश में 2007 से लगे थे ......गिरफ्तार लोगों ने स्वीकार किया कि उनका संगठन प्रदेश में बड़े पैमाने पर संप्रादाइक नफरत फैलाना चाहते थे।(मिल्ली गजट न्यू डेल्ही ,16-29 फरवरी 2008) 30. अप्रैल 2008: एक मामूली से फसादात की जाँच के दौरान पुलिस को पता चला के जिला जलगाँव के ताल्लुका चोप्रा के एक छोटे से गाँव अमिरती (amirti)में खतरनाक हथियार मसलन पिस्तौल ,तलवार,चापड़ा वगैरा बड़ी मात्रा में बनाये जारहे हैं ,जाँच परताल के दौरान ये भी मालूम हुआ के एक शख्स "सिटी फेटने वाला " ने जो के संतज नगर का बाशिंदा है और एक फिरका परस्त पार्टी( साम्पर्दैक पार्टी )का सरगरम मेम्बर है ,नौजवानों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी और उनको sampardaik नजरिये से इन्तहाई इस्त आल अंगेज (अग्रेसिव) फ़िल्में और CD भी दिखाई (मिल्ली गजट 16-31 मई 2008) 31. अप्रैल 2008: माले गाँव पुलिस ने 17 अप्रैल को एक ईमारत के बेसमेंट में स्थित एक टिब्बी लैब पर छापा मारा और वहां से 5 कार आमद (जिन्दा ) आर डी एक्स तीन इस्तेमाल शुदा बमों के खोल ,एक पिस्तौल ,एक लैप टॉप एक सकिज दो मोबाइल फोन ,एक हजार रूपये चार जाली नोट ,और पाँच हजार रूपये नकद जब्त किये और तीन आदमी नीतेश आमरे ,साहब राव धरवे और जीतेन्दर खेमा को गिरफ्तार किया ,जिनका सम्बन्ध अज्ञात संगठनों से था .( मिल्ली गजट न्यू डेल्ही 1-15 मई 2008) 32. जून-जुलाई 2008 बारा बंकी उत्तर प्रदेश : पुलिस ने आर एस एस के एक स्वंसेवक सूरज नारायण टंडन को गिरफ्तार किया ,जो शहर के ठाकुरद्वारा मंदिर में को तबाह करके दंगा फ़ैलाने की साजिश रच रहा था .(मिल्ली गजट न्यू डेल्ही 16-31 जुलाई 2008)

असली आतंकियों को बचाकर और मासूमों को फंसाकर क्या हम आतंकवाद पे काबू पा लेंगे ?

      अधिवक्ता  पटना हाई कोर्ट बिहार एवं पूर्व अध्यक्ष 15 सूत्री कार्यक्रम कमिटी बिहार .                 भारतीय सविंधान ने देश के हर एक नागरिक को समानता का अधिकार दिया .इसमें हिन्दू ,मुसलमान ,मर्द औरत ,अनुसूचित जाति ,जनजाति के दरमयान किसी प्रकार का भेद भाव नहीं किया गया ,लेकिन क्या हमारे मुल्क में सभो को बराबरी का हक सभो को मिल सका है .जब हम अमली ( व्योहारिक) तौर पर देखते हैं तो मालूम होता है के यहाँ पुरानी  संस्कृति व रिवाज आज भी कायेम है ,जो  कभी जात पात की बुनियाद पर हुआ करती थी .देश में ब्राह्मणवाद सबसे ऊँची चोटी पर बैठा हुआ है ,मुल्क के कानून बनाने और उसको व्योहारिक (अमली )रूप देने में ब्राहमणों का पूरी तरह दखल है .इस तरह हम कह सकते है के सारे देश में ब्रह्मणवाद पूरी तरह हावी है .चाहे मोगल दौरे हुकूमत हो या अंग्रेजो का ,हर दौर में ब्राह्मण हमेशा ऊँचे ओहदे पर कायेम रहे और हिन्दुओं के अनुसूचित जाती , जनजातियों पर अपनी शासन चलते रहे ,आजादी मिलने के बाद ब्राहमणों (badhamano )ने मुसलमानों पर अपनी शासन करने के लिए कोशिशें शुरू कर दी,जब मुसलमान झुकने के लिए तैयार नहीं हुए तो दंगा कराना

Desh me musalmano ki haalat daliton se bhi badtar(doctor ahsan)

मशहूर सामाजिक कार्यकता व साहित्यकार डॉक्टर कमरुल अहसान ने एक प्रेस रिलीज़ जरी कर कहा है के  राज्य सभा के सरमाई इजलास (शीतकालीन सत्र)में राज्य सभा के मेम्बर मोहम्मद अदीब के जरिये मुसलमानों की बदहाली के बारे में सवाल करने और उसके वाजेह जवाब लिखित रूप में तलब करने से केंद्र सरकार की दावे की हकीकत सामने आ गई ,वरना केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्यान्मंत्री ये दावा  रही थी के मुसलमानों की हालत पहले से बेहतर हो रही है ,जबके हकीकत इसके बिलकुल विपरीत है ,बेहतर हिने के बजाये और बाद से बदतर हुई है .देश की तक़रीबन 35%मुस्लिम संख्या खते इफ़्लास यानि गरीबी रेखा से भी निचे की जिंदगी बसर करने पर मजबूर है .प्रधानमंत्री के दफ्तर के वजीर ए ममलेकत जनाब राजीव शिकला ने मजमुई  तौर पे मुल्क की BPL और मुसलमानों में BPL आबादी का तनासुब अलग अलग लिखित बयान में बताया है के ,प्लानिंग कमीशन के सैंपल सर्वे के मुताबिक 2009-2010 राष्ट्रीय अस्तर पर गाँव की कुल आबादी का 38.8%और शहर का 20.9% है जो के SC (अनुसूचित  जनजाति )से भी जेयदा है .मुसलमानों की बदहाली की तुलना अब दलितों से भी नहीं किया जा सकता है ,इसलिए के मुसलामानों की ह

सैयद आसिफ इब्राहीम की नियुक्ति पर चेमेगोइयाँ क्यों?

                                   डॉक्टर मुश्ताक  अहमद                                  rm .meezan @gmail.com        सैयद आसिफ इब्राहीम की नियुक्ति पर चेमेगोइयाँ  क्यों? हमारा मुल्क हिन्दुस्तान एक बहूत बरा लोकतांत्रिक देश है और हमारा सविंधान का आधार  secularism है .यही वजह है के मुल्क के अन्दर अनेक धर्मों  और संस्कृति क्र लोग रहते हैं और उनके अलंबरदारों को ये हक हासिल है के वह अपने मजहब और कर कल्चर के तहफ्फुज के लिए कोई भी क़दम उठा सकते हैं  शर्त ये है के उनके क़दम से दुसरे मजहब के लोगों के दिल को ठेस न पहुंचे .कयोंके हमारा सविंधान इसकी इजाजत नहीं देता इसी तरह सविंधान में बराबरी के  हक़ की वकालत की गई है .गर्ज के तमाम शहरी को को जिंदगी के विभिन छेत्रों में oportunity हासिल करने का सवैंधानिक अधिकार अधिकार प्राप्त है .लेकिन सच्चाई ये है के आजादी के बाद देश में जिस तरह की फेजा बनी हुई है और खास कर तीन दहाई में जिस तरह भेद भाव करने वाले सोंच के लोगों की वर्चश कायेम हुई तो मुल्क के ख़ास तबके को नजर अंदाज किया जाने लगा .खास कर मुसलमानों के साथ जिस तरह का भेदभाव वाला रवैया अपनाया जाने लगा

rajendar chaudhri ne hi samjhauta express mein lagaya tha bom.(NIA) पहचान लीजिये ओरिजिनल दहशत गर्द को ,इसी के कारण हिन्दुस्तान कलंक्कित हुआ था ,और मासूमों की जन्दगियाँ बर्बाद हुई थी,करकरे ने सबसे पहले दहशतगर्दी के असल चेहरे को उजागर किया था ,और साबित किया था के ,भारतीय मुसलमान दहशतगर्द नहीं ,दहशतगर्द कोई और है ,और यही वह चेहरा असला है ,पहचान लीजये दहशतगर्दी के असल चेहरे को।

panchkula/new delhi ,17 december (agency)           राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA  ने अदालत से कहा है के समझौता एक्सप्रे  ब्लास्ट में गिरफ्तार किये गए राजेंदर चौधरी उर्फ़ पहलवान ने बम तैयार करने और धमाकाखेज सामान हासिल करने में महापूर्ण भूमिका निभाया था और उसने ही ट्रेन में बम लगया था .पहलवान को NIA ने सनीचर को मध्यप्रदेश के उज्जैन से 50 किलो मीटर दूर नगर से गिरफ्तार किया था .यहाँ वह नाम बदल कर रह रहा था .उसे सोमवार को दोपहर में NIA की स्पेशल अदालत में पेश किया गया .उसकी उम्र 30 साल के करीब है स्पेशल NIA अदालत की जज कंचन माही ने इस जांच एजेंसी को पहलवान को 28 दिसम्बर तक की हिरासत मंजूर की .NIA  ने    दिनों के लिए उसे हिरासत में रखने की मांग की थी .जब राजेंदर को अदालत में ले जाया जा रहा था तब एक ड्रामाई वाकया में उसने समझौता एक्सप्रेस में धमाकाखेज पदार्थ लगाने में शामिल होने वावा किया लेकिन सुनवाई ख़त्म होने के बाद वह अपने बयाब से मुकर गया .उसने कहा के उसे एक साजिश के तेहत हिरासत में लिया गया है ,सरकारी सूत्रों ने बताया है के चौधरी 28 डिसेम्बर तक NIA की हिरासत में रहेगा .उसपर 5 लाख का इना

bharat ke home minister ke beyan par doctor ahsan ki paratikirya.

मुसलमानों की  वैक्तिगत परगति को किसी का  एहसान करार देना उनकी काबलियत और योग्यता के खेलाफ है ,भारत के गृहमंत्री का इशारा इतिहास में पहली बार मुस्लिम आईपीएस अफसर जनाब एस एम इब्राहीम को इन्तेलिगेंस ब्यूरो का चीफ बनाये की तरफ था ,इससे इब्राहीम की य्ग्यता पर शिंधे ने सवालिया निशान लगा दिए।इसपर प्रश्न उठाया जा सकता है के क्या अन्य दुसरे धर्म और जाति के लोग अपनी योग्यता के कारण तरक्की नहीं बलके किसी के रहमो करम और चापलुशी के आधार पर ही ऊँचे पदों पर अबतक बैठाया जाता रहा है उनके योग्यता के आधार पर नहीं ?क्या मुसलमानों को उचे पदों को पाने के लिए चापलुशी का सहारा लेना होगा ? ये  बातें बिहार के मशहूर समाजी कार्यकर्ता एवं साहित्यकार  डॉक्टर कमरुल अहस न एक प्रेस रिलीज़ जारी कर कही ,जिसे उर्दू दैनिक के दिनांक 20/12/2012 के पेज 09 भी देखा जा सकता है