Desh me musalmano ki haalat daliton se bhi badtar(doctor ahsan)

मशहूर सामाजिक कार्यकता व साहित्यकार डॉक्टर कमरुल अहसान ने एक प्रेस रिलीज़ जरी कर कहा है के  राज्य सभा के सरमाई इजलास (शीतकालीन सत्र)में राज्य सभा के मेम्बर मोहम्मद अदीब के जरिये मुसलमानों की बदहाली के बारे में सवाल करने और उसके वाजेह जवाब लिखित रूप में तलब करने से केंद्र सरकार की दावे की हकीकत सामने आ गई ,वरना केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्यान्मंत्री ये दावा  रही थी के मुसलमानों की हालत पहले से बेहतर हो रही है ,जबके हकीकत इसके बिलकुल विपरीत है ,बेहतर हिने के बजाये और बाद से बदतर हुई है .देश की तक़रीबन 35%मुस्लिम संख्या खते इफ़्लास यानि गरीबी रेखा से भी निचे की जिंदगी बसर करने पर मजबूर है .प्रधानमंत्री के दफ्तर के वजीर ए ममलेकत जनाब राजीव शिकला ने मजमुई  तौर पे मुल्क की BPL और मुसलमानों में BPL आबादी का तनासुब अलग अलग लिखित बयान में बताया है के ,प्लानिंग कमीशन के सैंपल सर्वे के मुताबिक 2009-2010 राष्ट्रीय अस्तर पर गाँव की कुल आबादी का 38.8%और शहर का 20.9% है जो के SC (अनुसूचित  जनजाति )से भी जेयदा है .मुसलमानों की बदहाली की तुलना अब दलितों से भी नहीं किया जा सकता है ,इसलिए के मुसलामानों की हालत दलितों यानि अनुसूचित जनजाति से भी बदतर हो चुकी है .मुस्लिम दानिश्वर तबका बीजेपी का खौफ दिखाकर मुसलमानों को बहकाना अब  छोड़कर अपना वोट बैंक बनाने कि बजाये मुसलमानों की बदहाली दूर करने के लिए संजीदगी से गौर करे ,कयोंके आंकड़े फाइलों की खूबसूरती बढाने के लिए नहीं बलके,उसके मुताबिक वैहारिक रूप पर्दान करते हुए काम करने के लिए होते हैं .  doctor ahsan cotact .09934089849


उर्दू  दैनिक पिन्दार के दिनाक 20/12/2012 से ली गई है 

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