Afroz Alam Sahil मैं सोच रहा हूं कि सरकार को एक ऐसा कानून बना देना चाहिए कि जो भी मुसलमान आतंकवादी घटनाओं के नाम पर गिरफ्तार हो, उसे तुरंत फांसी दे दी जाए... आखिर इतने सालों तक किसी को जेल में रखने से फायदा क्या... कोर्ट का महत्वपूर्ण समय भी बर्बाद होता है... और ज़्यादातर मामलों में कोर्ट इन्हें बेगुनाह ही साबित कर देती है... बेचारे हमारे पुलिस वालों को कुछ ज़्यादा ही मेहनत करनी पड़ जाती है... अब किसी को होशियारी के साथ जान से मारना भी तो मेहनत का काम है ना... कितना दिमाग लगाना पड़ता होगा... इन पुलिस वालों को तो अवार्ड दिया जाना चाहिए कि कहीं तो यह अपना दिमाग लगाते हैं... I am thinking that the Government should make a law that Muslims were arrested in the name of terrorist events, gave him instant executions. ... After all these years in prison up to benefit from ... The Court is also significant time waste ... And in most cases the Court gives them guiltless who misuses the same proven ... Poor have only our policemen more hard work is need ... Now anyone with a life even har
Posts
भावनाभेदभाव के कारण मुसलमानों में बढ़ रही असुरक्षा की भावना ,ऐसी मीडिया को बिल्कुल पशंद नहीं करते जो देश की सुरक्षा , और देश की भाई चारा के लिए खतरनाक हो (काटजू)
- Get link
- Other Apps
भावनाभेदभाव के कारण मुसलमानों में बढ़ रही असुरक्षा की भावना (काटजू) मुसलामानों को बदनाम करनेवालों क्व खेलाफ जस्टिस काटजू ने की बेबाक आलोचना सहारनपुर 1 7 मई (एजेंसी प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन मारकंडे काटजू ने गुजिस्ता दिनों एक सिम्पोजियम को खेताब करते हुए खुले तौर पर इस बात और इस सच्चाई को स्वीकार किया था के मुसलामानों के खेलाफ इम्तेयाजी सलूक अथवा भेदभावपूर्ण रवैया के कारण मुसलामानों में असुरक्षा की भावना बढ़ा है और इसी के साथ उनहोंने मीडिया को लताड़ा भी था के वह मुस्लिम कम्युनिटी के खेलाफ बेहूदा रिपोर्टिंग करके उनके किरदार अथवा छवी को संदेहास्पद बना रहा और वह अपनी गैर जिम्मेदाराना से पूर्ण पत्रकारिता के जरिये उनके हौसले को पस्त भी कर रहा है . जनाब जस्टिस काटजू ने कहा है के ये एक ऐसी हरकत है के जिसके खेलाफ आवाज उठाने की असल जरुरत है . इससे पूर्व जस्टिस काटजू ने अपने बेबाक बयानात में हर उस हिन्दुस्तानी फिरका की हेमायत में प्रेस की जमकर मुखालेफत की है के जिनको प्रेस अपने मुफाद के लिए और अपनी चटपटी सुर्ख़ियों के लिए इस्तेमाल कर रहा है , उन्होंने कहा के जब कभी भ
- Get link
- Other Apps
Sunday, January 23, 2011 क्या बिहार में सुशासन है ? कहा जाता है के पिछले ५ सालों में बिहार की कानून वेवस्था बहुत चुस्त और दुरुस्त रही है, मगर १ आर .टी आई आवेदन से जो खुलासा हुआ है वह चौकाने वाली है की sahi tashwir १.01.2005 से १.01 2009 yaani sirf 4 सालों में वह bhi sirf १ jila में MDM yaani madhyahan भोजन की कुल ६० चोरी की घटना घटित हुई,अब आप समझ सकते हिं के सिर्फ एक तरह की चोरी केवल ४ सालों में सिर्फ एक जिला में ६० है dakaiti ,अपहरण बालात्कार,रंगदारी , जैसे और भी parakaar की घटनाओं को मिलकर कितनी घटायें हुई होंगी, अंदाजा lagaya jasakta है. Longon ko ab lagne laga hai ke bihar mein hone waali ghatnaaon media ne aawaam ke smne pesh sarad nahi hi, bharashtachat ke barey mein to kahne ki jarurat to kisi ko nahi ,wah to jagjahir hai. RTI ke aawedan se is baat ka bhi khulasa huaa ke ,mdm ke 60 chori ki ghatnaon me sirf 2maamle mein aarop patra dayar karne mein police ko kamyabi mili .jo bihar ki qabil mani jane wali police ko kaghere mein lakhara karney ke liye kaafi hai. Pos
सच बात तो ये है के चाहे वह नीतीश हों या लालू दोनों ने टोपी पहन, मुसलामानों को टोपी पहनाया है।
- Get link
- Other Apps
आज जिन लोगों का पेट भर जा रहा ,वह यही समझ रहे के सारी दिया का पेट भर चूका , यानी वह भूके तो साड़ी दुया भूखी, उनकी भूख ख़त्म तो साड़ी दुनिया का पेट फुल , भले ही ऐसे लोगों का परोसी भूख से तड़पकर तड़पकर कर दम क्यों न तोड़ दे , इस तरह की सोंच जब कम पढ़े ,-लिखे लोग जब सोंचे तो कोई ताजुब नहीं होगी मगर यही सोंच जब एक पढ़ा लिखा तबका बोलने लगे तो तब आप क्या कहेंगे ? वर्तमान सरकार में जनता बदहाली , और बदतर जिंदगी गुजारने पे मजबूर क्यों न हों ,सरकार के चापलुशों को ये बदहाली बिलकुल दिखाई नहीं दे रही , वह दलील दे रहे हैं के बिलकुल हक न मिलने से अधुरा हक मिलना अच्छा है , ऐसी दलील कोई आम आदमी का नहीं बलके उस उर्दू अखबार के मालिक सह मुख्य सम्पादक का है , जिसे बिहार सरकार ने मुसलामानों के बीच सरकार की चाप्लोसी और वोट बैंक बनाने की ठीकेदारी करने के लिए विज्ञापन के तौर पर कड़ोरों रूपये दिए थे , आज भी दे रहे हैं , मगर सवाल पैदा होता है के क्या वाकई में गरीबों को पुरे हक के बदले अधूरे हक भी बगैर जेबें ढीली किये और परिशानी उठाये मिल रहीं हैं ? या शब्दों से खेलन
सच बात तो ये है के चाहे वह नीतीश हों या लालू दोनों ने टोपी पहन, मुसलामानों को टोपी पहनाया है .
- Get link
- Other Apps
आज जिन लोगों का पेट भर जा रहा ,वह यही समझ रहे के सारी दिया का पेट भर चूका , यानी वह भूके तो साड़ी दुया भूखी, उनकी भूख ख़त्म तो साड़ी दुनिया का पेट फुल , भले ही ऐसे लोगों का परोसी भूख से तड़पकर तड़पकर कर दम क्यों न तोड़ दे , इस तरह की सोंच जब कम पढ़े ,-लिखे लोग जब सोंचे तो कोई ताजुब नहीं होगी मगर यही सोंच जब एक पढ़ा लिखा तबका बोलने लगे तो तब आप क्या कहेंगे ? वर्तमान सरकार में जनता बदहाली , और बदतर जिंदगी गुजारने पे मजबूर क्यों न हों ,सरकार के चापलुशों को ये बदहाली बिलकुल दिखाई नहीं दे रही , वह दलील दे रहे हैं के बिलकुल हक न मिलने से अधुरा हक मिलना अच्छा है , ऐसी दलील कोई आम आदमी का नहीं बलके उस उर्दू अखबार के मालिक सह मुख्य सम्पादक का है , जिसे बिहार सरकार ने मुसलामानों के बीच सरकार की चाप्लोसी और वोट बैंक बनाने की ठीकेदारी करने के लिए विज्ञापन के तौर पर कड़ोरों रूपये दिए थे , आज भी दे रहे हैं , मगर सवाल पैदा होता है के क्या वाकई में गरीबों को पुरे हक के बदले अधूरे हक भी बगैर जेबें ढीली किये और परिशानी उठाये मिल रहीं हैं ? या शब्दों से खेलन
सरबजीत के लिए मुआओजे की बारिश , कतील सिद्दीकी के लिए क्यों नहीं ? (कांग्रेसी नेता आजमी बारी)
- Get link
- Other Apps
सरबजीत के लिए मुआओजे की बारिश , कतील सिद्दीकी के लिए क्यों नहीं ? (कांग्रेसी नेता आजमी बारी) गैर मुल्की जेलों में हिन्दुस्तानी शहरियों की बढ़ती संख्या पर दुःख का इज़हार प्रकट करते हुए बिहार के मशहुर कोंग्रेसी नेता आज़मी बारी ने कहा है के इन दिनों विदेशी जेलों में हिन्दुस्तानियों की तादाद हजारों से ऊपर है ,इसमें जेयदा तरअरब मुल्कों में हैं -जैसे सऊदी अरब में 1691, कुवैत में 1161 , यूनाइटेड अरब अमीरात में 1102 , बंगला देश में 167 चीन में 157 सिगापुर में 156 अमेरिका में 155 श्रीलंका में 63 कैदी जेल में बंद हैं .इन लोगों के जेल जाने का कारण छोटे छोटे मामले हैं ,क़ैद होने की वजह नशीली दवाओं की स्मगलिंग , पशिमी देशों में घरेलु हिंसा ,अरब देशों में बेबस मजदूरों के लिए गलत कॉन्ट्रैक्ट के साथ साथ बड़े कारणों में ,बलात्कार , डकैती , गैर कानूनी शारीरिक सम्बब्ध ,ट्रैफिक हादसे ,गैर कानूनी शराब बिक्री वगैरह हैं . एक सुचना के मुताबिक़ मलेशिया , सिंगापुर , पकिस्तान , बाग्लादेश , श्रीलंका में जेयादातर हिन्दुस्तानी शहरियों की गिरफ्तारी की वजह आवर्जन कानून की खेलाफवर्जि है .गैर्मुल्की जेलों में
क्या गजरात के मुसलामानों को कभी इन्साफ मील सकेगा ?
- Get link
- Other Apps
(अहमद मोहिउद्दीन सिद्दीकी ) 2 0 0 2 के फसादात में हजारों मुसलामानों को शहीद कर दिया गया . 2 3 हजार घड़ों को लूटकर आग लगा दी गई 297 मस्जिदों और दरगाहों को ध्वस्त कर दिया गया .राष्ट्रीय राज मार्गों और हाई वेज पर बारह सौ होटलों को निशाना बनाया गया और 350 तिजारती मराकिज लूट मार कर बर्बाद कर दिए गए . गुलबर्ग सोसाइटी के जले हुए और वीरान बंगलों में मैंने अजीब इज़तेराब महसूस किया , 2 8 फ़रवरी 2002को सुबह को जब सात बजे से शाम 7 बजे तक सरकारी मदद से जिनका क़त्लेआम किया गया .....उन शहीदों की रूहें इन्साफ मांग रही हैं गुलबर्ग सोसाइटी के गेट में दाखील होते ही बाएं तरफ कासिम साहेब का बंगला है ,जिनके 1 9 अफराद शहीद कर दिए गए ,कासीम साहेब उस खानदान के वाहीद अफराद हैं जो उन फसादात में जिन्दा बच गए और वह उस वजह जगह रहने वाले तनहा आदमी हैं ,जो अभी तक डेट हुए हैं ,उस केयामत खेज फसादात का ज़िक्र करते हुए कासीम साहेब की हिचकियाँ बंध गईं और बात चीत को कुछ देर के लिए मुझे रोक देना पड़ा ..कासिम साहेब बंगला नंबर 2 और उनकी माँ और दुसरे रिश्तेदार बँगला न
गुंडा गर्दी पे लगेगा अब लगाम ,अदालत ने सिखाया सबक !जमिअतुल उलमा को बड़ी कामयाबी ,मुस्लिम नौजवान के घर से जब्त 2 6 लाख रूपये की वापसी की अदालती हुक्म
- Get link
- Other Apps
गुंडा गर्दी पे लगेगा अब लगाम ,अदालत ने सिखाया सबक !जमिअतुल उलमा को बड़ी कामयाबी ,मुस्लिम नौजवान के घर से जब्त 2 6 लाख रूपये की वापसी की अदालती हुक्म . मुंबई 2 मई (प्रेस रिलीज़ )समाजी इन्साफ की लड़ाई लड़ने वाली संगठन जमिअतुल उलेमा महाराष्ट्र (अरसद मदनी )को आज उस वक़्त एक बड़ी कामयाबी मिली जब वह दहशतगर्दी के आरोप में महाराष्ट्र के नान्देर शहर में एक मुश्तबा मुस्लिम नौजवानों की रहाइश गाह पर छापे के दौरान एन आई ए की जानिब से जब्त किये गए तकरीबन 2 6 लाख रूपये को उस नैजवान को वापस किये जाने का हुक्म एक विशेष अदालत ने जारी किया . मुंबई में अखबारात के नाम जारी किये गए अपने बयान में जमिअत के कानूनी सहयेता कमिटी के सरबराह गुलजार आजमी ने बताया के नांदेड शहर में रहाइश पर, 2 5 वर्षीय हाइली क्वालिफाइड (एम् बी ए )मुस्लिम युवा मोहम्मद जकिउद्दिन नेजामुद्दीन के आवास पर - एन आई ए के दस्ता ने 2 3 अगस्त 2012 को छापा मारा था , और उस दौरान उनहोंने जकिउद्दिन के घर से , मोबाइल,लैपटॉप ,के अलावा 2 6 लाख रूपये भी जब्त किये थे , जो जकिउद्दिन के के पिता ने पिछले दिनों खानदानी जमीं को बेच कर ह
क्या गजरात के मुसलामानों को कभी इन्साफ मील सकेगा ?
- Get link
- Other Apps
नरौदा पाटिया दंगा :-नरौदा पाटिया दंगा में 1 5 हजार से जेयादा दंगाई 2 8 फ़रवरी 2002 की सुबह 7 बजे हमला शुरू कर दिए ,1 2 घंटो के नंगा नाच के लिए पूरी तैयारी करली थी ,हिथियार की गाड़ी ,पेट्रोल की गाड़ी ,गैस सेलेंड़ेरों से भरी हुई लारी ,उनके साथ थी दंगाई बारी-बारी आते महिलाओं की इज्ज़त लुटते ,लुट मार मचाते ,हत्या करते और घरों को आग लगा देते थे ,थक जाते तो उनकी जगह दुसरे दंगाइयों की टोली आ जाती ,थके हुए दंगाई नाश्ता करके ,शराब पीकर आराम करके फिर लौट आते ..एक दंगाई की बीवी मुसलमान थी ,लेकिन उसे ये एहसास नहीं हुआ के जिस सख्श के साथ वह जिंदगी गुजार रही है ,वह आदमी उसकी कौम का क़त्ल कर रहा है .बी जी पी ने अपने ही काएद के खानदान को नहीं बख्शा .नजीर खान पठान के वक़्त बी जी पी के मुकामी काएद और कार्यकारणी (मज्लिशे शुरा )के रुक्न (सदस्य थे आज कल नजीर खान इस्लामिक रिलीफ कमिटी के एकरा स्कूल में केमिस्ट्री और बायोलॉजी पढ़ा रहे हैं .अदालत में वह भी साबित क़दम (मुस्तैदी के साथ डेट रहना )रहे ,पहले वह मैथ के टीचर थे .फ़सादियों ने अपने शिक्षक को भी नहीं छोड़ा .2 8 फ़रवरी को फसाद
- Get link
- Other Apps
برما میں بدھ راہبوں کی دہشت گردی اور عالم اسلام کی بے حسی تیشہ فکر عابد انور مسلمانوں میں جتنی بیداری آرہی ہے دنیا اتنی ہی ان کا دشمن بن رہی ہے۔ کسی بھی خطے کی بات کریں مسلمان آنکھ میں کانٹوں کی طرح چبھ رہے ہیں ۔کہیں علاقائیت کے نام پر تو کہیں حجاب کے نام پر، کہیں اسکارف کے نام پر، تو کہیں حلال گوشت کے بائیکاٹ کے نام پر تو کہیں کسی اور نام پرلیکن ہر جگہ ان کے خلاف نفرت اور محاذ آرائی ضرور نظر آتی ہے۔ یہودی یا عیسائی یا دیگراقوام کی سوچ ہے کہ اگر کوئی مستقبل میں میدان کارزار میں کوئی نظر آئے گا تو وہ مسلمان ہے۔ مسلمان جہاں بھی رہتے ہیں مذہب اور کلچر کو عزیز رکھتے ہیں جب کہ دیگرقومیں دوسری قوموں میں ضم ہوجاتی ہیں۔ اس لئے مسلم قوم کو حریف کی نظر سے دیکھتی ہیں جب کہ مسلمانوں کا معاملہ یہ ہوتا ہے کہ وہ کسی کے مذہب سے تعارض نہیں کرتے اور نہ ہی کسی کے مذہب کو برا بھلا کہتے ہیں۔ کیوں کہ اسلام میں یہ بتایا گیاکہ کسی کے مذہب کو برا مت کہو جب کہ مسلمانوں کو آئے دن خلفشار میں مبتلا رکھنے کے لئے ان کے مذہب ، ان کے پیغمبر کی شان میں گستاخی، ان کے مذہبی کتاب کی بے حرمتی، ان کے مذہبی مقامات م
संघ परिवार की चाल को समझिये. (महबूब आलम )
- Get link
- Other Apps
एस डी पी आई पटना के अध्यक्ष महबूब आलम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा के संघ परिवार ने एक बहुत बड़ी साजिश के तेहत मुल्क का वजीरे आजम कौन ? मीडिया के बहस का विषय बनाकर मुल्क की सियासत को इस बहस में उलझाकर एक सौ बीस कड़ोड़ जनता के दिलों दीमाग को बी जे पी की तरफ मोड़ने की चाल अपनाई है , संघ परिवार के इस फरेब का शिकार देश की तमाम छोटी बड़ी सियासी पार्टियों के अध्यक्षों और नेताओं को ,जाने -अनजाने तौर पर हो रहा है ,2014 का पार्लियामेंट इलेक्शन में प्रोपेगंडा और हिकमत अमली वगैरह तैयार करने के लिए नरेंदर मोदी ने अमेरिका के उस संगठन की मदद हासिल की है ,जिस संगठन ने अमेरिकी राष्ट्रपति को कामयाब बनाने में मदद पहुंचाई है , इस संगठन की हिकमत अमली के तेहत अगला प्रधान मंत्री कौन की आड़ में नरेंदर नरेंदर मोदी ,आडवानी और बी जे पी को हाई लाइट किया जा रहा है ...इस तरह तमाम राजनीतिक पार्टियां और उसके नेता संघ परिवार के इस चक्रभिव को नहीं समझ पा रहे हैं ,उनहोंने कहा है के लाल कृष्ण आडवानी ,और नरेंदर मोदी को पूरा मुल्क जानता और पहचानता है .एक ने 1992 में पुरे देश में बारूद छिरकने का काम किया , हिंसा क
www.biharbroadcasting.com: क्या गजरात के मुसलामानों को कभी इन्साफ मील सकेगा ?...
- Get link
- Other Apps