Posts

#Modi Apne Ghar Ki Fikar karein ! #Muslim Khawatin Ki Fikar Chhodein --#Wah Muslim Ma'Aashre mein intehai izzato ehtaram ki nazar se dekhi jati hain #Qanoon e shariyat mein koi kami nahi , Amal aur ilm ki kami hai #Mulk k musalman puri taqat k sath yaksan sivil code ki sajish k khilaaf khade hain ....Tahaffuz shariyat conference se #Amir E Shariyat maulana wali rahmani aur kai dusre danishwaron ka khataab ....

#Modi Apne Ghar Ki Fikar karein ! #Muslim Khawatin Ki Fikar Chhodein -- #Wah Muslim Ma'Aashre mein intehai izzato ehtaram ki nazar se dekhi jati hain #Qanoon e shariyat mein koi kami nahi , Amal aur ilm ki kami hai #Mulk k musalman puri taqat k sath yaksan sivil code ki sajish k khilaaf khade hain .... Tahaffuz shariyat conference  se #Amir E Shariyat maulana wali rahmani aur kai dusre danishwaron ka khataab .... ---------------------------------------------------------- New delhi 15 october 2016 (Agency) Mulk mein jaari talaaq e salasa aur yaksan sivil code par jari bahas k darmiyan aaj islamic cultural centre mein tahaffuz shariyat conference ka in_a_qaad kiya gaya jisme oloma wa danishwaron ne venkeiya naidu , ravishankar prasad ke beyaan par tanqeed ki aur talaqe salasa par ho rahe propagande par mudlal guftagu ki ...... unhone kaha k markazi wejra galat beyani se kaam le rahe hain .....ab kahte hain " hum talaaq e salasa par bahas karte hain , uniform civil code

#Modi Apne Ghar Ki Fikar karein ! #Muslim Khawatin Ki Fikar Chhodein --#Wah Muslim Ma'Aashre mein intehai izzato ehtaram ki nazar se dekhi jati hain #Qanoon e shariyat mein koi kami nahi , Amal aur ilm ki kami hai #Mulk k musalman puri taqat k sath yaksan sivil code ki sajish k khilaaf khade hain ....Tahaffuz shariyat conference se #Amir E Shariyat maulana wali rahmani aur kai dusre danishwaron ka khataab ....

#Modi Apne Ghar Ki Fikar karein ! #Muslim Khawatin Ki Fikar Chhodein -- #Wah Muslim Ma'Aashre mein intehai izzato ehtaram ki nazar se dekhi jati hain #Qanoon e shariyat mein koi kami nahi , Amal aur ilm ki kami hai #Mulk k musalman puri taqat k sath yaksan sivil code ki sajish k khilaaf khade hain .... Tahaffuz shariyat conference  se #Amir E Shariyat maulana wali rahmani aur kai dusre danishwaron ka khataab .... ---------------------------------------------------------- New delhi 15 october 2016 (Agency) Mulk mein jaari talaaq e salasa aur yaksan sivil code par jari bahas k darmiyan aaj islamic cultural centre mein tahaffuz shariyat conference ka in_a_qaad kiya gaya jisme oloma wa danishwaron ne venkeiya naidu , ravishankar prasad ke beyaan par tanqeed ki aur talaqe salasa par ho rahe propagande par mudlal guftagu ki ...... unhone kaha k markazi wejra galat beyani se kaam le rahe hain .....ab kahte hain " hum talaaq e salasa par bahas karte hain , uniform civil code

इस तस्वीर पर बाद में चर्चा होगी , पहले इस उदाहरण से समझिये कि इस्लाम में ' तलाक़' की व्यवस्था क्यों है?

Image
Seraj Anwar इस तस्वीर पर बाद में चर्चा होगी , पहले इस उदाहरण से समझिये कि इस्लाम में ' तलाक़' की व्यवस्था क्यों है? पहली तस्वीर विवाह के बाद पति-पत्नी में नहीं पटी. 23 वर्षीय लड़की की शादी मात्र चार महीना ही चल पायी . ससुराल के ज़ुल्म से तंग आ कर लड़की मौत को गला लगाने तक को तैयार थी. आज वो एक स्टार है . मगर तीन साल बाद भी तथाकथित विवाह से वो आज़ाद नहीं हो पायी है. हाई- फ़ाई फ़ैमिली से बिलोंग करने के बावजूद घुट- घुट कर जी रही है. दूसरी तस्वीर निकाह के बाद मियाँ- बीवी में तालमेल नहीं बैठ पाया . शौहर को ग़ुस्सा आ गया , उसने तीन तलाक़ दे दी. बेवक़ूफ़ था. एक तलाक़ से काम चल सकता था, बेला वजह, बेला ज़रूरत उसने तीन तलाक़ दे दी. बहरहाल, दोनो के रास्ते जुदा हो गये. लड़के ने दूसरी लड़की से निकाह कर लिया और मधुर जीवन गुज़ारने लगा , लड़की का निकाह भी दूसरे लड़के से हो गया और वो भी हँसी- ख़ुशी ज़िंदगी गुज़ारने लगी. दोनो तस्वीर में कौन सी तस्वीर बेहतर है? पत्नी को लटका कर रखना ताकि वो घुट - घुट कर जीवन काट दे ? या उसे आज़ाद कर देना चाहिए ताकि वो दूसरी शादी करके नई ज़िंदगी का आग़ाज़ क

हलाला शरीयत में वही सज़ा है, ताकि कोई मर्द अपनी औरत को तलाक़ देने से पहले हज़ार बार सोचे, और आप सभी अपने आस पास देखिये, हलाला का कितना मामला आप-ने अपने आस-पास देखा है, और आपमें से जिन लोगों का आना जाना किसी मुस्लमान के घर में हो, उनमे से कुछ लोग बहूत अच्छे से जानते होंगे, इस हलाला जैसे कानून की वजह से कितने रिश्ते टूटने से बचे हैं। बात समझ आ गई तो ठीक, वरना कोई बात नहीं, विरोध करना जायज़ है, करते रहिए।

Asif Khan इस्लाम मज़हब में, शादी कॉन्ट्रैक्ट है, जहाँ बिना सहमति के शादी नहीं होती है, 3 बार पूछा जाता है, पहले लड़की से फिर लड़का से। अगर लड़की सहमति देती है, तो ही क़ाज़ी लड़के के पास सहमती के लिए जाता है, वरना मामला वही ख़तम। शादी के बाद अगर लड़की लड़के के साथ ना रहना चाहे तो वो खुला ले सकती है, और 40 दिन की इद्दत पूरी होने के बाद किसी और मर्द से शादी कर सकती है। इसी तरह अलग लड़का चाहे तो लटकी को तलाक़ दे सकता है, पर 1 साथ 3 तलाक को इस्लाम में सही नहीं मना जाता है, इस तरह से तलाक़ तो हो जाता है, पर मर्द को कोड़े मारने की सजा है, और भारत में इसे मान्यता प्राप्त नहीं है, लड़का पहले 1 तलाक़ देता है, फिर लड़की की पहली मासिकधर्म तक दूसरा तलाक़ देने के लिए इंतज़ार करता है, इस तरह रिश्ता बचने की गुंजाईश बची रहती है, अगर दोनों में समझ बूझ आ गई तो रिश्ता कायम रहता है, वरना लड़का दूसरा तलाक़ देता है, और फिर लड़की की मास्किकधर्म तक का इंतज़ार करता है, अगर फिर समझ बुझ आ गई तो रिश्ता बच गया वरना लड़का तीसरा तलाक़ देता है, और फिर इस तरह मुक़म्मल तलाक़ होता है, (अगर मासिकधर्म नहीं आया तो बच्चा पैदा होने तक वो तलाक़ नही

हलाला शरीयत में वही सज़ा है, ताकि कोई मर्द अपनी औरत को तलाक़ देने से पहले हज़ार बार सोचे,और आप सभी अपने आस पास देखिये, हलाला का कितना मामला आप-ने अपने आस-पास देखा है, और आपमें से जिन लोगों का आना जाना किसी मुस्लमान के घर में हो, उनमे से कुछ लोग बहूत अच्छे से जानते होंगे, इस हलाला जैसे कानून की वजह से कितने रिश्ते टूटने से बचे हैं।बात समझ आ गई तो ठीक, वरना कोई बात नहीं, विरोध करना जायज़ है, करते रहिए।

Asif Khan इस्लाम मज़हब में, शादी कॉन्ट्रैक्ट है, जहाँ बिना सहमति के शादी नहीं होती है, 3 बार पूछा जाता है, पहले लड़की से फिर लड़का से। अगर लड़की सहमति देती है, तो ही क़ाज़ी लड़के के पास सहमती के लिए जाता है, वरना मामला वही ख़तम। शादी के बाद अगर लड़की लड़के के साथ ना रहना चाहे तो वो खुला ले सकती है, और 40 दिन की इद्दत पूरी होने के बाद किसी और मर्द से शादी कर सकती है। इसी तरह अलग लड़का चाहे तो लटकी को तलाक़ दे सकता है, पर 1 साथ 3 तलाक को इस्लाम में सही नहीं मना जाता है, इस तरह से तलाक़ तो हो जाता है, पर मर्द को कोड़े मारने की सजा है, और भारत में इसे मान्यता प्राप्त नहीं है, लड़का पहले 1 तलाक़ देता है, फिर लड़की की पहली मासिकधर्म तक दूसरा तलाक़ देने के लिए इंतज़ार करता है, इस तरह रिश्ता बचने की गुंजाईश बची रहती है, अगर दोनों में समझ बूझ आ गई तो रिश्ता कायम रहता है, वरना लड़का दूसरा तलाक़ देता है, और फिर लड़की की मास्किकधर्म तक का इंतज़ार करता है, अगर फिर समझ बुझ आ गई तो रिश्ता बच गया वरना लड़का तीसरा तलाक़ देता है, और फिर इस तरह मुक़म्मल तलाक़ होता है, (अगर मासिकधर्म नहीं आया तो बच्चा पैदा होने तक वो तलाक़ नह

Narendar Modi  Sadhe Chauda Sau Saal Pichhe ......?

Image
Rehan ghani (Mashoor urdu journalist) Narendar Modi  Sadhe Chaudah Sau Saal Pichhe ......? wazire Azam (PM) modi ne iss saal Lakhnaw k Aishbagh main Ram Lila dekhne se qabl awami jalse se khataab bhi kiya . Unhone apni Taqrir (bhashan ) se qabal aur Taqrir k Baad jay shri ram ka nara bhi lagaya ......Galeban wah mulk k pahle aise  wazire azam hain jinhone awaami jalse se khataab karte huye jay shri raam ka nara buland kiya hai ...... unhone wazire azam ki haisiyat se azaad secular hindustan mein mazhabi nara laga kar yaqinan tawarikh raqam ki hai ....ye sab unhone seyasi hikmat amli k tehat kiya hai .... UP mein agle saal yani 2017 mein assmebly intekhabaat hone wale hain ....esi k peshe nazar wah mulk mein k awaam k samne mukhtalif tarah se pase fenk rahe hain .....ek taraf jahan wah muslim aksaryati elaqon mein progresive  panchayat ka Aagaz kar k musalmanon ko taraqqi k dhare mein jodne ki batein karne kliye haryana k intehai pasmanda elaqe mewaat ko muntakhib kiya , wahin dusri

गुजरात में 'सैकड़ों दलित' बौद्ध हुए

[BBC Hindi] गुजरात में 'सैकड़ों दलित' बौद्ध हुए प्रशांत दयाल अहमदाबाद से बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए 11 अक्तूबर 2016 साझा कीजिए गुजरात के कुछ शहरों और गांवों में पिछले कुछ महीनों में दलितों के ख़िलाफ़ हुई कथित हिंसा और फिर दलितों के विरोध प्रदर्शनों के बीच एक महत्वपूर्ण घटना हुई है. मंगलवार को गुजरात के तीन प्रमुख शहरों अहमदाबाद, कलोल और सुरेन्द्रनगर में हुए समारोहों में कई दलितों को बौद्ध धर्म में शामिल किया गया है. इन समारोहों के आयोजकों का दावा है कि क़रीब दो हज़ार दलितों ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया है. इन समारोहों में बौद्ध धर्म की दीक्षा लेने वाले एमबीए के छात्र मौलिक चौहाण ने बताया, "बचपन से मेरे मन में था कि जाति प्रथा से मुझे कब मुक्ति मिलेगी. उना कांड के बाद मैंने मन बना लिया कि अब हिन्दू धर्म का त्याग कर मुझे बौद्ध धर्म की दीक्षा लेनी है क्योंकि उसमें सभी बराबर हैं." कुछ महीने पहले गुजरात में वेरावल के उना गांव में पशुओं की खाल निकाल रहे कुछ दलित युवकों की पुलिस की मौजूदगी में पिटाई की गई थी. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामले की जांच के आदेश

#Hindu Rakshakon, Gav rakshakon, Bjp , RSS bajrang dal ko ek sath joddaar Tamacha...... गुजरात में 'सैकड़ों दलित' बौद्ध हुए

[BBC Hindi] गुजरात में 'सैकड़ों दलित' बौद्ध हुए प्रशांत दयाल अहमदाबाद से बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए 11 अक्तूबर 2016 साझा कीजिए गुजरात के कुछ शहरों और गांवों में पिछले कुछ महीनों में दलितों के ख़िलाफ़ हुई कथित हिंसा और फिर दलितों के विरोध प्रदर्शनों के बीच एक महत्वपूर्ण घटना हुई है. मंगलवार को गुजरात के तीन प्रमुख शहरों अहमदाबाद, कलोल और सुरेन्द्रनगर में हुए समारोहों में कई दलितों को बौद्ध धर्म में शामिल किया गया है. इन समारोहों के आयोजकों का दावा है कि क़रीब दो हज़ार दलितों ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया है. इन समारोहों में बौद्ध धर्म की दीक्षा लेने वाले एमबीए के छात्र मौलिक चौहाण ने बताया, "बचपन से मेरे मन में था कि जाति प्रथा से मुझे कब मुक्ति मिलेगी. उना कांड के बाद मैंने मन बना लिया कि अब हिन्दू धर्म का त्याग कर मुझे बौद्ध धर्म की दीक्षा लेनी है क्योंकि उसमें सभी बराबर हैं." कुछ महीने पहले गुजरात में वेरावल के उना गांव में पशुओं की खाल निकाल रहे कुछ दलित युवकों की पुलिस की मौजूदगी में पिटाई की गई थी. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामले की जांच के आदेश

'भारत-पाक सीमा होगी सील,' दावे में कितना दम?

['भारत-पाक सीमा होगी सील,' दावे में कितना दम? - BBC हिंदी] 8 अक्तूबर 2016 साझा कीजिए Image copyrightEPA केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2018 तक भारत-पाकिस्तान की सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा. गृहमंत्री ने यह बात राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और गुजरात में ताज़ा सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा बैठक के बाद कही. राजनाथ सिंह के दावे की हक़ीकत जानने के लिए बीबीसी ने रक्षा विशेषज्ञ राहुल बेदी से बातचीत की, पेश है इसी ख़ास बातचीत के प्रमुख अंश. मुझे उनकी यह बात समझ में नहीं आयी क्योंकि पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में तो बाड़ काफी पहले से ही लगी हुई है. इन तीन राज्यों में मेरी जानकारी में बाड़ आज से नहीं काफी वर्षों से मौजूद है. गुजरात की सीमा की तरफ़ मेरे ख्याल से यह बाड़ पूरी तरह से नहीं लगाई गई है. लेकिन इन तीनों राज्यों में तो पूरी तरह से सीमा बाड़ से पहले ही सील हो चुकी है. इन तीनों राज्यों में पूरी बाड़ का विद्युतिकरण भी किया जा चुका है. नुकीले तारों सें बनी इस बाड़ में हर वक़्त हर वक़्त करंट दौड़ता रहता है. जम्मू-कश्मीर में तो सेंसर

आरएसएस संघ का खुनी इतिहास

JBiswabir Mishra > ‎ARVIND KEJRIWAL ONLINE SENA आरएसएस संघ का खुनी इतिहास राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक विद्वान विचारक हैं राकेश सिन्हा जी , वह "संघ के विशेषज्ञ" के नाम से लगभग हर टीवी चैनल पर बहस करते रहते हैं और संघ के काले को सफेद करते रहते हैं ।कुछ दिन से हर टीवी डिबेट में यह बता रहे हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक कोई आज का पैदा नहीं है बल्कि 1925 का जन्म लिया अनुभवी संगठन है । सोचा संघ के 90 वर्ष के जीवन का पोस्टमार्टम किया जाए । 1925 कहने का तात्पर्य सिन्हा जी या अन्य संघ के विद्वानों का इसलिए है कि उसी समय इनके एक योद्धा "सावरकर" ने एक संगठन बनाया था जिसका संघ से कोई लेना देना नहीं था सिवाय इसके कि संघ को सावरकर से जहर फैलाने का सूत्र मिला । सावरकर पहले कांग्रेस में थे परन्तु आजादी की लड़ाई में अंग्रेज़ो ने पकड़ कर इनको "आजीवन कैद" की सज़ा दी और इनको "कालापानी" भेजा गया जो आज पोर्ट ब्लेयर( काला पानी) के नाम से जाना जाता है ।संघ के लोगों से अब "वीर" का खिताब पाए सावरकर कुछ वर्षों में ही अंग्रेज़ों के सामने गिड़गिड़ाने लगे और अंग्र