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Budget 2019: मध्यम वर्ग को राहत नहीं, अमीरों पर और अधिक टैक्स

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2 घंटे पहले इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. इस बजट की सबसे ख़ास बात यह रही कि आमतौर पर वित्त मंत्री हमेशा ब्रीफ़केस में वित्त मंत्रालय से बजट लेकर चलते थे, लेकिन इस बार लाल कपड़े में लपेटकर बजट लाया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात की इसके बाद केंद्रीय कैबिनेट ने बजट पास किया. दिन में 11 बजे लोकसभा में वित्त मंत्री ने बजट पढ़ना शुरू किया और यह बजट तक़रीबन 2 घंटे 10 मिनट का था. इस बजट की सबसे ख़ास बात यह था कि वित्त मंत्री ने इस बार किस मद में कितना पैसा ख़र्च किया जाएगा इसका कोई ज़िक्र नहीं किया. उन्होंने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की योजनाओं की तारीफ़ करते हुए भविष्य में क्या योजनाएं हैं इसका एक ख़ाका खींचा. तमिल युक्तियों समेत उन्होंने चाणक्य नीति का ज़िक्र भी किया और मंज़ूर हाशमी का शेर भी पढ़ा

क्या कहता है बीजेपी का इतिहास बीजेपी के इतिहास से पता चलता है कि इसके नेता ग़लत बयानबाजी करके बिना कोई हर्जाना दिए बच जाते हैं. ये बयान ऐसे नहीं होते हैं कि कभी किसी ने जोश में आकर कोई बयान दे दिया. ये बयान उस विचारधारा से आते हैं जिसका पालन और प्रचार बीजेपी और आरएसएस करती है. ये कुछ ऐसा है कि भारतीय संविधान को मानना एक टोकनिज़्म की तरह है क्योंकि सत्ता में आने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है लेकिन इस पार्टी के असली सिद्धांत आरएसएस की विचारधारा पर आधारित हैं. जब-जब संविधान और विचारधारा के बीच जंग होती है तो विचारधारा ही जीतती है. अब भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के महिमामंडन को ही देखिए. प्रज्ञा ने गोडसे को एक सच्चा देशभक्त बताया था. इसके बाद बीजेपी के दो अन्य सांसद अनंत हेगड़े और नलिन कुमार कतील ने भी उनके बयान का समर्थन किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री हेगड़े ने कहा कि गोडसे-गांधी मुद्दे पर बहस होनी चाहिए. वहीं, कतील ने सवाल उठाया कि गोडसे ने एक व्यक्ति की हत्या की, अजमल कसाब ने 72 लोगों की और राजीव गांधी ने 1984 में 17 हज़ार सिखों की हत्या की, तो सबसे ज़्यादा क्रूर कौन है? मोदी ने लगभग इस बार की तरह ही कहा था कि वह प्रज्ञा ठाकुर को दिल से कभी भी माफ़ नहीं कर पाएंगे. वहीं, शाह ने कहा कि बीजेपी की अनुशासन समिति दस दिनों में इस मसले पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. ये मामला 17 मई का है. इसके बाद प्रज्ञा ठाकुर भारी अंतर से चुनाव जीतकर सांसद बन चुकी हैं. वह लोकसभा जा रही हैं. ऐसे में वह जल्द ही लोकसभा में अपना पहला भाषण देंगी. कैलाश विजयवर्गीय से कितने अलग हैं उनके बेटे आकाश कभी पिता के हाथ में था 'जूता' तो बेटे के हाथ में 'बल्ला' आकाश विजयवर्गीय का क्या होगा? ऐसे में वो क्या बात है जिसकी वजह से हेगड़े को मंत्री मंडल में शामिल नहीं किया गया. वह बीजेपी के उन नेताओं में शामिल हैं जिनके कंधे पर चढ़कर बीजेपी कर्नाटक के अगले विधानसभा चुनाव में उतरने जा रही है. लिंचिंग और दंगों के रिकॉर्ड पर नज़र डालें तो तत्काल 'न्याय' करने वाले नेता हमेशा बीजेपी में एक मुकाम हासिल करते हैं. मुज़्ज़फ़रनगर दंगों में अभियुक्त बनाए जाने वाले सुरेश राणा इस समय यूपी कैबिनेट में मंत्री हैं. वहीं, दूसरे अभियुक्त संगीत सोम एक विधायक हैं. ऐसे में इस बात की संभावना जताई जा सकती है कि बीजेपी में आकाश विजयवर्गीय का भविष्य बहुत अच्छा है.

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News हिंदी BBC News हिंदी Navigation सेक्शन नरेंद्र मोदी की नज़र टेढ़ी, अब आकाश विजयवर्गीय का क्या होगा-नज़रिया राधिका रामासेशन वरिष्ठ पत्रकार, बीबीसी हिंदी के लिए 3 जुलाई 2019 साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट REUTERS बीते मंगलवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों के साथ विधायक आकाश विजयवर्गीय के व्यवहार की निंदा की है. इंदौर नगर निगम के कर्मचारी ऐसी इमारतों को तोड़ने के लिए निकले हुए थे जिनमें रहना जानलेवा हो सकता है. लेकिन आकाश विजयवर्गीय ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर इस अभियान पर निकले कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उन्हें क्रिकेट बैट से पीटा. इस घटना के बाद आकाश को गिरफ़्तार कर लिया गया. लेकिन जब वह जमानत पर छूटकर अपने घर पहुंचे तो उनके समर्थकों ने किसी हीरो की माफ़िक उनका स्वागत किया. जमानत के बाद आकाश ने ऐलान किया, "ये तो बस शुरुआत है. हम नगर निगम के कर्मचारियों की गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार को ख़त्म कर देंगे. हम पहले आवेदन करेंगे, फिर निवेदन और उसके बाद दनादन. छोड़िए ट्विटर पोस्ट @AN

मॉब लीनचिंग वाले देश में खुदा की लीनचिंग ! जब मासूमों पर जुल्म होगा , आवाम तमाशा देखेगी तो क्या होगा , ऊपर बैठा खुदा तो अपने तरीके से हिसाब किताब यानी इंसाफ तो करेगा ही ।

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भारत में बढ़ती गर्मी से कम होंगी 3.4 करोड़ नौकरियां अनंत प्रकाश बीबीसी संवाददाता 20 मिनट पहले इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट EPA सयुंक्त राष्ट्र संघ ने अपनी हालिया रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत में बढ़ती गर्मी की वजह से साल 2030 तक 3.4 करोड़ नौकरियां ख़त्म हो जाएंगी. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बढ़ती गर्मी दुनिया भर में काम करने वाले मज़दूरों की ज़िंदगी पर क्या असर डालेगी. भारत में सबसे ज़्यादा लोग खेती समेत तमाम दूसरे असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं, जहां मज़दूरों को उनके शारीरिक श्रम के बदले में मज़दूरी मिलती है. ऐसे लोगों को धूप में सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक काम करना पड़ता है. इस बीच में आराम करने की अवधि भी लगभग तीस मिनट होती है. रिपोर्ट बताती है कि बढ़ती गर्मी की वजह से ऐसे मज़दूर दिन के घंटों में काम नहीं कर पाएंगे क्योंकि इस दौरान तापमान अपने चरम पर होगा. null आपको ये भी रोचक लगेगा छत पर सफ़ेद पेंटिंग से गर्मी कम हो जाती है? क्यों