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भारत का हाल बेहाल, अनलॉक-4 से पहले कोरोना से 62,550 मौतें
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भारत में शनिवार को कोरोना संक्रमण के कुल 76,472 नए मामले दर्ज किए गए. ये आंकड़े शुक्रवार को रिकॉर्ड मामलों (77 हज़ार से ज़्यादा) से थोड़े ही कम हैं. हालांकि देश में पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 के 70 हज़ार से ज़्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं और स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है. भारत में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 34 लाख से ज़्यादा हो चुकी है. संक्रमण मामलों की कुल संख्या के लिहाज से भारत दुनिया में सिर्फ़ अमरीका और ब्राज़ील से ही पीछे है. दे देश में पिछले दो हफ़्तों के दौरान एक दिन में आने वाले संक्रमण मामलों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफ़ा हुआ है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना की चपेट में आकर 1,021 लोगों की मौत हुई है और इसी के साथ महामारी से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 62,550 हो गया है. इधर, एक सितंबर से देश भर में अनलॉक-1 के तहत कई पाबंदियों में ढील दिए जाने की योजना है. पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राजधानी में ज़िंदगी वापस पटरी पर लाने के लिए मेट्रो सेवा
पाकिस्तान में स्कूल-कॉलेज खुलने जा रहे पर भारत में हर दिन 75 हज़ार से ज़्यादा मामले
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Getty Images Copyright: Getty Images पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने शुक्रवार को कहा है कि 15 सितंबर तक सभी शैक्षणिक संस्थान खोले जाएंगे. इस सम्बन्ध में सभी प्रांतों को ज़रूरी तैयारियां पूरी करने के लिए कहा गया है. पाकिस्तान सरकार ने 15 सितंबर से सभी स्कूल-कॉलेज खोलने का फ़ैसला पहले ही कर लिया था और शुक्रवार को इमरान ख़ान ने इस फ़ैसले पर एक बार फिर मुहर लगा दी. कोविड-19 से जुड़ी नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी (एनसीसी) की बैठक की अगुआई करते हुए इमरान ख़ान ने लोगों से मुहर्रम के दौरान ज़रूरी ऐहतियात बरतने को भी कहा. इस बैठक में घरेलू उड़ानों के लिए ज़रूरी स्वास्थ्य निर्देशों की समीक्षा का फ़ैसला भी लिया गया. बैठक में बताया गया कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेज़ी से घटे हैं. बैठक में पाकिस्तान में कोरोना महामारी की सुधरती स्थिति को ध्यान में रखते हुए, ज़रूरी ऐहतियात के साथ स्कूल-कॉलेज खोलने और सभी शैक्षणिक गतिविधियां शुरू करने पर चर्चा हुई. इस मीटिंग में पाकिस्तान सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों समेत स्वास्थ्य सलाहकार भी शामिल थे. इ
आमिर खान पर सख्ती और मोदी सरकार को छूट के पीछे की राज क्या है ? जानिए एक रिपोर्ट के हवाले से
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उर्दू भाषा शांति एकता] भाईचारे] प्रेम और वैश्विक कल्याण की संदेशवाहक है: डा0 रमेश पोखरियाल निशंक
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Dated: 27.08.2020 उर्दू भाषा के विकास के लिए] स्वयं को समय के अनुकूल बनाना आवश्यक है: प्रो शाहिद अख्तर लेखकों का काम केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं] राष्ट्रीय और वैश्विक मुद्दों को लेखन का विषय बनाना आवश्यक हैः डॉ अकील अहमद राष्ट्रीय उर्दू परिषद के दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के उद्घाटन सत्र में] शिक्षा मंत्री ने उर्दू के प्रचार के लिए परिषद की सेवाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए, परिषद की ओर से अगले साल से अमीर खुसरो] मिर्जा गालिब] राम बाबू सक्सेना और दया शंकर नसीम के नाम पर उर्दू लेखकों को पुरस्कार देने की घोषणा नई दिल्लीः उर्दू दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी भाषा है और इसकी सुगंध भारत की जड़ों में बसी हुई है। इसके शब्दों में] मानवतावाद] एकजुटता] एकता और मानव कल्याण का संदेश है। यह विचार ]इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के युग में उर्दू लेखकों की जिम्मेदारियां ]विषय पर उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय परिषद के तत्वावधान में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय उर्दू वेबिनार में अपने उद्घाटन भाषण में केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री डा0 रमेश पोखरियाल निशंक ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि उर
35 फ़ीसद लोग चीन में इस बात से ख़फ़ा हैं और मानते हैं कि चीन को भी भारत के साथ वैसा ही बर्ताव करना चाहिए. 50 फ़ीसद लोगों को लगता है कि भारत आर्थिक रूप से चीन पर निर्भर है. चीन की जनसंख्या के हिसाब से सर्वे में हिस्सा लेने वालों की तादाद बहुत कम है, लेकिन भारत-चीन सीमा विवाद के मद्देनज़र अहम भी है.
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चीन के सर्वे में मोदी सरकार के बारे में क्या कहा गया टीम बीबीसी दिल्ली इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger इस पोस्ट को शेयर करें Twitter साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट TWITTER/ANURAGTHAKUR चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने एक सर्वे कराया है. सर्वे में भारत-चीन के रिश्तों पर वहाँ के लोगों की रायशुमारी की गई है. इसमें चीन के दस बड़े शहरों के तक़रीबन 2000 लोगों ने हिस्सा लिया. सर्वे में भारत की छवि, हाल के दिनों में सीमा पर तनाव, भारत में चीनी सामान के बहिष्कार से लेकर दोनों देशों के रिश्तों में अमरीका के हस्तक्षेप पर सवाल पूछे गए. सर्वे में दिए गए जवाब का विश्लेषण ग्लोबल टाइम ने अपने पन्ने पर भी छापा है. ये सर्वे ग्लोबल टाइम्स ने चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ़ कंटेम्पर्री इंटरनेश्नल रिलेश्नस ( सीआईसीआईआर) के साथ मिल कर किया है. 17 से 20 अगस्त तक किए गए इस सर्वे में चीन के दस बड़े शहरों की जनता ने हिस्सा लिया जिसमें बीजिंग, वुहान और शांघाई शामिल है. null और ये भी पढ़ें गलवान पर चीन के बयान में ऐसा क