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Published in 14 Jan-2013 | Print Edition of Roznama Sahara
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                                Published in 12 Jan-2013 | Print Edition of Roznama Sahara

मुस्लिम नौजवानों के खेलाफ आतंकवाद का झूठा मुक़दमा

                    मुस्लिम नौजवानों के खेलाफ आतंकवाद का झूठा मुक़दमा         औरंगाबाद 9,जनवरी (यू एन आई ) रेयासत महाराष्ट्र के नांदेड जिला से दहशत गर्दी  क्व इल्जामात के तेहत गिरफ्तार चार मुस्लिम नौजवानों की रिहाई को लेकर आज यहाँ जमिअत -उल -ओलेम (अरशद मदनी)के वकील ने सेसन कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के नक़ल पेश किया और कहा के पुलिस ने उन नौजवानों के खेलाफ दहशत गर्दी का झूठा मुक़दमा दर्ज किया है,जिसके बाद शेसन अदालत ने इस्तेगासा (अभियोजन)की भी बहस सुनी और जमनत के दरखास्त पर फैसला लेने की तारीख ..............तय की ,आरोपियों की पैरवी करने वाले वकील अधिवक्ता खिज्र पटेल ने अदालत के रूबरू सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया और कहा के प्रदेश की आतंकवाद निरोधक दस्ता ने कल आरोपियों के खेलाफ जो चार नये इल्जेमात (आरोप) लगाये हैं वह उनपर कानूनन लागु नहीं ही सकते ,कयोंके जांच एजेंसियों ने जिन धाराओं को आयेद (लागू) किया है उसका कोई सबूत नहीं है ........        उन्होंने अदालत को बताया के जांच एजेंसियों  ने आरोपियों पे .... यू ए पी ए   एक्ट की जो धारा लगाए हैं उसके मुताबिक़ आरोपियों का किस

एस डी ओ साहेब को कानून की परवाह नहीं?.डी डी सी मोतिहारी ने दिए जाँच के आदेश

4/1/2013 को जब एस डी ओ बारा चकिया से जब पूछा गया के 20 दिन बीत जाने के बावजूद आगे की कार्रवाई हेतु सम्बंधित अधिकारी के पास नहीं पहुँच पाना कानूनन कितना बिहार के पूर्बी चंपारण के बारा चकिया के एस डी ओ ने ये कह कर सुशासन को कटघेरे में ला दिया है के जनता की फाइल , आवेदन जब तक चाहेगा चांप के और दबा के रखे गा ,यानी काम अपनी मर्जी से करेगा ,कानून के हिसाब से नहीं ,मामले के बारे में बताया जाता है के एक आवेदक  ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने हे तू आवेदन दिनांक 13 दिसंबर 2012 को  एस डी ओ कार्यालय बारा चकिया  में किया था , बीस दिनों बाद जब कल्यानपुर बी डीओ से पता किया तो बताया के अब तक उक्त  आवेदन अब तक हमारे कार्यालय में नहीं पहुंचा है ,साथ ही ये भी कहा के हमारे यहाँ जब किसी का आवेदन आता है तो हम उसको नहीं रोकते,उसी दिन उसको पंचायत सचिव के पास आगे की करवाई करने हेतु भेज देते हैं,लेकिन जब उनसे 20 दिन बीत जाने के बाद भी एस  डी  ओ  कार्यालय से अबतक न आना कानून के हिसाब पूछा के कितना उचित है? ,तब बी डीओ ने कहा के जानते नहीं हैं एस डीओ ऑफीस के कर्मचारी कुछ लेन देने के लिए रोके रहता है ,लेकिन  दिनांक उचि

हजरत उमर रजिअल्लहो अन्हो ने एक मर्तबा चोर का हाथ इसलिए नहीं काटा था क्योंके कहत साली का दौर(अकाल का समय )था .......,चोरी न होने के कारण पर जब कंट्रोल नहीं था तो हाथ काटने का हुक्म(आदेश )कैसे दिया जाता .....यहाँ तो हर तरफ बलात्कार होने और करने के कारण का दरवाजा खुला हुआ है .....आस पास हर तरफ कारण खुले हुए है ऐसी सूरत में इस्लामी कानून का पहला काम सजा नहीं ,बलके उसको रोकना है ,इसलिए हिन्दुस्तान के मौजूदा समाज में सिर्फ इस्लामी सजा का मुताल्बा (मांग) करना ना काफी ,हम जब तक उन कारणों पर गौर नहीं करेंगे ,और सिर्फ आँख मुंद कर बे लेबासी ,मर्द की दादा गीरी .पुलिस का रवैया ,सरकारी बे तवज्जहि को सिर्फ जिम्मेदार मानते रहेंगे तो न हालात कंट्रोल होंगे और न रेप का मामला रुकेगा ....

                                                                         अज़ीमुल्लाह सिद्दीकी            जब से दिल्ली में 23 वर्षीये लड़की के साथ गैंग रपे का मामला पेश आया  है ,हर तरफ से आवाज उठने लगी है ,उर्दू , हिंदी ,और अंग्रेजी मीडिया में खूब मजामीन (आर्टिकल )छप रहे हैं ,कोई आरोपी के गुप्तांग काटने की बात कर फेंकने की बात कर रहा ,तो कोई फांसी ,की सजा देने की बात कर रहा ,कोई इस्लामी कानून को लागू करने की बात कर रहा तो कोई दिल्ली में स्थित स्लम बस्तियों में गंवार मर्दों को इसका जिम्मेदार ठहरा रहा ,कोई हरयाना और पंजाब से आने वालों की जेहनियत को इसका जिम्मेदार मान रहा है तो कोई मुल्क और समाज में फहाशी ,उड़यानियत और खुलापन को इसका कारण मानकर पीड़ित औरत को ही जुर्म का दरवाजा खुला रखने वाला  घोषित कर रहा है ,गर्ज  के पूरा शहर ,पूरा मुल्क मोकम्मल (सम्पूर्ण )विरोध मार्च कर रहा है ,लेकिन ये प्रदर्शन किसके खेलाफ है ? प्रदर्शन क्यों हो रहा है ?और इसके पीछे मकसद क्या है ?अगर इसका मक्सद बलात्कारिओं(RAPISTS ) के बीच खौफ व दहशत पैदा करना है तो इसका नतीजा सुन्य आरहा है .क्यों के बीते दिनों में हम

कसाब को फाँसी मोदी को क्यों नहीं ?हिन्दुस्तानी है तो हिन्दुस्तानी के मारने पर देश की गद्दी ,अगर मुल्क में इन्साफ है तो कसाब की तरह मोदी को भी फांसी मिलनी चाहिए।(ऑवैसी )

                                        हैदराबाद ,27 दिसंबर (एजेंसी )आंध्र प्रदेश में मज्लिशे इत्तेहादुल मुस्लेमीन के M.L.A अकबरुद्दिब ओवैसी के जरिये एक सभा में की गई भरकाऊ भाषण पर जबर्दश्त विरोध शुरू हो गया है .ओवैसी ने एक सभा में भाषण देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंदर मोदी की तुलना मुंबई के दहशतगर्दाना हमला (आतंकी हमला )मामले में फांसी पर  चढ़ाये गए अजमल कसाब  की  थी ,मोदी को तनकीद का निशाना  बनाते हुए ओवैसी ने कहा के इस  बच्चे अजमल कसाब को फाँसी पर लटका दिया गया ,ठीक किया उसने  200 बेक़सूर लोगों की जान ली थी लेकिन 2000 मुसलामानों के क़त्ल के गुनहगार नरेंदर मोदी को फाँसी क्यों नहीं दी ,अपने भाषण में ओवैसी ने कहा के पाकिस्तानी है तो हिन्दुस्तानी के मारने पर फांसी ,हिन्दुस्तानी है तो हिन्दुस्तानी के मारने पर देश की गद्दी ,अगर मुल्क में इन्साफ है तो कसाब की तरह मोदी को भी फांसी मिलनी चाहिए।  नोट :---उपरोक्त समाचार उर्दू दैनिक पिन्दार के दिनांक 29/12/2012 से ली गई है .

जाफरानी( भगवा )दहशतगर्द की गिरफ्तारी

                                                               मंगल 18 दिसंबर 2012                                                                   उर्दू दैनिक पिन्दार                                                  जाफरानी( भगवा )दहशतगर्द की गिरफ्तारी नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी( NIA )ने मध्य प्रदेश के नागदा इलाके से समझौता एक्सप्रेस और हैदराबाद की मक्का मस्जिद में बम प्लांट करने वाले भगवा दहशत गर्द राजेंदर उर्फ़ समुन्दर को धर दबोचने में बाला आखिर कामयाबी हासिल करली ,जो एक अरसा से फरार चल रहा था , उपरोक्त एजेंसी के मुताबिक राजेंदर ने शुरूआती पूछ  ताछ के दौरान इस हकीक़त का एतराफ किया है ,उसने हिन्द-पाक दरमयान चलने वाली रेल गाड़ी समझौता एक्सप्रेस और मक्का मस्जिद (हैदराबाद )में बम रखे थे जिनके धमाकों से कम से कम सौ आदमी मारे गए थे ,उसने एन आई ए  को ये भी बताया के वह मध्य प्रदेश के हातूर इलाके की आर एस एस यूनिट का सरगर्म (एक्टिव)कारकून था और आर एस एस  का एक प्रचारक सुनील जोशी उसे दहशत गर्दाना सरगर्मियों की तरबियत (प्रशिक्षण ) के लिए जम्मू ले गया था ,यहाँ पर ये अम्र काबिले गौर है के

उर्दू हिन्दुस्तान के नजरिये की मोकम्मल तर्जुमान(प्रतिनिधित्व),भोपाल में जस्टिस काटजू की कयादत में उर्दू वेरासत कारवां का इस्तकबाल

भोपाल 23 दिसंबर (यू एन आई )उर्दू न सिर्फ एक खालिस हिदुस्तानी जुबान है जिसने इस मुल्क की सोंधी मिट्टी में जन्म लिया बलके इसने अहद (जमाने )में हिन्दुस्तान की तहजीबी (सांस्कृतिक )विरासत को जला बख्शी और कसरत कशरत में वहदत (अनेकता)में एकता के नजरिये को अमली रूप दिया लेकिन बद्किश्मती से मुल्क के बटवारे के बाद एक साजिश के तहत  इसे एक मख्शुश फिरका (एक खास समुदाय से )जोड़  कर इसकी तरक्की की राहें रोकने की कोशिश की गई ,इसलिए अब  वक़्त  आ   गया है के इसके साथ होने वाली नाइन्साफियों का एजाला (दूर )किया जाए ,इन खेयालात का इज़हार मुख्तलिफ मजाहेब (विभिन्व धर्मों )और समाजी व सियासी पसमंजर रखने वाले दानिश्वरों व अहले बशिरत ने किया ......रियासत मध्य प्रदेश की राजधानी और नवाबों की नगरी भोपाल में प्रेस कौंसिल  ऑफ़ इंडिया (PCI )के चेयरमैन और मोह्सिने उर्दू  जस्टिस (रिटायर्ड )मारकंडे काटजू की सरबराही (प्रतिनिधितिव )में आने वाले "उर्दू वेरसत कारवां "का इस्तकबाल करते हुए इन अहम् शख्सियतों ने इस बात पर  बरमला इज़हार भी किया के इस पुर आशूब दौर में जब बाज ताक़तें (कुछ ताकतें )हिंदुस्तान के ताने बाने
BIHAR HUMAN RIGHTS COMMISSION 9, Bailey Road File No BHRC/COMP. 552/09 Case of BAL GOVIND PRASAD This proceeding was initiated on the complaint of Md. Kausar Nadeem, a human rights activist and member of the Amnesty International of India. The complaint is about the death of one Bal Govind  Prasad of village Bar within Sherghati P.S. of Gaya district on 10.4.2009 in rather unfortunate circumstances.  Before adverting to the contents of the complaint it may be mentioned that copy of the complaint was sent to I.G. Patna who submitted the report of the D.I.G. of Police Magadh Range dated 23.7.2010. Copy of the said report was sent to the victim’s son Anugrah Prasad to which he submitted his response. The matter was then fixed for oral hearing which was held on 27.12.2010. While Anugrah Prasad appeared in person, S.P. (City) Gaya, Shri Daljeet Singh appeared on behalf of the Administration.  Admitted facts of the case are that on 10.4.2009, Bal Govind Prasad, who was ill

अबू जिंदल हिन्दुस्तानी खुफिया एजेंसी का एजेंट था .हिन्दुस्तान और पकिस्तान दुश्मन हैं ,हमें यह नहीं भूलना होगा (रहमान मल्लिक)

न्यू दिल्ली ,16 दिसंबर (एजेंसी)मुंबई हमले का तुलना बाबरी मस्जिद विवाद से करने वाले पकिस्तान के गृह मंत्री ने फिर विवादस्पद बयान दिया है ,उन्हों ने दावा किया है के लश्कर ए तैबा आतंकवादी अबू जिंदल हिन्दुस्तानी खुफिया एजेंसी का एजेंट था ,हिन्दुस्तान ने रहमान मल्लिक के इस दावे इस दावे का खंडन किया है .पकिस्तान के वजीर ए  दाखिला ने कहा है के अबू जिंदल हिन्दुस्तानी है .हम  भी हैरान हैं के वह और उसके दो साथी पकिस्तान कैसे पहुंचे ,जिंदल मशहूर जराएम्पेशा (अपराधी )था वह हिन्दुस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी के जराए के तौर पर काम कर रहा था ,ऐसा मै नहीं कह रहा हूँ ,बलके खुद उसने कहा है ,हम ने रिकॉर्ड देखें हैं ,रहमान मल्लिक ने ये वाजेह नहीं किया के वह किस बुनियाद पर ये बयान दे रहे हैं ,उनहोंने कहा के पकिस्तान इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहा के क्या दोनों फरीकों की सरकार से अलग किसी तीसरी ताक़त के इशारे पर काम कर रहे थे ,उन्हों ने कहा के आप इस बात से वाकिफ हालात ने खतरनाक मोड़ ले लिया था ......दोनों मुल्कों ने सरहद पर अपनी अपनी फ़ौज को तैनात करना शुरू कर दिया था ,अगर दोनों पक्षों के नेताओं ने पोख्तगी

सरकारी अधिकारिओं और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से हुआ PDS ,सोलर लाइट ,विधवा पेंशन सहित कई योजनाओं में भारी घोटाला,वारिये अधिकारी जान कर भी मामलें में कारवाई से कतरा रहे ?

                PDS के फर्जी कुपनों पर गलत ढंग से फायेदा उठाने वाले होशियार हो जाएँ ,पूर्बी चंपारण के जिला अधिकारी  ने जिला के कल्यानपुर प्रखंड के मनीछपरा पंचायत में मर चुके लोगों ,फर्जी नामों और इस तरह के गलत नामों के 185 से अधिक PDS कूपन होने और उन फर्जी कूपनों पर स्थानिये जन प्रतिनिधि के जरिये अवैध ढंग से  लाभ उठाये जाने का मामला जैसे ही जिला पदाधिकारी पूर्बी चंपारण को  जैसे ही पता चला उन्हों ने इसके जाँच के आदेश वारिये अधिकारियों को दिनांक 24/12/2012 को दिए हैं , बताया जाता है के उपरोक्त जिला के मनीछपड़ा पंचायत में सालों साल से फर्जी कूपनों पे सरकार के पदाधिकारियों की  मिलीभगत से वर्षों से फ़ायदा उठा रहे ,               पंचायात के कुछ वार्ड सदस्यों की माने तो फर्जी कूपनों पे फ़ायदा उठाने के धंधे में स्थानिये प्रशासन की पूरी छूट इन जनप्रतिनिधियों संरक्षण प्राप्त है ,वार्ड सदस्यों के बातों में दम प्रतीत होता है कयोंके बगैर मिली भगत के वर्षों से फर्जी कूपनों पे फ़ायदा उठाया नहीं जा सकता              पंचायत के कुछ जनप्रतिनिधियों की बातों पे यकीन की जाए तो दर्जनों सोलर लाइट सरकार के अ

प्रोफेसर जिलानी पर हमला आर एस एस के इशारे पर हुआ था . तफ्तीश के दौरान समझौता एक्सप्रेस धमाका के मुल्जिम राजेंदर चौधरी का एताराफे जुर्म। माले में दिलचस्पी न लेने कारण दिल्ली पुलिस पर भी उठे सवाल आखिर क्या वजह थी के जिलानी के हमलावरों के बारे में आज तक मुल्जिमों को खोज पाने में नाकाम रही ?

                 न्यू डेल्ही 26 डिसेम्बर (एजेंसी) समझौता एक्सप्रेस बम धमाका मामले में गिरफ्तार मुल्जिम ने यॆ बात कबूल की है के पार्लियामेंट हमले में मोबैयेना (कथित तौर पर शामील प्रोफेसर एस ए आर जिलानी पर हमले में भी वह शामिल था .राष्ट्रिये जाँच एजेंसी( NIA )के हिरासत में समझौता एक्सप्रेस बम धमाका मामले के मुलजिम राजेंदर चौधरी ने जाँच करने वालों को बताया के उसने और अजमेर दरगाह और मक्का मस्जिद बम धमाका के मुल्जिम लोकेश शर्मा ने मिलकर प्रोफेसर एस ए आर जिलानी को गोली मारी थी .....                 उसने ये भी बताया के 8 फ़रवरी 2005 को वसंत विहार इलाके में जब जिलानी अपने वकील से  गए थे तब उन्हों ने गोली मारी थी ......इस हमले में जिलानी शदीद तौर (गंभीर रूप )से घायेल हो गए थे इसके साथ ही चौधरी ने ये भी स्वीकार की के आर एस एस प्रचारक सुनील जोशी के कहने पर ये हमला किया गया था ......                 वह डेल्ही हाई कोर्ट की तरफ से जिलानी को  बड़ी किये जाने के बाद 2003 से हमले की योजना बना रहे थे ..............                  इस दौरान प्रोफेसर जिलानी ने कहा है के दिल्ली पुलिस हमले के बाद उनसे कभी

गैंग रेप पर इतना बवाल क्यों मचा है दोस्तों ?

Gang rape par  aajkal bawaal macha hua hai.kuch logo ko darama baji karne ka achcha bahana mil geya hai.aakhir mai puchta hoon ke desh me badhti rape ki ghatnao ke liye keya rape karne wale purush he sirf jimmedar hain,keya way larkiyan a ur mahilayen kisi had tak jimme dar nahi jinke sath nirmamta aur barbarta purwak samuhik balatkar hoti hain ya shikar banti hain.? keya aaj ki ladkiyo ke rahan sahan ko dekh kar kabhi aapne keya gaur karne ki koshish nahi ki ke ye adhnangi larkiyan aur is tarah ki life style wali besharm mahilaye mard samaj se kis baat ki khahis rakhti hain? paiso ki khatir jism bechne wali mahilayen keya rape ke khelaf protest karengi,aisi mahilaon ko hak kisne de diya? gang rape ke khelaf bolne wali mahilayen pahle khud ka rahan sahan aur bhartiye bane,bhartiye sanskirti ko apnaye tab road par aakar protest karen tab sobha bhi dega,warna unki ye mukhalfat ,wirodh aur protest ko dikhawda aur majak ka naam diya jaye to galat na hoga.jo dardnaak ghatna hui uski mai t