नए डोमिसाइल कानून की भारत प्रशासित कश्मीर में कड़ी प्रतिक्रिया
माजिद जहांगीर बीबीसी हिंदी के लिए, श्रीनगर से इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट NITIN KANOTRA/HINDUSTAN TIMES VIA GETTY IMAGES भारत प्रशासित कश्मीर के लिए भारत सरकार के जारी किए गए नए मूल निवास (डोमिसाइल) नियमों के पर आम लोगों, एकेडिमीशियंस, लॉयर्स और राजनीतिक पार्टियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. इन लोगों का कहना है कि सरकार नए नियमों के जरिए जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में डेमोग्राफिक बदलाव लाना चाहती है. भारत सरकार ने जेएंडके रीऑर्गनाइजेशन एक्ट, 2020 के तहत नए नियमों का नोटिफिकेशन जारी किया है. नए डोमिसाइल रूल्स कहते हैं कि जम्मू और कश्मीर में कम से कम पिछले 15 साल से रह रहा कोई भी शख्स अब इस केंद्र शासिल प्रदेश का मूल नागरिक माना जाएगा. सरकारी गजट की परिभाषा के मुताबिक, केंद्र सरकार के अफसरों, ऑल इंडिया सर्विस ऑफिसर्स, पीएसयू के अफ़सर और केंद्र सरकार की स्वायत्त संस्था और केंद्र सरकार के संस्थानों के अफसरों के बच्चे जो कि जम्मू और कश्मीर में कुल 10 साल