जब दुनिया में भगवान् की भी आलोचना करने का हक है तो न्यायाधीश की आलोचना क्यों नही की जा सकती. वे दुनिया ऊपर क्यों हैं ? (Gunjan Sinha)

Gunjan Sinha
मुझे लगता है कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट अब आउटडेटेड है. इसकी रिव्यू होनी चाहिए. जब दुनिया में भगवान् की भी आलोचना करने का हक है तो न्यायाधीश की आलोचना क्यों नही की जा सकती. वे दुनिया ऊपर क्यों हैं ? नॉन परफोर्मिंग या भ्रष्ट MP या MLA को भी आप पांच साल में निकाल सकते हैं, लेकिन जज की कोई जांच भी नही कर सकते, न आरोप लगा सकते हैं. ये क्या है भाई ?
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