भारतीय वायुसेना का विमान चीन सीमा के नजदीक लापता


फ़ाइल फोटोइमेज कॉपीरइटEPA

भारतीय वायुसेना का विमान एएन-32 असम के जोरहाट से उड़ान भरने के बाद लापता हो गया है.
भारतीय सेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने कहा कि विमान में चालक दल के आठ सदस्यों समेत 13 लोग सवार थे और सभी वायुसेना से जुड़े थे.
प्रवक्ता ने बताया कि विमान ने जोरहाट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर अरुणाचल प्रदेश के मेचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी. लेकिन कुछ समय के बाद विमान का संपर्क टूट गया.
विमान का एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी एटीसी से आखिरी संपर्क दोपहर एक बजे हुआ था.
विमान के तय समय पर मेनचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंडपर नहीं पहुँचने पर भारतीय वायुसेना ने तलाशी का काम शुरू किया. प्रवक्ता ने बताया कि सभी उपलब्ध संसाधनों से विमान को तलाश किया जा रहा है.
विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने स्थानीय पत्रकार दिलीप कुमार शर्मा को बताया कि सुखोई 30 और सी 130 हर्क्लीज़ को खोज अभियान में लगाया गया है. साथ ही इस काम में सेना और आईटीबीपी की भी मदद ली जा रही है.
साल 2016 में भी भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान लापता हो गया था. इस विमान ने तब चेन्नई से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन बंगाल की खाड़ी के ऊपर से उड़ते हुए ये लापता हो गया था.
इसके बाद, इस विमान की खोज के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया गया था. भारतीय वायुसेना के इतिहास के सबसे बड़े तलाशी अभियान में नाकामी हाथ लगी थी और ये विमान कभी नहीं मिल सका. इस विमान में 29 लोग सवार थे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्होंने लापता विमान के संबंध में एयर मार्शल राकेश सिंह भदौरिया से बात की है.

जोरहाट से मेचुका (नक्शा)

राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, "एयर मार्शल भदौरिया ने मुझे लापता विमान को ढूंढने के लिए भारतीय वायुसेना द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी है. मैं विमान में सवार लोगों की सलामती की दुआ करता हूँ."

क्या है एएन 32 विमान

एएन 32 यानी एंतोनोव 32 विमान सैन्य साजो-सामान ले जाने वाला परिवहन विमान है. भारतीय वायुसेना इसे 1984 से इस्तेमाल कर रही है. इसे यूक्रेन की एंतोनोव स्टेट कॉर्पोरेशन ने डिज़ाइन किया है.
एएन 32 को भरोसेमंद विमान माना जाता है और भारतीय वायुसेना अपने कई अहम अभियानों में इसका इस्तेमाल कर चुकी है.
एयरफोर्स टेक्नोलॉज़ी डॉटकॉम के मुताबिक शुरुआती एंतोनोव एयरक्राफ्ट ने अपनी पहली सफल उड़ान 1983 में भरी थी. जुलाई 1984 में इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया. सोवियत एयरफ़ोर्स को 1987 में 25 एएन-32 विमान मिले थे. इसके अलावा चार एएन 32 विमान लीबिया को साल 2005 में दिए गए, जबकि साल 2008 में अफ़ग़ान एयरफ़ोर्स को भी चार एयरक्राफ्ट मिले थे.
एएन 32 साढ़े सात टन तक का वजन ले जा सकता है. दो इंजन क्षमता वाला यह विमान 530 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से उड़ सकता है.

Comments

Popular posts from this blog

"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

Department of Education Directory