ईरान ने मिसाइल से मार गिराया था यूक्रेन का यात्री विमान, मांगी माफ़ी


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ईरान के सरकारी टीवी की रिपोर्ट के अनुसार सेना ने शनिवार को कहा कि 'ग़लती' से यूक्रेन के यात्री विमान को उसने ही मार गिराया था.
इस विमान में 176 लोग सवार थे. ईरान की तरफ़ से आए बयान में इसे 'मानवीय भूल' कहा गया है.
बोइंग 737 फ्लाइट यूक्रेनियन इंटरनेशनल एयरलाइंस की थी. बुधवार को उड़ान के बाद इसे तेहरान के बाहरी इलाक़े में मार गिराया गया था. ईरान ने इराक़ में अमरीकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल से हमला किया था और उसके कुछ घंटे बाद ही इस विमान को मार गिराया गया था.
इससे पहले ईरान इस बात से इनकार कर रहा था कि उसने प्लेन को मार गिराया है. अमरीका और कनाडा ने अपनी ख़ुफ़िया सूचना के आधार पर कहा था कि ईरान ने इस विमान को मार गिराया था. यह विमान यूक्रेन की राजधानी कीएफ़ जा रहा था. इसमें 167 पैसेंजर और चालक दल के नौ सदस्य थे. इस फ़्लाइट में ईरान के 82, कनाडा के 13 और यूक्रेन के 11 नागरिक सवार थे.
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ट्वीट कर कहा है, ''मानवीय भूल के कारण यूक्रेन के यात्री विमान पर मिसाइल दागी गई और 176 बेगुनाहों की जान चली गई. कहां ग़लती हुई इसकी शिनाख़्त के लिए अभी जांच जारी है. इस भयावह त्रासदी के लिए जो भी दोषी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा. इस विनाशकारी ग़लती के लिए इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान को घोर खेद है. पीड़ित परिवारों के साथ मेरी संवेदना है.''
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ईरान की सेना ने कैसे की ये ग़लती?

ईरान ने कहा है कि विमान अप्रत्याशित रूप से संवदेनशील सैन्य ठिकाने की तरफ़ टर्न लिया था. इससे पहले ईरान ने विमान के क्रैश के लिए तकनीकी ख़राबी को ज़िम्मेदार ठहराया था.
ईरान की सेना ने अपने बयान में कहा है, ''विमान रिवॉल्युशनरी गार्ड्स कोर के बेस के क़रीब आ गया था. इस स्थिति में मानवीय भूल हुई और विमान को मार गिराया.'' रिवॉल्युशनरी गार्ड ने अपने बयान में कहा है, ''इसमें जिसकी भी ग़लती होगी उस पर क़ानूनी कार्रवाई होगी. सेना सभी आर्म्ड फ़ोर्सेज के ऑपरेशन में व्यापक सुधार करेगी ताकि फिर से ऐसी ग़लती ना हो.''
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ईरान की सेना ने अपने बयान में कहा है, ''इराक़ में अमरीकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद अमरीकी सेना के विमान ईरान की सीमा के चारों ओर उड़ने लगे थे. ऐसे में ईरान की सेना ने एरीअल पर सैन्य बेस की तरफ़ आता हुआ एक प्लेन देखा. ईरान के कई डिफेंस सिस्टम में रेडार की गतिविधियां बढ़ गई थीं. ऐसे हालात में यूक्रेनियन इंटरनेशनल एयरलाइंस फ्लाइट 752 ने तेहरान के इमाम ख़ुमैनी एयरपोर्ट से उड़ान भरी. उड़ान भरने के बाद वो आईआरजीसी सैन्य सेंटर के क़रीब आ गई. इसी स्थिति में ग़लती से प्लेन को मार गिराया. इस भूल के कारण कई ईरानी समेत विदेशी नागरिकों की जान गई.''
ईरान पर इस विमान के गिराए जाने की ज़िम्मेदारी लेने का अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने लगा था. अमरीका और उसके सहयोगी देशों ने कहना शुरू कर दिया था कि जो ख़ुफ़िया सूचना मिली है उसके अनुसार विमान ईरानी मिसाइल हमले का शिकार हुआ है. शक तब और बढ़ गया था क्योंकि ईरान ने कुछ घंटे पहले ही इराक़ में अमरीकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल से हमला किया था.

राष्ट्रपति और विदेश मंत्री ने मांगी माफ़ी

समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि यूक्रेन के प्लेन को मारकर गिराना बहुत बड़ी त्रासदी है और जिसने भी ग़लती की है उसे माफ़ नहीं किया जाएगा.
ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने ट्वीट कर खेद जताया है. अपने ट्वीट में उन्होंने कहा है, ''बहुत ही दुखद है. सेना की शुरुआती जांच में पता चला है कि यह मानवीय भूल थी जो अमरीका के दुःसाहस के कारण संकट की घड़ी में हुई. हम इसके लिए माफ़ी मांगते हैं और लोगों के साथ हमारी संवेदना है.''
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ईरान ने तेहरान में विमानों की आवाजाही पर रोक क्यों नहीं लगाई?

बुधवार को जब ईरान ने इराक़ में अमरीकी सैन्य ठिकानों पर हमला शुरू किया तो इंटरनेशनल एयरलाइंस रूट में परिवर्तन हुए थे. अमरीका ने अपने विमानों को ईरान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया था. कई विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं कि ईरान ने तेहरान में प्लेन की आवाजाही पर रोक क्यों नहीं लगाई थी?
सीएनएन को दिए इंटरव्यू में अमरीका के एक रिटयार्ड मेजर जनरल जेम्स मार्क्स ने ईरान से पूछा है कि उसने इराक़ में अमरीकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद अपने हवाई क्षेत्र में यात्री विमानों की आवाजाही पर रोक क्यों नहीं लगाई? मार्क्स ने कहा, ''जब आपको पता था कि तनाव चरम पर है. एयरस्पेस काफ़ी व्यस्त है. हर कोई सतर्क था क्योंकि ईरान ने इराक़ में मिसाइल दागी थी. ऐसे में तेहरान एयरपोर्ट से विमान को जाने देना बहुत ही ग़ैर-ज़िम्मेदाराना रवैया था.''
शुक्रवार को अमरीका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने भी कहा था कि यूक्रेन के विमान को ईरान ने मार गिराया है. पॉम्पियो ने व्हाइट हाउस से ईरान पर नए प्रतिबंधों की घोषणा करने के बाद कहा था, ''हमलोग का मानना है कि यूक्रेन के प्लेन को ईरानी मिसाइल से मार गिराया गया है. हमलोग इसकी जांच कर रहे हैं.''
पॉम्पियो के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी कहा था कि ख़ुफ़िया सूचना से पता चला है कि ईरान ने ही ग़लती से प्लेन को मार गिराया है.
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