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कोरोना वायरस: क्या भारतीय सेना ने रातोंरात 1000 बेड वाला अस्पताल बनाया है?- फ़ैक्ट चेक



अमरीका, मोबाइल अस्पतालइमेज कॉपीरइटUS AIRFORCE
Image captionअमरीका, मोबाइल अस्पताल

कोविड-19 से संक्रमित मरीज़ों की संख्या भारत में 1,000 से ज्यादा हो चुकी है.
भारत के सामने सबसे बड़ी समस्या स्वास्थ्य व्यवस्था में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी मानी जा रही है. क्योंकि देश में सिर्फ़ 70 हज़ार आईसीयू बेड हैं.
लेकिन इस बीच एक नया दावा सोशल मीडिया पर किया जा रहा है.
तीन तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है, "बाड़मेर में हमारी सेना ने 1000 बेड से भी ज्यादा वाला अत्याधुनिक अस्पताल तैयार कर राजस्थान सरकार को केवल 2 दिन में किया समर्पित, व तीन अस्पताल भारत सरकार को किया समर्पित, देश के जवानों के जज़्बे को सलाम . जब-जब देश संकट में आया मेरे जवान और किसानों ने देश को बचाया है. जय जवान जय किसान."
एक ट्वीट में कहा गया है, "एक हज़ार बेड वाला अस्पताल सेना ने बाड़मेर, राजस्थान में बनाया है. इसे सेटअप करने में महज़ कुछ घंटे लगेंगे. अब तक हम चीन से ऐसी उपलब्धियों वाली ख़बरें पढ़ते थे और अपनी सेना की उपलब्धियों को भूलते जा रहे हैं."

कोरोना वायरसइमेज कॉपीरइटHIMANSHU BHATT/NURPHOTO VIA GETTY IMAGES

इन पोस्ट के साथ तीन तस्वीरें भी साझा की गई है.
हमने इन तीनों तस्वीरों की पड़ताल की और ये जानने की कोशिश की कि क्या भारतीय सेना ने रातोंरात बाड़मेर में अस्पताल बनाया है?

मोबाइल अस्पतालइमेज कॉपीरइटSOCIAL MEDIA
Image captionमोबाइल अस्पताल

तस्वीर-1
हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया तो पता चला कि ये गाड़ियों वाला मोबाइल अस्पताल रूस ने बनाया और किर्गिस्तान के आपातकालीन मंत्रालय को डोनेट किया.
11 सितंबर, 2019 को किर्गिस्तान की न्यूज़ एजेंसी kabar.kg ने ख़बर को छापा है. इसमें 10 फ़िज़िशियन और अस्पताल वर्कर एक साथ इलाज कर सकते हैं.

अमरीका, मोबाइल अस्पतालइमेज कॉपीरइटUS AIRFORCE
Image captionअमरीका, मोबाइल अस्पताल

तस्वीर-2
इस तस्वीर में सेना का बनाया अस्पताल अंदर से कैसा दिखता है ये दावा किया गया है. दरअसल ये तस्वीर नवंबर, 2008 की है.
अमरीकी एयरफ़ोर्स की वेबसाइट पर इस तस्वीर के साथ लिखा है- ‘’अंदर से ऐसा दिखता है मोबाइल फ़ील्ड अस्पताल. इस अस्पताल में जलवायु परिवर्तन सिस्टम, हर तरह की मेडिकल मशीनें दी गई है. सभी ज़रूरी दवाएं है जिससे गंभीर से गंभीर इलाज किया जा सके. इस तरह के तीन अस्पताल बनाए गए हैं जिनमें कुल 600 बेड की क्षमता है.’’
कैलिफ़ोर्निया के मार्च एयर रिज़र्व बेस में ऐसे ही तीन मोबाइल अस्पताल बनाए गए और इस एक अस्पताल में 200 बेड दिए गए हैं.
हमने इस तस्वीर का मेटाडेटा निकाला तो पता चला कि इस तस्वीर को 21 मार्च, 2006 को निकॉन D200 कैमरे से खींचा गया है.

भारतीय सेनाइमेज कॉपीरइटTWITTER/@SPOKESPERSONMOD
Image captionभारतीय सेना

तस्वीर-3
इस तस्वीर में भारतीय सेना के कुछ जवान बैठे हैं. दावा है कि ये तस्वीर बाड़मेर में बने सेना के अस्पताल की है.
Tineye इमेज सर्च इंजन के ज़रिए हम भारतीय थल सेना के एक ट्वीट तक पहुंचे.
साल 2015 में नेपाल में आए भूकंप के दौरान सेना ने ये मेडिकल कैंप अपातकालीन सेवाओं के लिए काठमांडू एयर बेस में लगाया था.
यानी तीनों तस्वीरें पुरानी हैं जो मैसेज में किए जा रहे दावों से मेल नहीं खातीं.
लेकिन सवाल अब भी यही है कि क्या भारतीय सेना ने कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए कोई अस्पताल बनाया है?
इसका जवाब भी हमें भारतीय सेना के ट्विटर अकाउंट पर मिला.
23 मार्च को ही भारतीय थल सेना के प्रवक्ता ने ट्वीट कर बताया, ‘’ सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना ने बाड़मेर में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज़ों के लिए 1000 बेड वाला क्वारंटाइन सेंटर बनाया है. ये झूठा दावा है.‘’
साफ़ है कि भारतीय सेना ने 1000 बेड वाला कोई अस्पताल कोविड-19 से संक्रमित लोगों के लिए नहीं बनाया है. साथ ही जिन तस्वीरों को राजस्थान के बाड़मेर ज़िले का बताया जा रहा है वो दरअसल रूस, अमरीका के मोबाइल अस्पतालों की हैं.

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