जॉर्ज फ़्लॉयड के साथ आख़िरी 30 मिनट में क्या क्या हुआ था?


जॉर्ज फ़्लॉयडइमेज कॉपीरइटTWITTER/RUTH RICHARDSON
अमरीका के मिनेसोटा राज्य में पुलिस के हाथों एक निहत्थे काले नागरिक की मौत के बाद देश भर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं.
पुलिस हिरासत में मरने वाले 46 वर्षीय जॉर्ज फ़्लॉयड का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक पुलिसकर्मी डेरेक शैविन को घुटना टेककर उनकी गर्दन दबाते हुए देखा जा सकता है, वो भी तब, जब जॉर्ज उनसे कह रहे हैं कि "उन्हें सांस नहीं आ रही है."
डेरेक पर इस मामले में हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
जॉर्ज की मौत के वक्त के आख़िरी 30 मिनट में क्या हुआ था. यह वहाँ मौजूद लोगों, वीडियो फुटेज़ और आधिकारिक बयान के आधार पर बीबीसी ने जानने की कोशिश की है.
इस पूरे मामले की शुरुआत 20 डॉलर के जाली नोट के इस्तेमाल की रिपोर्ट से हुई थी. 25 मई के शाम को जॉर्ज ने एक किराने की दुकान से सिगरेट खरीदा था.
उस वक्त दुकान में मौजूद स्टाफ़ को लगा कि जॉर्ज जाली नोट दे रहे हैं और उसने इसकी रिपोर्ट करने के लिए पुलिस को आठ बजकर एक मिनट के क़रीब फ़ोन किया.
अमरीका विरोध प्रदर्शनइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
उसने कॉल कर कहा कि मैं वापस सिगरेट मांग रहा हूँ तो जॉर्ज देना नहीं चाह रहे हैं. उस स्टाफ़ ने यह भी कहा कि 'जॉर्ज ने शराब पी रखी है और अपने क़ाबू में नहीं हैं.'
यह सारी बातें अधिकारियों की ओर से जारी किए गए ट्रांस्क्रीप्ट से पता चला है.
इस कॉल के कुछ ही देर के बाद क़रीब आठ बजकर आठ मिनट पर दो पुलिस वाले वहाँ पहुँच गए. जॉर्ज दो अन्य लोगों के साथ किनारे खड़ी गाड़ी में बैठे हुए थे.
उनमें से एक पुलिस अधिकारी थॉमस लेन ने कार की ओर बढ़ते हुए अपनी बंदूक निकाल ली
और जॉर्ज को हाथ खड़ा करने को कहा. घटना के बारे में बताते वक्त अभियोजन पक्ष यह नहीं बता सका कि थॉमस लेन को क्यों लगा था कि बंदूक निकालना ज़रूरी है.
हालांकि अभियोजन पक्ष ने यह ज़रूर कहा कि थॉमस लेन ने जॉर्ज का हाथ पकड़कर उन्हें कार से बाहर खींचा था और फिर तब फ्लॉयड ने हथकड़ी लगाए जाने का विरोध कर रहे थे.
थॉमस लेन का कहना है कि वो जाली नोट के इस्तेमाल को लेकर जॉर्ज को गिरफ़्तार कर रहे थे लेकिन जॉर्ज इसका विरोध कर रहे थे.
डेरेकइमेज कॉपीरइटREUTERS
रिपोर्ट के मुताबिक जॉर्ज ज़मीन पर गिर गए और पुलिस को कहने लगे कि उन्हें क्लॉस्टेरोफोबिया (इसमें किसी शख़्स को बंद जगह से डर लगता है) की समस्या है. तभी वहाँ डेरेक पहुँचते हैं. वो और दूसरे पुलिस अधिकारी जॉर्ज को पुलिस कार में बिठाने की कोशिश करते हैं.
इस कोशिश के दौरान आठ बजकर 19 मिनट पर डेरेक जॉर्ज को घुटने टेककर दबा देते है. वो वहीं हथकड़ी बंधे मुंह के बल ज़मीन पर गिरे रहते हैं.
तभी वहाँ मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने उनका वो वीडियो बनाना शुरू कर दिया जो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया है. जब डेरेके गर्दन दबाए हुए थे तब दूसरे पुलिस वाले जॉर्ज को पकड़ रखे थे.
इस दौरान जॉर्ज कह रहे थे कि मुझे सांस नहीं आ रही है. वो अपनी मां का वास्ता दे रहे थे और ख़ुद को छोड़ने की गुहार लगा रहे थे.
अभियोजन पक्ष की रिपोर्ट में कहा गया है कि डेरेक आठ बजकर 46 मिनट तक जॉर्ज की गर्दन दबाए रखे थे.
अमरीका विरोध प्रदर्शनइमेज कॉपीरइटREUTERS
इसमें से करीब छह मिनट तक जॉर्ज शांत पड़े रहे थे. वीडियो में दिख रहा है कि पास से गुजरने वाले लोगों ने जॉर्ज को शांत पड़ा देखकर पुलिस वालों से उनके नब्ज की पड़ताल करने को कहा.
आठ बजकर 27 मिनट पर डेरेक ने उनकी गर्दन से अपना घुटना हटाया. इसके बाद शांत हो गए जॉर्ज को अस्पताल ले जाया गया जहाँ उन्हें एक घंट के बाद मृत घोषित कर दिया गया.
किराना दुकान के मालिक ने कहा है कि जॉर्ज अक्सर वहाँ आया करते थे. दुकान के मालिक माइक अबुमाएला उस दिन दुकान पर नहीं आए थे और उनकी जगह पर उनका स्टाफ़ दुकान पर था. वो जॉर्ज के बारे में कहते हैं कि उन्होंने कभी भी कोई परेशानी नहीं उत्पन्न की थी.
जॉर्ज वास्तव में टेक्सास के हाउसटन से सालों पहले मिनेसोटा के मिनीपोलिस आ गए थे. वो यहाँ एक बाउंसर के तौर पर काम कर रहे थे लेकिन कोरोना की वजह से लाखों बेरोजगार हुए लोगों की तरह उनकी भी नौकरी चली गई थी.

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"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

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