भारत के पुरानी दोस्ती में पाकिस्तानी सेंधमारी ...



भारत के दुश्मन पाकिस्‍तान से दोस्‍ती क्‍यों बढ़ा रहे पुतिन? चीन के झंडे तले दोनों देशों में क्या हुई बात?

रूस और पाकिस्तान के बीच बढ़ती दोस्ती ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। हाल में ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री रियाजुल हक काकर से मुलाकात की है। इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को मजबूत करने और व्यापार को बढ़ाने पर सहमति जताई।

इस्लामाबाद: रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने बीजिंग में पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद पुतिन ने कहा कि रूस और पाकिस्तान में आर्थिक सहयोग की संभावना वर्तमान की तुलना में बहुत अधिक, बहुत बड़ी है। पुतिन और काकर ने रूस और पाकिस्तान के संबंधों को बढ़ाने के कदमों पर चर्चा की। दोनों देशों के नेता चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित बेल्ट एंड रोड फोरम में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। रूस कभी भी पाकिस्तान का साझीदार देश नहीं रहा है। लेकिन, ताजा भू-राजनीतिक हालातों को देखते हुए रूस और पाकिस्तान के संबंध तेजी से प्रगाढ़ हो रहे हैं। इसे भारत के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है।
पुतिन ने पाकिस्तान को लेकर क्या कहा

पुतिन ने काकर से मुलाकात के दौरान कहा कि हमारे देशों के बीच व्यापार बढ़ा है और यह अच्छे स्तर पर पहुंच गया है। आर्थिक सहयोग की हमारी क्षमता बहुत अधिक है, बहुत बड़ी है और हम उस पर चर्चा करने जा रहे हैं… मुझे उम्मीद है कि हम आपके सहयोगियों को भी सुनने में सक्षम होंगे और हम अपने दृष्टिकोण का आदान-प्रदान करेंगे कि कैसे और क्या अतिरिक्त कदम उठाए जा सकते हैं। हमने सभी क्षेत्रों में हमारे सहयोग को बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं।


काकर ने पुतिन के सामने फैलाया 'कटोरा'!

इस पर काकर ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि इस्लामाबाद और मॉस्को के हितों में समानता है, खासकर आतंकवाद के मुद्दे पर, जो अधिक क्षेत्रीय और आम दृष्टिकोण का हकदार है। काकर ने कहा कि मुझे लगता है कि हम सबसे पहले हैं जो आतंकवाद के निहितार्थों का सामना करेंगे, इसलिए हमें पहल करने के लिए सबसे आगे होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को रक्षा, खुफिया और आतंकवाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में समन्वय और सहयोग बढ़ाना चाहिए। काकर ने पुतिन से कहा कि 240 मिलियन लोगों की आबादी वाले ऊर्जा की कमी वाले देश के रूप में पाकिस्तान रूस के लिए एक विशाल बाजार है।
रूस-पाकिस्तान दोस्ती से सतर्क क्यों है भारत


भारत शुरू से ही रूस और पाकिस्तान के बीच बढ़ते संबंधों को लेकर सतर्क है। हालांकि, रूस का कहना है कि भारत के साथ उसके संबंध बहुत पुराने और काफी ज्यादा मजबूत हैं, जो किसी तीसरे देश की वजह से नहीं टूटने वाले। भारत को डर है कि चीन की मध्यस्थता के काऱण रूस और पाकिस्तान के संबंध मजबूत हो सकते हैं और इसका सीधा नुकसान उसे होगा। रूस आज भी भारत का सबसे महत्वपूर्ण और भरोसेमंद रक्षा साझेदार देश है। रूस हमेशा से भारत को अहमियत देता आया है। ऐसे में उसके पाकिस्तान के साथ संबंध सुधरे तो भारत के साथ रिश्तों में खटास आ सकती है।

रूस और पाकिस्तान में कब हुई दोस्ती की शुरुआत

रूस और पाकिस्तान के बीच दोस्ती की शुरुआत 2021 में हुई थी, जब रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पाकिस्तान के दौरे पर पहुंचे थे। इसके बाद तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुतिन से कई बार फोन पर बात की और उन्हें पाकिस्तान आने का न्योता भी दिया। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के ठीक एक दिन पहले इमरान खान ने मॉस्को जाकर पुतिन से मुलाकात भी की थी। हाल में ही जब पाकिस्तान ऊर्जा संकट से जूझ रहा था तो उसे रूस से कच्चे तेल और गैस की खेप भी मिली।




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