मुल्क के गद्दार ?


मुल्क की रक्षा हो न सकेगी झूठे बोल और नारों से 

इस मुल्क को खतरा लाहक है इस मुल्क के ही गद्दारों से 

दहशतगर्द का झूठा ख़ुफ़िया तंत्र की चाल है ये  

दामन अपना दूर ही रखना इनके तंद शरारों से 

संसद भवन पर हमला होना , इंटेलिजेंस की गफलत है ।

कौन है इसके पीछे , आखिर किन लोंगों की शरारत है ?

इसकी जाँच से अब तक कोई राज  न अफशां हो पाया ।

ऐसा लगता है इसके अन्दर कोई सेयासत है ।

बटला हाउस में मारे जाएँ लोग निहत्ते गोली से।
लुत्फ़ उठाएं वर्दी वाले कब तक खून की होली से ।
काम करे शैतान कोई,इल्जाम आये माशुमों पर ।

जुर्म छुपाया जायेगा कब तक उनकी झूटी बोली से ।

समझौता एक्सप्रेस पर हमला किस ने किया ये बतलाओ ?
मालेगांव,नानडेर पर हमला कैसे हुआ ये बतलाओ ?

मक्का मस्जिद में हमला,अजमेर की घटना याद करो ।

जामे मस्जिद में गर कौन मिला ये बतलाओ । 

कौन वतन का रखवाला है और यहाँ गद्दार है कौन ?

कौन है सच्चाई पे कायेम जालिम बद किरदार है कौन ?
हेमंत करकरे ने दिखला दिया प्रग्या, पुरोहित का चेहरा ।
बात शरीफ समझने की है गुंडों का सरदार है कौन ?

             मोहम्मद शरीफ कुरैशी 

               संपर्क - 9431496545

नोट -उपरोक्त कविता उर्दू दैनिक पिन्दार के दिनांक 24/11/2012 के अंक में पेज no -5 पे प्रकाशित हुई थी 


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"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

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