गांधी मैदान में security के जबरदस्त इन्तेजाम और भारी संख्या में "बी जे पी " के volunteers और 200 private security guard की मौजूदगी में कीस तरह दहशतगर्द बम प्लांट करने और धमाका करने में कामयाब हो गए ?गाँधी मैदान में लगे मेन CCTV के तार को कीसने अलग कीया था ? और जबरदस्त security के इन्तेजाम के बावजूद आखीर ये कैसे मुमकीन हो सका ? क्या गांधी मैदान में दहशतगर्दों को आज़ादी से घुमने की छुट थी ? मोदी की रैली के सीर्फ एक रोज़ पहले खाली सूटकेस बरामद हुआ था , उसकी forensic जाँच क्यों नहीं कराई गई ?..........


भाजपा की तरफ से पी एम के उमीदवार जनाब नरेंदर मोदी की पटना रैली में धमाके और उन धमाकों में आधा दरजन लोगों के मरने और बहुत सारे अफराद के जख्मी होने के मामले की जीतनी भी आलोचना की जाए कम है ,लेकीन तश्वीशनाक बात ये है के हमेशा की तरह शक की सुई indian mujahedin की तरफ ही गई है ,क्योंके इस सील सीले में बम धमाके में कथित तौर पे शामील एक शख्स (इम्तीयाज) को पटना जंक्शन के प्लेटफ़ॉर्म नंबर 10 के toilate में हुए धमाके के फ़ौरन बाद giraftar कीया गया था और ख़बरों के मुताबीक उसने police के सामने दिए गए अपने बयान में उस बम धमाके में indian mujahedin के मोलौवीश होने की बात कबूल कर ली है । एक अख़बार में छपी खबरों का बारीकी से जाएजा लीया जाये तो इमतीयाज की गीरफतारी और उसके पास से बमों की बरामदगी ही शक के दाएरे में आ जाती है ।दीनांक 28/10/13 के Hindustan Times में खबर छपी खबर के मुताबीक सुबह 9:30 बजे पटना जंक्शन के प्लेटफ़ॉर्म नंबर -10 के toilate में धमाका हुआ और उसके 10 मीनट के अन्दर ही G R P पटना के इंस्पेक्टर ने एक शख्स (इम्तीयाज)को पकड़ लीया ।लेकीन इस खबर को आर पी एफ ने गलत और झूठा बताया और दावा कीया के इस शख्स (इमतीयाज) को आर पी एफ के जवानों ने गीरफतार कीया था। दीनांक 31/10/13 के Hindustan Times पेज 2 पर जनाब अतुल पाठक IGCSCRPF के हवाले से खबर छपी है जीसमे shri pathak ने कहा है के जी आर पी पटना का दावा बीलकुल झूठा है और हकीकत ये है के इमतीयाज को आर पी एफ के असीसटेंट security कमीशनर shri बी के मरकटीयार ने गिरफ्तार कीया था । उन्होंने ये भी दावा कीया है के अगर cctv footage का मुआयेना कीया जाये तो उनकी बात सच साबीत होगी ।उन्होंने अपने बयान में इम्तीयाज के पास से बम बरामद होने की बात नहीं कही इस तरह इम्तीयाज की giraftaari और उसके पास से बम बरामद होने की पुरी कहानी ही शक के दाएरे में आ गई है लेहाजा एन आई ए के टीम को सच्चाई का पता लगाने के लीए CCTV फुटेज का बगौर मुआएना करना चाहीये और साइंटीफीक investigation पर जेयादा भरोसा करना चाहीये । hindustan times में ही 1/11/13 को छपी खबर के मुताबीक जी आर पी के inspector रामपुकार singh के बयान की बुनीयाद पर जीआरपी थाना पटना में एक FIR दर्ज कीया गया है लेकीन इस एफ आइ आर से इमतीयाज के पास से बम या फ़ोन नंबर वाले स्लीप की बरामदगी का कोई जीकर नहीं है ,ये बात भी इमयीयाज की गीरफतारी और उसके पास से बम बरामद होने की कहानी को संदेहास्पद (mystrious ) बना देती है , इसी अखबार में छपी खबर के मुताबीक नरेंदर मोदी की हीफाजत के लीए बड़ी तादाद में bihar police के जवान के अलावा- बी जे पी के volunteers और करीब 200 की तादाद में private guards तैनात कीए गए थे ,तो फीर इतने शख्त हीफाजती इन्तेजाम (टाइट security) के बावजूद कीस तरह दह्शतगर्द बड़ी तादाद में गाँधी मैदान में बम plant करने और मेन CCTV के तार काटने में कामयाब हो गए।ये बात भी गौर के काबील है के ठहर ठहर लगातार बम धमाका होता रहा और लोग इसमें मरते और जख्मी होते रहे लेकीन इसके बावजूद गाँधी मैदान में कोई भगदर नहीं मची। क्या ये इस बात का इशारा नहीं के प्रबंधक ये जानते थे के रैली की मेन जगह पर कोई धमाका नहीं होगा ? उपरोक्त बातों को मद्दे नजर रखते हुए पटना serial blast के सील सीले में अखबारों में छपी ख़बरों की बुनीयाद पर central home ministar और home secretary bihar सरकार से गुजारीश करता हूँ के सच्चाई का पता लगाने के लीए "एन आई ए" की टीम को नीचे लीखे सवालों की तफ्तीश के दौरान गौर करने का हुक्म दें ।

क्या इम्तीयाज को "जी आर पी "के स्टाफ ने giraftar कीया था या "आर पी एफ" क़ी टीम ने jiski अगुवाई असीसटेंट security कमीशनर shri BK markatiya कर रहे थे ? या गीरफतारी के फ़ौरन बाद इम्तीयाज के पास से बम या फोन नंबर लीखा स्लीप बरामद हुआ था ?
अगर हां तो इस बात की चरचा एफ आई आर या "आर पी एफ़ "के जरीये भेजे गए report में क्यों नहीं है? गांधी मैदान में security के जबरदस्त इन्तेजाम और बड़ी तादाद में BJp के volunteersऔर करीब 200 private security guard की मौजूदगी में कीस तरह दहशतगर्द बम प्लांट करने में कामयाब हो गए ? गांधी मैदान में लगे मेन CCTV के तार को कीसने अलग कीया? और जबरदस्त security के इन्तेजाम के बावजूद ये इतनी आसानी से कैसे मुमकीन हो सका ? क्या गाँधी मैदान में दहशतगर्दों को आजादी से घुमने की छुट थी ? मोदी की रैली के केवल एक रोज पहले एक खाली सूट केस बरामद हुआ था उसकी फॉरेंसिक जांच क्यों नहीं कराइ गई ? क्या धमाके के बाद गाँधी मैदान से जो जीन्दा बम बरामद कीए गए थे उसके plastic रैपर पर गुजरात की कंपनी का नाम दर्ज था जो इस बात का इशारा नहीं है के दहशतगर्द गुजरात से आये थे ? जीस टाइमर घड़ी को blast के लीए इस्तेमाल कीया गया था ये सभी घड़ीयां लोटस brand की थीं - ये घड़ीयां कहाँ बनती हैं ? और इतनी बड़ी तादाद में इसकी खरीदारी कहाँ से की गई? इसका भी पता लगाना जरुरी है ।
लेहाजा सच्चाई का पता लगाने के लीए तफ्तीश के दौरान उपरोक्त सवालों पर गौर करना बहुत जरुरी है इसके लीए CCTV फुटेज और sciencetific तफ्तीश का सहारा लेना होगा । (urdu daily qaumi tanzeem patna dated,6/10/2013 ,पेज 6 से
सैयद मोहम्मद महफूज आलम retired जज, पटना high court )

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"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

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