घोटालेबाजों के बदन पर जमी गंदगी को साफ करने के लिए बिहार के चंपारण में होने लगा इस्तेमाल केजरीवाल झाड़ू ।देश दुनिया को दिया चंपारण के महादलितों ने नया संदेश।

अरबिंद केजरीवाल का झाड़ू बिहार के पुरबी चंपारण में गुल खिलाने लगा । लगता है डेल्ही के बाद बिहार ही वह स्थान साबित होगा जहां पे इस झाड़ू के प्रयोग से आज़ादी के बाद से इकठ्ठा तमाम तरह की गंदागियाँ साफ़ की जाएँगी .

प्राप्त सूचना के अनुसार बिहार के पुरबी चंपारण के कल्याणपुर प्रखंड के एक घोटालेबाज मुखिया के बदन पर वर्षों से घोटालों से जमी गन्दगी को साफ़ करने के लिए वहाँ के महादलितों ने झाड़ू का प्रयोग प्रयोग कर डाला है । सूत्रों के अनुसार चकिया और मेहसी के बीच में स्थित एक पंचायतन जो उपरोक्त ब्लाक के तेहत आता है ,वहाँ के के घोटालेबाज मुखिया ने पीसीसी और सोलिंग के नाम पर मिलने वाली सरकारी राशी को घोटालेबाज और बेशर्म अफसरों की मिली भगत से गबन कर बैठे थे ,biharbroadcasting.com के जरिये घोटालेबाज मुखिया और अफसरों के गठजोर से चल रहे गोरख धंधे को देश दुनिया और आला अफसरों के सामने लाने के बाद जब जांच के आदेश हुए । जाँच में खामी पकड़ी गई रुपया खा चुके अफसरों ने करवाई के बजाये उसे काम मुकम्मल करने के आदेश दिए .मुखिया पहले अधूरे मन से खस्ताहाल और बदहाल सड़क पर रोलर से ऊँचे नीचे रोड को समतल तो जरुर कर दिए वह मगर कानून को अपने पॉकेट में लेकर चलने वाले मुखिया को इतना गरूर था के सोलिंग नहीं भी कराएँगे तो अब मेरा कोई कुछ नहीं बिगार सकता । मुझे वहां के लोगों ने पुनः फ़ोन पर सूचना दी और कहा के नियमानुसार काम नहीं किया अर्थात सोलिंग करने का नाम नहीं ले रहा , इस बात की जानकारी मैं ने DDC पूर्वी चंपारण को उनके सरकारी मोबाइल पे मामले से औगत कराया ,उनके आदेश पे घोटालेबाज पुनः काम तो शुरू किया ,मगर आदत से मजबूर और हराम खाने के आदी हो चुके मुखिया फिर घटिया काम कराकर पैसे को बचा लेना चाहता था , मगर वहाँ उस पंचायत के जागरूक महादलित इस बार मुखिया के बदन पर घोटालों से जमी गंदगी को साफ़ करने का ठीका उठा चुके थे , दलितों ने कहा काम जब भी होगा नियम के अनुसार ही होगा वरना नहीं होगा , मुखिया जैसे तैसे काम करके निकल जाना चाहते थे,सूत्रों के अनुसार इसी तूतू मै मै में कहा सुनी हुई और अरबिंद केजरीवालकी झाड़ू , दिल्ली के बाद बिहार के इतिहासिक जिला चंपारण के एक पंचायत के घोटालेबाज मुखिया के बदन पर जमी गंदगी को साफ़ करने के लिए दनादन प्रयोग होने शुरू हो चुके थे । और ऐसा कर वहां के दलित चंपारण की सरजमीं पर एक अनोखा प्रयोग करने के साथ ही पुरे देश को एक नई दिशा दे रहे थे।

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