आई जी आई सी के एक लेडी डॉक्टर अथवा डॉन की कहानी ।

डॉक्टर और डॉक्टरी पेशा अच्छा ख़ासा बदनाम हो कर रह गया है , वजह है सिर्फ ये की कितना जल्द सरकार को धोखा देकर , सरकारी होस्पीटलों में आने वाले गरीब मरीजों की जान चली जाए मगर उन आने वाले मरीजों को इतना परीशान करो की सरकारी अस्पतालों , जैसे पी एम सी एच ,एन एम सी एच , आई जी आई सी की तरफ जिंदगी भर आने की भूल न करे ।

आज मैं इशारों ही इशारों में आई जी आई सी जो बिहार का एकलौता हार्ट हॉस्पिटल है और पी एम सी एच के पास और अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त खुदा बख्स लाइब्रेरी के थी पीछे यानी स्थित है इस एकलौते हार्ट हॉस्पिटल के हार्ट का वोल्व ख़राब चंद बड़े और बदनाम और लालची डॉक्टरों की वजह से । और उनके किरदार को यहाँ आकर समझने के बाद आप इसी निष्कर्ष पे पहुंचेगे की ये यहाँ के जेयादातर डॉक्टर , डॉक्टर नहीं बल्कि  डॉन  हो गए है ।

आई जी आई सी  के एक लेडी डॉक्टर अथवा डॉन की कहानी ।

वहां एक बन्तुलेट टाइप की लेडी डॉक्टर हैं , उनकी कार्यशैली जो आगे पेश करने जा रहा उसे पढ़ने के बाद शायद आप यही कहेंगे की वह डॉक्टर नहीं बल्कि  मासूम बच्चे जो हार्ट से पीड़ित हैं उन बच्चों के लिए  डॉन हैं ,एक औरत के नाम पर कलंक है .........क्यों ?
इस  डॉक्टर अथवा डॉन साहिबा का बताया जाता है की हफ्ते में केवल एक रोज़ ड्यूटी है । और इनका काम उन मासूम बच्चों के हार्ट को देखना है जो गंभीर रूप से पीड़ित है । अपने राज्य के कोने कोने से वैसे गरीब माँ बाप एक नयी उमीद लेकर आते हैं जिनके पास पैसे नहीं । वे प्राइवेट हॉस्पिटल में जा नहीं सकते । मगर डॉक्टर के नाम पे कलंक बन चुकी और हार्ट से पीड़ित मासूमों के लिए डॉन साबित हो रही ये ये लेडी डॉन लोगों की माने तो 12 बजे से पहले आती नहीं और 2 बजे के बाद हॉस्पिटल में ठहरती नहीं । इसके बारे में बताया जा रहा कि  रिकॉर्ड में यहाँ यानी आई जी आई सी में ड्यूटी करती हैं मगर ड्यूटी समय अपने क्लिनिक जो की boaring road के तरफ खोल रखी हैं वहाँ ड्यूटी निभाती है । लोगों का कहना है की जब खोज बिन हुआ तो हॉस्पिटल के छोटे स्टाफ के जरिये फोन करने पर तुरंत हाजिर हो जाती है । यानी मरीजों के जान के साथ खेलवाड़ कर रही और आई जी आई आई सी प्रसाशन सब कुछ जानते हुए खामोश है ................. कयोंकि मोहतरमा की पहुँच भी ऊँची बताई जा रही ।

मोहतरमा की आज की कहानी ।

आज दिनांक 19/9/2014 को उनकी ड्यूटी थी हप्ते दिन की लम्बी इन्तेजार के बाद के बाद राज्य के कोने कोने से हार्ट जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित गरीब अपने बच्चों के हार्ट का मुआयेना यानी check up कराने पहुंचे थे । मगर उन गरीब माँ बाप को लम्बे समय तक इन्तेजार कराने के बाद ये कहा गया की मैडम यानी डॉन साहिबा आज छुट्टी पर हैं । जरा कल्पना कीजिये की हार्ट जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित माँ बाप के दिल पर क्या गुजरी होगी . अगर उन माँ बाप की जगह पर रहते तो क्या सोंचते कितनी मानसिक पीड़ा होती ।
मेरे खेयाल से उनपर जांच बैठानी चाहिए और उन्हें सेवा से बर्खास्त करनी चाहिए कयोंकि एक डॉक्टर सक्रों नहीं बल्कि नन्हे मासूम अथवा देश के भविष्य की जिंदगी के लिए खतरनाक साबित हो रही ।


आई जी आई सी प्रसाशन यानी डायरेक्टर भी क्या कम है इस दयनीय पोजीशन के लिए जिम्मेदार जिम्मेदार .............?

 इसलिए वर्तमान डायरेक्टर को भी हटानी चाहिए किसी काम के आदमी डायरेक्टर बनानी चाहिए कयोंकि  ये डायरेक्टर  खुद ला प्रवाह मालुम हो रहा अगर ला प्रवाह नहीं होता तो डॉक्टर डॉक्टर की भूमिका में ही नजर आते न की डॉन की भूमिका में ।
आखिर क्या वजह है की आई जी आई सी के आउटडोर  में मोस्टली डॉक्टर 12 बजे के बाद ही मरीज को देखते हुए नजर आते हैं । आखिर सवाल पैदा होता है की क्या ड्यूटी का समय सुबह 9 बजे से या 10 बजे से या 11 बजे से है या 12 बजे दिन से ?  सरकार को इस बात की जांच करानी चाहिए ,जनता को भी जागरूक होनी चाहिए वर्ना राज्य के इस एकलौते हार्ट हॉस्पिटल को इन कामचोरों की वजह से घुन लग जायेगा ।  सरकार से बैठे बैठे ये काम चोर वेतन उठाएंगे । और अपने प्राइवेट नर्सिंग होम , और हॉस्पिटल में राज्य के गरीबों से मीठी मीठी बात कर आला का प्रयोग कर जेब कतरी करेंगे ।

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