Skip to main content

संबित पात्रा को दिन में तारा दिखाने वाले गौरव वल्लभ हैं कौन -----?


संबित पात्रा से ट्रिलियन में कितने जीरो लगते हैं पूछने वाले गौरव वल्लभ हैं ‘गोल्ड मेडलिस्ट’

संबित पात्रा को लेकर गौरव वल्लभ कहते हैं, 'उन्होंने मुझे अभी तक जीरो गिनकर नहीं बताए हैं. वो उस दिन की बहस के बाद सीधे अपनी फ्लाइट के लिए निकल गए थे.'

कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ.
Text Size:  

नई दिल्ली: अक्सर टीवी डिबेट्स में ‘बैठ जा मौलाना’ और ‘मंदिर वहीं बनाएंगे’ जैसे डायलॉग बोलकर संबित पात्रा लाइमलाइट में रहते रहे हैं, लेकिन पिछले दिनों उस समय उनके चेहरे की हवाइयां उड़ गईं जब एक टीवी डिबेट में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने उनसे पूछ लिया ‘एक ट्रिलियन में कितने जीरो होते हैं?’ संबित बगलें झांकते रहे और बाद में जब बात नहीं बनी तो गाना गाने लगे, ‘न सिर झुका के जियो और न सिर उठा के जियो’ लेकिन वल्लभ पूरे फॉर्म में थे. उन्होंने भी उसे गाने के बोल को गुनगुनाते हुए फिर पूछा- बात मत घुमाइए, बताइए, एक ट्रिलियन में कितने ज़ीरो होते हैं.
अब इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कुछ लोग लिख रहे हैं कि गौरव कौन हैं, इन्हें तुरंत प्रभाव से कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया जाए. कुछ लोग ये भी लिख रहे हैं कि विपक्षी पार्टियों को गौरव को अपना प्रवक्ता बना देना चाहिए.
लेकिन राजस्थान के पाली शहर से आने वाले 42 वर्षीय गौरव वल्लभ न तो राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहते हैं और न विपक्षी पार्टियों के नेता. वो बड़ी ही शालीनता से कहते हैं, ‘मेरा ऐसा कोई विचार नहीं है.’
दिप्रिंट से हुई बातचीत में उन्होंने बताया, ‘2017 में मैं टेक्सस यूनिवर्सिटी से पढ़ाकर लौटा था और देश में मॉब लिंचिंग के नाम पर लोगों को लामबंद किया जा रहा था. मैं कांग्रेस की विचाधारा से जुड़ाव महसूस करता था इसलिए 2018 तक पैनेलिस्ट के तौर पर काम किया.’
‘उसके बाद मैंने राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला को पत्र लिखकर कहा कि मैं राष्ट्रीय प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी लेना चाहता हूं. जनवरी 2019 में उन्होंने मुझपर विश्वास जताते हुए ये जिम्मेदारी सौंपी.’
गौरतलब है कि जनवरी 2019 में गौरव वल्लभ समेत 10 नए चेहरों को राष्ट्रीय प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी दी गई थी. इनमें से ज्यादातर लोगों को कांग्रेसी नेता जानते नहीं हैं.

एमकॉम में गोल्ड मेडलिस्ट और दिन में तीन घंटे पूजा

स्कूली पढ़ाई पाली में ही करने के बाद गौरव ने जयपुर से सीए की पढ़ाई की. गौरव के माता-पिता पाली के सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर रहे हैं. गौरव ने 2000-2003 तक नेशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ बैंक मैनेजमेंट पूना में अस्सिटेंट प्रोफेसर के तौर पर काम किया. साथ ही वो महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी अजमेर से एमकॉम में ‘गोल्ड मेडलिस्ट’ भी रहे हैं.
Advertisement
Advertisement
भाजपा की मंदिर और पूजा-पाठ की राजनीति पर वो कहते हैं, ‘मैं दिन में तीन घंटे पूजा करता हूं. मेरे से ज्यादा अयोध्या के मंदिरों में कोई नहीं गया है. मैंने एक बार संबित पात्रा से कहा था कि मैं पूरा सुंदर कांड सुना सकता हूं. आप बस एक चौपाई सुना दो. उन्होंने नहीं सुनाई. लेकिन मैं ये थोड़े कह सकता हूं कि चौपाई नहीं आती तो संबित पात्रा को पाकिस्तान भेजो. मैं जब भी आर्थिक मुद्दों की बात करता हूं तो संबित पात्रा पाकिस्तान और इमरान को बीच में ले आते हैं.’

20 देशों में शोध पेपर प्रस्तुत कर चुके हैं गौरव

साल 2016 में गौरव लोकसभा रिसर्च फेलोशिप के तहत सस्टेनेबल डेवल्पमेंट गोल्स पर रिसर्च भी कर चुके हैं. गौरव दिप्रिंट को बताते हैं, ‘मैं तीन किताबें लिख चुका हूं. मैंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से लेकर 20 देशों में अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए हैं. मार्च 2019 में एक्सएलआरआई जमशेदपुर ने मुझे 15 साल की सर्विस के लिए सम्मानित भी किया. मैंने 50 से ज्यादा इंटरनेशनल पब्लिकेशन्स के लिए पेपर लिखे हैं.’

कैमरे के पीछे भी उन्होंने ज़ीरो नहीं बताया

भले ही टीवी की डिबेट्स में संबित पात्रा और गौरव वल्लभ एक दूसरे पर तंज कसते नजर आते हैं लेकिन ऑफ द कैमरा ऐसा नहीं है. वल्लभ बताते हैं, ‘हमारी कभी चाय पानी पर मुलाकात नहीं हुई हो लेकिन हम जब मिलते हैं तो एक दूसरे से इज्जत से ही बात करते हैं. हां उन्होंने मुझे अभी तक जीरो गिनकर नहीं बताए हैं. उस दिन की बहस के बाद सीधे उन्होंने  अपनी फ्लाइट ली और निकल गए थे.’

‘ट्विटर पर देशभक्ति नहीं दिखाता’

गौरव वल्लभ प्रचलित राष्ट्रवाद पर सवाल उठाते हुए कहते हैं, ‘मैं कई बार पूछ चुका हूं कि राष्ट्रवाद की परिभाषा क्या है. मेरे लिए तो अपना काम ईमानदारी और निष्ठा से करना ही राष्ट्रवाद है. ट्विटर पर देशभक्ति नहीं दिखाता हूं.’
महज 1,945 फेसबुक लाइक्स और 5000 ट्विटर फॉलोअर्स को लेकर गौरव वल्लभ कहते हैं, ‘मैं ट्विटर की दुनिया में नहीं जीता. मैं डिबेट्स के अलावा पढ़ता-लिखता हूं. अगले महीने मेरी एक किताब भी आ रही है.’
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल, गौरव के बारे में कहते हैं, ‘वो मैथ्स और इकोनॉमिक्स को आसान भाषा में समझा सकते हैं.’ एक अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता ने दिप्रिंट को बताया, ‘वो पब्लिसिटी से दूर ही रहते हैं.’

SHARE YOUR VIEWS
NEXT STORY


https://l.facebook.com/l.php?u=https%3A%2F%2Fhindi.theprint.in%2Findia%2Fgaurav-vallabh-is-gold-medalist-in-finance-who-asked-how-many-zeros-are-used-in-trillions-sambit-patra%2F85272%2F%3Fw3tc_note%3Dpgcache_purge_post%26fbclid%3DIwAR1EVX4nJuj8g__lLPCffnxVQIaKXz22_JClZ6e5hxw_An0qiacjiDCutmA&h=AT33_QeHdcUHDH5WK2SFVB5gyc05nNxMhESXErQVJ-Z79iu6dMT7ZfIkf9LD6vEsTvO_e6zVkZ25H68ZgRu0_GTi7eJXaAssQpCEB0OC6hvGKvPi0xVj1_K5B1er3l6Veq3iwyFMDw

Comments

Popular posts from this blog

"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

Department of Education Directory