*माननीय उच्च न्यायालय ने एएमयू प्रकरण मैं पुलिस की भूमिका की जांच करने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को दिशा निर्देश जारी किए*

अलीगढअस मुस्लिम यूनिवर्सिटी हिंसा (दिनांक 15दिसम्बर 2019) मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय  मानवाधिकार आयोग को  मामले की जांच कर 5 हफ्तों के भीतर रिपोर्ट पेश करने के लिये निर्देश जारी करते हुवे अगली तारीख 17 फरवरी लगा दी है।
एएमयू कोर्दिनेशन कमेटी की लीगल टीम ने अल्लाहाबाद पोहँच कर माननीय उच्च न्यायालय  के समक्ष याचिका दायर करते हुए 15 दिसम्बर के प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर ज़िला प्रशासन, पैरामिलिट्री फोर्सेस और एएमयू प्रशासन कीआ भूमिका तय करने की प्रार्थना करते हुवे रिट पिटीशन दाखिल की है जिसपर सुनवाई कल एवं परसों होने की सम्भावना है। बाक़ी 2 रिट पिटीशनें जो मोहम्मद अमान और छात्र संघ के पूर्व अधियक्ष, सलमान इम्तियाज़ की तरफ से दाखिल की गयीं हैं, की सुनवाई करते हुवे माननीय उच्च न्यायालय ने यह आदेश जारी किया है।
एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी की तरफ से यह केस  एडवोकेट फरमान नक़वी, एडवोकेट असद हयात और एडवोकेट फैज़ान अहमद अलाहाबाद हाई कोर्ट में देख रहे हैं।
उधर, मुंबई के अधिवक्ता श्री अजय कुमार द्वारा ईमेल के जरिये भेजे गए पत्र का स्वतः संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर उत्तर प्रदेश राज्य को नोटिस जारी किया जिसे अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री मनीष गोयल ने स्वीकार किया। अपने ईमेल में मुंबई के अधिवक्ता श्री अजय कुमार ने न्यूयॉर्क टाइम्स और द टेलीग्राफ में प्रकाशित दो लेखों की प्रतियां भेजी है जिसमे विस्तार से उत्तर प्रदेश में विभिन्न जगहों पर पुलिस बर्बरता का वर्णन किया है ।
इस लेखों में यह भी कहा गया कि इन घटनाओं से प्रदेश देश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धुमिल हो रही है ।
चीफ जस्टिस श्री गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता श्री फरमान नक़वी एवं अधिवक्ता रमेश कुमार यादव को न्याय मित्र नियुक्त किया है।
कोर्ट में समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता श्री फरमान नक़वी ने आज के इंडियन एक्सप्रेस की खबर की प्रति रखी जिसके अनुसार मुजफ्फरनगर के मदरसे में बच्चों की निर्मम पिटाई और उनसे जबर्दस्ती जय श्री राम का नारा लगवाने का हवाला है ।
खंडपीठ ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्री को आदेशित किया है सारे कागजात न्यायमित्र श्री फरमान नक़वी और श्री रमेश कुमार यादव को उपलब्ध कराया जाय ।
एएमयू कोर्दिनशन कमेटी, माननीय उच्च न्यायालय के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा इस प्रकरण पर मांगी गई रिपोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुवे वरिष्ठ अधिवक्ता श्री फरमान नक़वी एवं अधिवक्ता रमेश कुमार यादव को न्याय मित्र नियुक्त करने के फैसले का भी स्वागत करती है।
ज्ञात रहे कि एनएचआरसी की रिपोर्ट मिलने के बाद 17 फरवरी को माननीय न्यायालय इस प्रश्न पर विचार करेगा कि आगे इन्क्वारी किसी इन्वेस्टिगेशन एजेंसी से कराई जाए या नही।
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