गोरखपुर: युवती ने पुलिसकर्मियों पर लगाया गैंगरेप का आरोप, पुलिस ने बताया 'फ़र्जी'


महिलाइमेज कॉपीरइटGAURAV TRIPATHI/BBC
गोरखपुर में बीस वर्षीय एक युवती ने दो पुलिसकर्मियों पर उसे बंधक बनाकर गैंगरेप करने और मारने-पीटने का आरोप लगाया है.
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है लेकिन पुलिस के मुताबिक़ पहली बार में ये मामला 'फ़र्ज़ी' लग रहा है. पीड़ित महिला का फ़िलहाल गोरखपुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है.
बताया जा रहा है कि गोरखनाथ इलाक़े की रहने वाली बीस वर्षीय यह युवती गुरुवार रात अपनी मां के साथ घर वापस आ रही थी. उसी समय दो पुलिस वालों ने ज़बरन उसे मोटरसाइकिल पर बैठा लिया और एक होटल में ले जाकर बारी-बारी से रेप किया.
देर रात घर पहुंची लड़की ने शुक्रवार की सुबह अपनी मां को घटना की जानकारी दी. उसके बाद लड़की की मां ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां लड़की का इलाज चल रहा है.
अस्पताल में भर्ती लड़की ने मीडिया को बताया, "रात में नौ बजे के क़रीब मैं अपनी मां के साथ लौट रही थी. मुझे दो लोगों ने ज़बरन बाइक पर बैठा लिया. दोनों पुलिस की वर्दी में थे. मुझे धमकाते हुए रेलवे स्टेशन के पास एक मकान में ले गए और मेरे साथ रेप किया. दोनों ने मुझे ख़ूब मारा-पीटा और फिर छह सौ रुपये देकर बोले के अब ऑटो से अपने घर चली जाओ."
हालांकि गोरखपुर पुलिस ने इस घटना को सिरे से ख़ारिज किया है.
गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर सुनील गुप्ता ने बीबीसी को बताया, "होटल के सीसीटीवी फ़ुटेज और गार्ड के बयान के आधार पर ऐसा लग रहा है कि लड़की अपनी मर्ज़ी से होटल गई थी और जिस व्यक्ति के साथ वह गई थी, वह अकेला ही था और उसने कोई वर्दी भी नहीं पहन रखी थी. प्रथम द्रष्ट्या मामला संदिग्ध लग रहा है, फिर भी पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है."
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर सुनील गुप्ताइमेज कॉपीरइटGAURAV TRIPATHI/BBC
Image captionवरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर सुनील गुप्ता
एसएसपी ने होटल के सीसीटीवी फ़ुटेज के आधार पर भले ही प्रथम द्रष्ट्या मामले को फ़र्ज़ी बताया है लेकिन लड़की ने अपने बयान में किसी होटल का ज़िक्र नहीं किया है. पीड़ित लड़की का कहना है कि उसे पुलिस वाले किसी घर में ले गए थे और उसका दावा है कि यदि पुलिस वाले सामने आएंगे तो वह उन्हें पहचान भी लेगी.
पीड़ित लड़की के मुताबिक़, पुलिस वालों ने उसे रात में क़रीब एक बजे छोड़ा और वह किसी तरह ऑटो से अपने घर पहुंची. लड़की गोरखनाथ इलाक़े की ही रहने वाली है और अपने घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती है. यह वही इलाक़ा है जहां गोरखनाथ मंदिर है और जिसके महंत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं.
लड़की की मां का कहना है,"रात में उसने हम लोगों को कुछ नहीं बताया लेकिन जब उसकी तबीयत ख़राब होने लगी तब पूछने पर घटना की सारी जानकारी दी. वह सारी रात दर्द की वजह से रोती रही. हम लोग उसे अस्पताल में लेकर गए."
वहीं, इस घटना के सामने आने के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं का लड़की और उसके परिजनों से हमदर्दी जताने वालों का तांता लग गया.
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के तमाम नेता ज़िलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए और गोरखनाथ थाने के सभी पुलिसकर्मियों के निलंबन की मांग करने लगे.
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"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

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