IS से संबंध और CAA पर भड़काने के आरोप में कश्मीरी जोड़े की हुई गिरफ़्तारीः प्रेस रिव्यू


समाचार एजेंसी एएनआई ने इस जोड़े के अलग-अलग तस्वीरें प्रकाशित की हैं.इमेज कॉपीरइटANI
Image captionसमाचार एजेंसी एएनआई ने इस जोड़े के अलग-अलग तस्वीरें प्रकाशित की हैं.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार को कश्मीर के एक जोड़े को गिरफ़्तार कर लिया.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित समाचार के मुताबिक़ पुलिस ने इस जोड़े पर आरोप लगाया है कि उनका संबंध इस्लामिक स्टेट समूह से है, साथ ही ये दोनों नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ आंदोलन करने के लिए लोगों को उकसा रहे थे.
दिल्ली के जामिया नगर इलाक़े से दोनों को गिरफ़्तार किया गया और उनके ख़िलाफ़ देशद्रोह और अन्य आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाह ने कहा कि जहानज़ेब समी और उनकी पत्नी हिना बशीर बेग श्रीनगर के शिवपोरा इलाक़े से हैं, इन दोनों का संबंध आईएस के खोरासन मोड्यूल से है.
प्रमोद कुशवाह ने बताया कि उनकी टीम काफ़ी वक़्त से इस मोड्यूल पर नज़र बनाए हुए है, हाल ही में उन्होंने इस दंपति के बारे में छानबीन शुरू की और पाया कि ये सीएए विरोधी भीड़ को जुटाने के लिए ऑनलाइन तरीक़े से साहित्य बांटा करते हैं.
प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें होर्डिंग पर लगाना ग़लतः हाईकोर्ट
नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान कथित हिंसा के अभियुक्तों की तस्वीरें होर्डिंग्स पर लगाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराज़गी ज़ाहिर की है.
राज्य सरकार ने इन लोगों पर लखनऊ में 19 दिसंबर को हुई हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने का आरोप लगाया है और उन लोगों के नाम, तस्वीर और पते के साथ होर्डिंग्स लगा दिए थे.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित इस ख़बर में बताया गया है कि इस मामले में हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस गोविंद माथुर ने स्वत: संज्ञान लिया. छुट्टी होने के बावजूद रविवार को चीफ़ जस्टिस माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने इस पर सुनवाई की.
बेंच ने कहा, ''कथित सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के पोस्टर लगाने की सरकार की कार्रवाई बेहद अन्यायपूर्ण है, यह संबंधित लोगों की आज़ादी का हनन है.''
चीफ़ जस्टिस ने लखनऊ के डीएम और पुलिस कमिश्नर से पूछा कि किस क़ानून के तहत लखनऊ की सड़कों पर इस तरह के पोस्टर सड़कों पर लगाए गए?
प्रदर्शनकारियों की तस्वीरेंइमेज कॉपीरइटSAMEERATMAJ MISHRA/BBC
ताहिर हुसैन के मामले में क्राइम ब्रांच के हाथ ख़ाली
दिल्ली में हुए दंगों के दौरान आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या और दंगों के अन्य मामलों में आप पार्टी से पार्षद रहे ताहिर हुसैन को गिरफ़्तार तो किया गया है लेकिन क्राइम ब्रांच उनके ख़िलाफ़ अभी तक कुछ पुख्ता जानकारियां नहीं जुटा पाई है.
नवभारत टाइम्स की ख़बर के मुताबिक़ क्राइम ब्रंच को दो गवाह मिले हैं लेकिन अभी तक उन्होंने अंकित शर्मा की हत्या मामले से जुड़ी कोई सटीक जानकारी नहीं दी है.
अख़बार के मुताबिक़ अभी तक की पूछताछ में ताहिर हुसैन ने अंकित की हत्या में शामिल होने से साफ़तौर पर इंकार किया है.
ताहिर हुसैनइमेज कॉपीरइटTAHIR HUSSAIN/ FACEBOOK
Image captionताहिर हुसैन

राहुल को फिर कांग्रेस की कमान सौंपने की मांग उठी

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि राहुल गांधी को फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए.
जनसत्ता में छपी ख़बर के मुताबिक अजय माकन और रणदीप सुजरेवाला ने कहा कि राहुल के देबारा अध्यक्ष बनने के लिए यह उपयुक्त समय है क्योंकि वो पार्टी के भीतर सबसे ज़्यादा स्वीकार्य नेता हैं.
सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी क्षमताएं पर्याप्त रूप से साबित की हैं, कांग्रेस का नेतृत्व करने के लिए वो एकमात्र विकल्प हैं.
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने कहा कि राहुल गांधी भाजपा और नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ निरंतर आक्रामक रुख़ अपना सकते हैं और आम लोगों के मुद्दों को उठा सकते हैं.
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"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

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