#HealthTips :- Leucorrhea ( ल्यूकोरिया) का इलाज होमियोपैथी में

ल्यूकोरिया से घबराएं नहीं, इलाज संभव है

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अलीगढ़ : बदलती जीवनशैली, अनियमित खानपान, स्लिम-ट्रिम दिखने की चाहत व अन्य बीमारियों के चलते महिलाओं में ल्यूकोरिया यानी सफेद पानी की बीमारी आम समस्या हो गई है। 'हैलो जागरण' में पीड़ित महिलाओं को वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक पीके दास गुप्ता ने परामर्श दिया, इलाज भी बताया।
उम्र 31 साल है। खून की कमी से कमजोरी व ल्यूकोरिया से पीड़ित हूं। हेडक व ईचिंग है।

- नीरा।
नेट म्यूर-30 की सुबह-शाम-रात को 15 दिन खुराक लें। आराम मिले तो सुबह-शाम कर दें। केला जरूर खाएं, पानी ज्यादा पिएं और व्यायाम करें।
10 वर्षीय बेटी ल्यूकोरिया से पीड़ित है। चेहरे पर फुंसियां हो गई हैं। मुझे भी लिकोरिया की शिकायत है।
- राजकुमारी।
बिल्कुल चिंता न करें। होम्योपैथी में लिकोरिया का शर्तिया इलाज है। बच्ची को कोलोफाइलम की एक बूंद या छह गोली दिन में तीन बार दें। समस्या नहीं रहेगी। आप बोरेक्स का सप्ताह में एक बार सेवन करें।
पत्नी की उम्र 23 वर्ष है। डेढ़ साल से ल्यूकोरिया की समस्या है। पेट में दर्द व बैचेनी रहती है।
- अरविंद।
वह सीपिया-30 की ड्रॉप या गोली दिन में तीन बार 15-20 दिन सेवन करें। समस्या खत्म हो जाएगी।
उम्र 21 साल है। चार-पांच साल से ल्यूकोरिया है। वजन कम है। भूख व प्यास नहीं लगती।
- सुरभि।
सीपिया 200 का सप्ताह में एक दिन सुबह-शाम सेवन करें। फायदा मिलेगा।
उम्र 30 साल है और 21 साल से ल्यूकोरिया है। पेट, कमर, घुटनों, पैर व कमर में दर्द रहता है।
- ममता।
थूजा-200 की दो बूंद या छह गोली हफ्ते में एक दिन सुबह-शाम लें। खानपान व व्यायाम पर ध्यान दें।
24 घंटे सफेद पानी की शिकायत रहती है। प्यास कम लगती है। आलस्य व शरीर में दर्द रहता है।
- अनीता।
आप एल्यूमीना-30 का सेवन करें। ठीक हो जाएंगी।
इनके साथ ही, धर्मेद्र चौधरी, मीनू शर्मा, इरम जहां, सावित्री, तुलसी देवी, सुभाष शर्मा, सागर दीप, प्रकाश, एसके सारस्वत, प्रियंका आदि ने परामर्श लिया।
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ल्यूकोरिया के कारण
साफ-सफाई की कमी, असंतुलित आहार, माहवारी के दौरान लापरवाही, जिगर, फेंफड़े व पेट रोग, स्लिम दिखने की ललक, खेलकूद व व्यायाम का अभाव, घर में कामकाज न करना, पूरी नींद न लेना, मानसिक अवसाद व अनुवांशिक कारक।
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होम्योपैथी कारगर
डॉ. दास ने बताया कि ल्यूकोरिया का इलाज लक्षणों के आधार पर ही संभव है। होम्योपैथी इलाज का आधार ही यही है। लिकोरिया जैसी बीमारी में लक्षणों के आधार पर करीब 350 अलग-अलग दवाएं मौजूद हैं।

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