चीनी सैनिक पूरी तरह पीछे नहीं हटे, भारतीय सेना भी कर रही है तैयारी - प्रेस रिव्यू


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एक सेना तभी लड़ सकती है, जब उसके पास खाने का पूरा सामना हो. लेकिन उसे विशेष कपड़ों, रहने के लिए बनाई गई जगह, तम्बू, ईंधन और उन सारे उपकरणों की भी ज़रूरत होती है, जिससे वो पूर्वी लद्दाख जैसे ऊँचे इलाक़े की ठंड झेल सके.
द टाइम्स ऑफ इंडिया अख़बार के मुताबिक़, भारतीय सेना ने ये लॉजिस्टिकल एक्सरसाइज़ बड़े पैमाने पर शुरू कर दी है, ताकि वो अपने सैनिकों को पर्याप्त विशेष राशन और दूसरे सामान पहुँचा सके. ये सब ऐसे वक़्त में किया जा रहा है, जब चीनी सैनिक अब तक पैंगोंग सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग से पूरी तरह से पीछे नहीं हटे हैं.
बुधवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "अगर लद्दाख में आम तौर पर हर साल 30 हज़ार मिट्रिक टन राशन की ज़रूरत पड़ती है, तो इस साल वहाँ क़रीब दोगुना राशन की ज़रूरत होगी. क्योंकि वहाँ अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है."
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बुधवार को कहा कि चीन और पाकिस्तान के फ़्रंट पर किसी भी संभावना से तुरंत निपटने के लिए भारतीय सेना को तैयार रहना चाहिए.
रक्षा मंत्री ने कहा कि उस तरह की तैयारी रखनी चाहिए जैसे भारतीय वायु सेना ने बालाकोट स्ट्राइक किया था और जैसे वो लद्दाख में तुरंत तैनात हो गई. रक्षा मंत्री के इस बयान को कड़े संदेश की तरह देखा जा रहा है.
https://www.bbc.com/hind

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