पुलिस के पीपुल फ्रेंडली होने पे उठा सवाल , घटना के 2 4 दिन बाद भी नहीं पहुंची पीड़ितों का हाल चाल और अनुसंधान करने, समस्तीपुर के कल्यानपुर थाना के रतवारा की घटना , सूत्रों के अनुसार पुलिस आरोपियों से मिली हुई

अगर आप ये सोंच रहे  कि  आप के साथ किसी भी प्रकार के वारदात होने और  सताए जाने की स्थितिमें पुलिस के  पास इन्साफ पाने और दोषियों को सजा दिलाने के गर्ज से जायेंगे तो  पुलिस अपना फर्ज निभाते हुए आपका साथ देगी और दोषियों को सजा दिलाने में अहम् भूमिका निभाएगी  तो समझ लीजिये आप ग़लतफ़हमी के शिकार हैं , ये हम नहीं बल्कि एक मामले में पुलिस का रवैया शायद  कुछ इसी बात को कह रहा  ....

  दिनांक 17/03/2013  समस्तीपुर जिला के कल्यानपुर थाना के तेहत आने वाले  गाँव रतवारा  के कुछ दबंगों ने मोहम्मद इरशाद 20 वर्ष ,माँ अफसाना खातून,बहन
नाहिद परवीन और भाई आले को इतनी बेरहमी से पिटाई कि के इन सभी को गंभीर अवस्था में हॉस्पिटल में भर्ती होना  पड़ा ,जिसमें मोहम्मद इरशाद को इस कद्र चोट लगी थी के दरभंगा मेडिकल कॉलेज के इलाज कर रहे डॉक्टरों ने   बेहतर इलाज के लिए पी एम् सी एच के लिए रेफर कर दिया ,  जहां गंभीर रूप से जख्मी  इरशाद ने पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड नंबर 206 और बेड नंबर 15 पर दिनांक 21/03/2013 को  पीरबहोर थाना (पटना ) के  सहायक पुलिस इंस्पेक्टर जनाब आर के चौहान को अपना फर्द बयान दर्ज कराई , जिसे पीरबहोर थाना ने लेटर नंबर DR .254/2013 दिनांक 22/03/2013 के माध्यम से समस्तीपुर जिला के  कल्यानपुर थाना के थाना प्रभारी को केस ट्रांसफर कर दिया , अब घटना के एक माह होने जा रहे , मगर सम्बंधित थाना के अधिकारियों ने आज तक झांकने नहीं आये हैं ... पीड़ितों को  अब पुलिस  के ऊपर से यकीन भी उठता जा रहा और समाज के सामने ये सवाल उठता जा रहा के क्या यही पुलिस के पीपुल फ्रेंडली होने की निशानी है ?
  

      



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