धर्म संसद की जांच पर 'बेहतर हलफ़नामा' दाख़िल करे दिल्ली पुलिस: सुप्रीम कोर्ट


 



सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दायर किए गए उस हलफ़नामे पर अपना असंतोष जताया है, जिसमें कहा गया कि पिछले साल के दिसंबर में दिल्ली में आयोजित धर्म संसद में कोई हेटस्पीच नहीं दी गई थी.

जस्टिस एएम खानविलकर और अभय एस ओका के नेतृत्व वाली पीठ ने इस पर शुक्रवार को अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की.

अदालत ने कहा, ''इस हलफ़नामे को डीसीपी द्वारा दाख़िल किया गया है. हम उम्मीद करते हैं कि वो इसकी संवेदनशीलता समझते होंगे. क्या उन्होंने जांच रिपोर्ट को ही फिर से दाख़िल कर दिया है या अपनी अक्ल भी लगाई है?''

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को अपना रुख़ साफ़ करने का निर्देश देते हुए कहा, ''क्या ये आपका भी रुख़ है या सब इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी की जांच रिपोर्ट को ही आपने यहां पेश कर दिया है?''

4 मई तक फिर से दायर करें हलफ़नामा

अदालत ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को 4 मई तक 'बेहतर हलफ़नामा' दाख़िल करने का आदेश दिया है.

मालूम हो कि 19 दिसंबर, 2021 को दिल्ली में आयोजित हिंदू युवा वाहिनी के सम्मेलन में सुदर्शन न्यूज़ के टीवी एडिटर सुरेश चव्हाणके पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगा था.

उनके बयानों के ख़िलाफ़ पत्रकार क़ुर्बान अली और पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज अंजना प्रकाश ने अदालत में याचिका दाख़िल की थी.

इस याचिका में दिल्ली के साथ-साथ हरिद्वार धर्म संसद में बयान देनेवालों पर भी कार्रवाई करने की मांग की गई थी. दिल्ली धर्म संसद में दिए गए बयानों की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है

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"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

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