जो खुदा से नहीं डरता वह सब से डरता है और जो खुदा से डरता है वह किसी से नहीं डरता ।


अक्वाले जर्रीं ................।

# हकीकी दोस्त ( सच्चा दोस्त वह ) है जो आपके पास उस वक़्त आत है जब सारी दुनिया आप से कता ताल्लुक अथवा रिश्ता तोड़ चुकी होती है ।

# जरुरत को कम करना सबसे बड़ी मालदारी है

# जो बेवकुफों के हाथ पैगाम ( संदेश ) भेजता है वह अपने पाँव में खुद कुल्हारी मारता है ।

# जिसे देर से गुस्सा आता है वह बहुत ही अक़लमंद है

# जो खुदा से नहीं डरता वह सबसे डरता , वह सबसे डरता है और जो खुदा से डरता है वह किसी से नहीं डरता ।

# इल्म का दुश्मन तकब्बुर ( घमंड )सब्र का दुश्मन लालच , और रास्ती का दुश्मन दरोग गोई है ।

# आमाल के मेहराबों की मुरम्मत खेयाल के हाथों से नहीं हो सकती
# जिसने दुश्मन नहीं बनाया वह दोस्त नहीं बना सकता ।

# हयाते अब्दी के लिए जरुरी है के नेक काम किया करो ।

# सीरत (खूबी )के जमाल को देखो न कि सूरत की दिल फरेबी ।
( राष्ट्रीय सहारा उर्दू पटना ,दिनांक 16/1/14 के सम्पद्किये पृष्ट यानी पेज नंबर 9 से )

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"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

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