अमीरका ने अलकायदा का निर्माण इसलिए कराया था क्यूंकि वो रूस से बदला ले सके और हर देश किसी ना किसी आतंकी संघठन को आर्थिक मदद करते है, कुछ समय बाद रूस से अमेरीका की सुलह हुई और तब ओसामा बिन लादेन बेरोजगार हो गया और फिर वो अमेरीका के खिलाफ ही खड़ा हो गया। आज अमेरीका और रूस उसी तालिबान से मदद ले रहा है जिसको अमेरीका खुद ही आतंकी देश कहता था जिसके साथ उसने युद्ध भी लड़ा


Indian Muslim Pro-

(Fafebook page)

साभार:- राकेश ठाकुर

सद्दाम हुसैन आज होते तो शायद ISIS से विश्व को डरना नहीं पड़ता

अमेरीका ने यदि इराक के सद्दाम हुसैन से जबरदस्ती की जंग नहीं की होती तो शायद आज आईएसआईएस का नामो-निशान नहीं होता,लीबिया के गद्दाफी और मिस्त्र के होस्नी मुबारक आज सत्ता में होते तो शायद विश्व को आतंकी संघठन आईएसआईएस से डरना नहीं पड़ता। क्यूंकि सद्दाम हुसैन ने कहा था की उनके रहते कोई आतंकी संघठन खड़ा नहीं होगा और उनके रहते कभी कोई आतंकी संघठन भी सक्रीय नहीं हुआ।

अमीरका ने अलकायदा का निर्माण इसलिए कराया था क्यूंकि वो रूस से बदला ले सके और हर देश किसी ना किसी आतंकी संघठन को आर्थिक मदद करते है, कुछ समय बाद रूस से अमेरीका की सुलह हुई और तब ओसामा बिन लादेन बेरोजगार हो गया और फिर वो अमेरीका के खिलाफ ही खड़ा हो गया। आज अमेरीका और रूस उसी तालिबान से मदद ले रहा है जिसको अमेरीका खुद ही आतंकी देश कहता था जिसके साथ उसने युद्ध भी लड़ा।

जब अमेरीका को मेहसूस हुआ की उसका दबदबा विश्व में कम हो रहा है तब उसने इराक पर हमला करके सभी देशो को यह सन्देश देना चाहा की हमारी गुंडागर्दी में कोई कमी नहीं हुई। अमेरीका ने बिना सबूत के इराक पर हमला करके सद्दाम हुसैन को फांसी पर लटकाया और किसी देश ने विरोध तक ही नहीं किया। बाद में यह जॉर्ज बुश द्वारा यह कहना की हमने इराक पर हमला करके बहुत ही बड़ी गलती की है।

सभी को पता है विश्व में मिडिल ईस्ट के पास इतना पैसा था और आज वही मिडिल ईस्ट मंदी के दौर से गुजर रहा है , यही अमेरीका के राष्ट्रपति ओबामा गद्दाफी से मिलते है और गद्दाफी उन्हें गिफ्ट करते है और कुछ दिन बाद गद्दाफी के खिलाफ ही युद्ध छेड़ देना।

भारत की आज इकोनॉमी उभर रही है और अमेरीका गिद्ध की निगाह से भारत को देख रहा है ,आप इसी से अंदाजा लगा सकते है जब तक मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब तक अमेरिका उन्हें आतंकी कहता था, जब वो प्रधानमंत्री बन गए तो अमेरीका ने अपनी सोच इसलिए बदल ली क्यूंकि आज भारत खपत का सबसे बड़ा अड्डा है।

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