नीतीश कुमार के 13 साल और बिहार के मुसलमान , लाठी डंडे खाने वाले हजारों उर्दू उम्मीदवारों के घर आज भी मायूसी , जबकि उन्हें शिकार बनाने वाले नीतीश कुमार के चहेते आज भी मौज कर रहे , नीतीश कुमार की झूठी दिलासा ने 12000 हज़ार उर्दू टेट उम्मीदवारों की जिंदगियां तबाह कर दी। अब सवाल खड़ा हो रहा है कि अब नीतीश कुमार के साथ मुसलमानों का रवैया क्या होना चाहिए ? एक पुरानी स्टोरी लाया हूँ जिसे किसी अज्ञात ने अजीजपुर दंगे पर वेबपोर्टल Biharbroadcasting.Com पे कॉमेंट लिखा था । पढ़िए , गौर कीजिए और निर्णय लीजिये ।

http://biharbroadcasting.com/comment.html#.XEwQ2MlX7qA
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"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

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