विस्टॉल निवासी परशुराम सिंह के घर और उसके बगीचे से 7248 हैंड ग्रेनेड्स के पार्ट्स, 605 डेटोनेटर, 650 सेफ्टी कैच हैंड ग्रेनेड के अलावा राइफल, कारतूस, पुलिस वर्दी, नक्सली साहित्य, मोबाइल फोन, मैगजीन एवं अन्य विस्फोटक भारी मात्रा में जप्त किए गए थे। दो ट्रैक्टरों पर विस्फोट को लादकर पुलिस कड़ौना ओपी में लाई थी।

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नक्सलियों से बरामद विस्फोटक मामले की जांच करने जहानाबाद पहुंची एनआईए की टीम (पेज तीन के लिए )

हिन्दुस्तान टीम , जहानाबादLast Modified: Tue, Jun 22 2021. 21:20 PM IST
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हथियार बरामद स्थल विस्टॉल गांव जाकर व जहानाबाद के अधिकारियों से किया संपर्क

केंद्रीय जांच एजेंसी के एक डीएसपी के नेतृत्व में की गई प्रारंभिक जांच

31 मार्च को विस्टॉल गांव से बरामद हुए थे दो ट्रैक्टर विस्फोटक

पकड़ा गया था माओवादियों को हथियार भेजने वाला बड़ा सप्लायर

जहानाबाद। निज प्रतिनिधि

केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की चार सदस्य टीम ने जहानाबाद में नक्सलियों से बड़े पैमाने पर बरामद हथियार व विस्फोटक मामले की जांच शुरू कर दिया है। मंगलवार को एनआईए के एक डीएसपी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम जहानाबाद आई और कड़ौना ओपी के विस्टॉल गांव में जाकर एवं जहानाबाद के पुलिस अधिकारियों से मिलकर प्रारंभिक जांच की। विस्टॉल गांव में काफी देर तक जांच टीम रही। इस मौके पर जहानाबाद के एसडीपीओ अशोक कुमार पांडेय के अलावा ओपी के प्रभारी अजीत कुमार भी शामिल थे।

बता दें कि 31 मार्च को बिहार एसटीएफ की टीम ने खुफिया इनपुट पर विस्टॉल गांव के निवासी परशुराम सिंह के घर और बागीचे में छापेमारी कर भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किया था। उस दौरान माओवादी परशुराम सिंह जो हथियारों का बड़ा सप्लायर था उसे और उसके एक रिश्तेदार संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया था। माओवादियों को हथियारों के आपूर्तिकर्ता विस्टॉल निवासी परशुराम सिंह के घर और उसके बगीचे से 7248 हैंड ग्रेनेड्स के पार्ट्स, 605 डेटोनेटर, 650 सेफ्टी कैच हैंड ग्रेनेड के अलावा राइफल, कारतूस, पुलिस वर्दी, नक्सली साहित्य, मोबाइल फोन, मैगजीन एवं अन्य विस्फोटक भारी मात्रा में जप्त किए गए थे। दो ट्रैक्टरों पर विस्फोट को लादकर पुलिस कड़ौना ओपी में लाई थी।

बंगाल से भेजा जाता था विस्फोटक

बिहार एसटीएफ और जहानाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में यह खुलासा हुआ था कि बंगाल से जहानाबाद के नक्सल प्रभावित रहे विस्टॉल गांव में बड़े ही गोपनीय तरीके से परशुराम सिंह के घर निर्मित और अर्द्धनिर्मित हथियारों की खेप भेजी जाती थी और उक्त नक्सली हथियारों को फिनिशिंग टच करके झारखंड के जंगलों में सप्लाई करता था। दिखावे के लिए नक्सली परशुराम सिंह अपने गांव में बड़े ही साधारण ढंग से मजदूरी करता था। किसी को उस पर तनिक भी शक नहीं था। वर्ष 2004 से ही वह माओवादी संगठन में सक्रिय रहकर करीब 40-50 बार झारखंड के जंगलों में हथियारों की आपूर्ति कर चुका था। वह भाकपा माओवादी संगठन के शीर्ष नेता रहे स्वर्गीय देव कुमार के अलावा अन्य नक्सलियों से भी संबंध बनाए हुए था। जहानाबाद के कड़ौना ओपी के ही सलेमपुर गांव के निवासी और झारखंड में 25 लाख का इनामी माओवादी राधेश्याम सिंह से भी उसके संबंध थे। इन गंभीर मामलों की जांच जहानाबाद के एसडीपीओ अशोक कुमार पांडेय के नेतृत्व में की जा रही है। इस सिलसिले में जांचकर्ता के द्वारा शीघ्र चार्जशीट दाखिल करने की भी कार्रवाई की जा रही है। अब सरकार के आदेश के आलोक में नक्सलियों से बरामद विस्फोटक मामले की जांच की जिम्मेवारी केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपी गई है। प्रारंभिक जांच में डीएसपी के नेतृत्व में एनआईए की टीम विस्टॉल गांव गई। काफी देर तक लोगों से पूछताछ की। वहां की भौगोलिक स्थिति देखी। घर और उस बगीचे का भी मुआयना किया जहां से हथियार और विस्फोटक बरामद हुए थे। इसके बाद कड़ौना ओपी और जहानाबाद में में भी आकर मामले का अनुसंधान किया। घंटों प्रारंभिक जांच के बाद एनआईए की टीम फिलहाल पटना के लिए प्रस्थान कर गई है।

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